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कोरोना महामारी से टेक्‍सटाइल जगत और देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर सिवियर इम्‍पैक्‍ट पड़ा है: भोपाल सिंह


 

 

मुंबई: कोरोना महामारी से टेक्‍सटाइल जगत पर सिवियर इम्‍पैक्‍ट पड़ा है। इससे देश की अर्थव्‍यवस्‍था प्रभावित हुयी है। इसने एम्‍पलॉयमेंट को प्रभावित किया है। इसमें मध्‍यम वर्ग सबसे ज्‍यादा प्रभावित हुआ है। मध्‍यम वर्ग ही तो देश का सबसे बड़ा खरीददार है। उसकी परचेजिंग पावर घट गयी। जे पी एस फैशंस प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्‍टर श्री भोपाल सिंह ने यह जानकारी दी।

 

कोरोना महामारी का दुष्‍प्रभाव अगले एक साल तक भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर दिखेगा

 

श्री भोपाल सिंह ने कहा कि इस कोरोना महामारी का दुष्‍प्रभाव अगले ६ महीने से एक साल तक भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर दिखेगा। हम मालिकान ने तो दो महीने सम्‍हाल लिया । मगर आगे कितने दिनों तक हम सम्‍हाल पाएंगे। अब तो एक ही उपाय रह गया है कि सैलरी में कटौती करनी पड़ेगी। जिनकी उम्र ज्‍यादा हो गयी है, जो ट्रैवेल नहीं कर सकते उनको रिटायर करना पड़ेगा।

 

उन्‍होंने कहा कि कोविड १९ का इतनी जल्‍दी कोई तोड़ निकल आएगा, ऐसा लगता नहीं है। हम तो फैब्रिक उत्‍पादन के साथ ६ रिटेल शॉप भी चलाते हैं। हमे जमीनी हकीकत का पता है। टेक्‍सटाईल के बड़े उत्‍पाद सिर्फ अच्‍छी बातें कर रहे हैं। मैं उनकी सराहना करता हूं। करनी भी चाहिए। मगर व्‍यवहारिक होकर सोचना ज्‍यादा सही बात है। आदमी को फ्यूचरिस्टिक होना चाहिए। जो हकीकत है उसे स्विकारना ही पड़ेगा।

 

अगर कोरोना महामारी का तोड़ निकल गया तो भी टेक्‍सटाइल मारकेट में कम से कम ६ महीने के बाद ही मूवमेंट होगा


जे पी एस फैशंस प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्‍टर ने कहा कि अगर कोरोना महामारी का तोड़ निकल गया तो भी टेक्‍सटाइल मारकेट में कम से कम ६ महीने के बाद ही मूवमेंट होगा। हमें तो रिटेल ग्राहकों से भी सीधा सम्‍पर्क होता है। रिटेल इंडस्‍ट्री हिट होगी तो गारमेंट इंडस्‍ट्री हिट होगी तो टेक्‍सटाइल मैन्‍यूफैक्‍चरिंग इंडस्‍ट्री हिट होगी। इन सबका लौंग टर्म इंपैक्‍ट काफी सिवियर होने वाला है। टेक्‍सटाइल का ९० फीसदी तो MSME के दायरे में आता है। यदि ३० से ४० फीसदी MSME बंद होने की दशा में आने वाले हैं। इससे काफी पैसा भी डूबेगा। इससे धंधे पर फर्क पड़ेगा। रिटेल से जब तक पैसा नहीं आएगा हम कैसे काम काज चला पाएंगे। एक चीज दूसरी चीज से लिंक्‍ड है।


हर इंडस्‍ट्री पर इसका इम्‍पैक्‍ट आने वाला है


उन्‍होंने कहा कि लोगों की नौकरियां जा रही हैं। वह अब सस्‍ता कपड़ा भी तो नहीं खरीद पाएगा। आदमी की प्राथमिकता होती है घर चलाना । कपड़ा तो बाद में आता है। जो लोग नौकरियों में रहेंगे उनकी भी तो सैलरी कट होने वाली है। क्‍योंकि मालिकान जिंदा रहेंगे तभी कामगार भी जिंदा रह पाएंगे। आगे अगर चलाना है तो यही फारमूला चल पाएगा। सबको जीना है तो भार भी सबको बांटना होगा। हर इंडस्‍ट्री पर इसका इम्‍पैक्‍ट आने वाला है।

 

श्री भोपाल सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया एक बुरे समय से निकल रही है। मामला Struggle for existence and survival for fittest का बन गया है। शारिरिक और आर्थिक रूप से जो फिट होगा वही अपना स्तित्‍व बचा पाएगा।


खर्चों में कटौती करके काम चलाना होगा, तभी कोई सरवाइव कर पाएगा


उन्‍होंने कहा कि टेक्‍सटाइल पर तो इस महामारी का सिवियर इम्‍पैक्‍ट पड़ा है। हमे अपने पूरी कार्यवाहियों पर पुनर्विचार करना होगा। कि इसे आगे कैसे बनाए रखें। खर्चों में कटौती करके काम चलाना होगा। तभी कोई सरवाइव कर पाएगा।

 

श्री भोपाल सिंह ने कहा कि आशा की किरण यह है कि आज न कल इसकी वैक्सिन निकलेगी।

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