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Kirti Shah, Director, Textile World |
मुंबई: दीपावली के पश्चात यार्न का बाजार तेज हो गया है। कपड़ो का दाम बढ़ गया है मगर वह ऊंचे दाम में बिक नहीं रहा है। इस कारण भिवंडी, इचलकरंजी, अहमदाबाद आदि तमाम जगहों पर लोग हप्ते में ३ दिन लूम बंद कर रहे हैं। यह जानकारी यार्न टेक्टाइल वर्ल्ड के डायरेक्टर श्री कीर्ति शाह ने दी।
श्री शाह ने कहा कि उत्पादकों को उत्पादन करना परबर नहीं रहा है। ऊंचे रेट मे कोई माल खरीदने को तैयार नहीं है। दूसरी वजह यह है कि कोरोना की वजह से उत्पादकों को पिछले बकाया का अधिकांश मिल नहीं पाया है। इसी कारण उत्पादक उत्साह से काम नहीं कर पा रहे हैं। कपड़े का थोड़ा बहुत निर्यात में डिमांड है। कपड़े के रेट में लगभग १० प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गयी है।
उन्होंने कहा कि उत्पादक नया कपड़ा उधार में बेचना नहीं चाहते हैं, क्योंकि उनका जूना बहुत पैसा मारकेट में बांकी है। नये कपड़े के लिए सभी लोग आरटीजीएस मांगते हैं।
श्री शाह ने कहा कि दिवाली के बाद बाजार पूरा खुला नहीं है। अहमदाबाद के ज्यदातर व्यापारी दीवाली के बाद घूमने फिरने के लिए निकल पड़े हैं। कार्तिक पूणिमा से पहले उनके लौट आने की संभावना नहीं है। सूरत के व्यापारियों का भी मूड वही है। पूनम से पहले उनका काम काज भी खुलता हुआ नहीं दिखता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से पब्लिक का घरों से निकलना काफी कम हो गया है। गांव खेड़े में लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। वहां थोड़ा थोड़ा व्यापार हो रहा है। इसके अलावा मारकेट में कोई चार्म नहीं रहा। मुंबई में भी बाजार थोडा थोड़ा खुल रहा है। जैसे मंगलदास मारकेट रिटेल की वजह से खुलता है। वहां भी धंधा पंद्रह से बीस प्रतिशत पर आकर सिमट गया है। एमजे मारकेट की २५ प्रतिशत दुकाने खुलती हैं। बहुत कम लोग आ रहे हैं। जो दुकाने खुल रही हैं वहां भी मुश्किल से चंद ग्राहक आ रहे हैं। पोजीशन बहुत टाइट है। पैसे की मारा मारी बहुत है। जिनके पास पैसा है वे दबा कर बैठ गये हैं।
श्री शाह ने कहा कि लोगों में डर है कि कोरोना की लहड़ दुबारा आ सकती है। इसका व्यापारियों पर यह असर है कि वे डरे हुए हैं। वैसे मुझे यह नहीं लगता है कि लौक डाउन दुबारा होने वाला है। लौक डाउन से इनकम का बड़ा लौस होता है।
उन्हांने कहा कि आगामी लगन पीरियड छोटा है। दिसंबर में लगन है। बाकी तो लगन सीजन है नहीं। शादियों में कई तरह की मनाही हो गयी। इसका भी फैब्रिक के व्यापार पर ऋणात्मक प्रभाव पड़ता है।
श्री शाह ने आशा व्यक्त की कि जनवरी से मार्च तक टेक्सटाइल व्यापार लाइन पर आ जाएगा।
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