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| Sh. Ram Prasas Bidawadka, M D, Prabhujee Tex |
मुंबई:
वर्तमान में मुंबई के आसपास और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में टेक्सटाइल
फैब्रिक का उत्पादन सामान्य से करीब ३५ प्रतिशत रह गया है। प्रभुजीटेक्स प्रा
लि के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राम प्रसाद बिदावतका ने यह जानकारी दी।
श्री राम प्रसाद बिदावतका ने कहा कि भिवंडी, आदि में उत्पादन होना प्रारंभ हो गया है। सूरत और अमृतसर आदि शहरों से डिमांड आना
प्रारंभ हो गया है। औटोलूम पर प्रोग्राम कम है। लोगों के पास कोई विशेष ऑर्डर नहीं
है। मजदूरों की कमी बनी हुयी है। फिलहाल मजदूर उपलब्ध नहीं हैं। मजदूरों वाला
फैक्टर ज्यादा बड़ा है।
श्री
बिदावतका ने कहा कि बकाया रकम आ रही है, मगर इसकी गति बहुत धीमी है। दस से पंद्रह प्रतिशत व्यापारी ऐसे हैं, जो बकाया रकम चुका पा रहे हैं। ९० प्रतिशत व्यापारी इस दशा में नहीं हैं, जो इस समय बकाया रकम चुका सके।
प्रभुजीटेक्स प्रा लि के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि सेलिंग की
स्ट्रैटेजी में बदलाव लाना होगा। सेल्समेनों का कोरोना
काल होने से मूवमेंट लगभग बंद सा हो गया । उसकी जगह डिजिटल मेडिया ले सकता है।
अनेक व्यापारी अपने काम काज की बेहतरी के लिए इस डिजिटल युनिट को भी बतौर व्यापार का एक भाग समझकर
इसमें इंवेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं। ऑनलाइन सेल का काम काज बढ़ सकता है।
लोगों को आने वाले दिनों में सेल के लिए ऑनलाइन स्ट्रॉटेजी अपनानी पड़ सकती है।
इस माहोल में कॉनफ्रेंस तो हो नहीं सकती है। तो व्यापारियों को सेल्स और प्रोमोशन
में बदलाव लाना पड़ेगा।
श्री
राम प्रसाद बिदावतका ने कहा कि अनलॉक आरंभ हो गया है। रिटेल की दुकाने खुल रही हैं
इससे थोड़ा तो फर्क पड़ा है मगर कोई विशेष फर्क नहीं दिख रहा है। क्योंकि इतना
कुछ डिमांड नहीं निकला है। मुंबई के कालबादेबी, एम जे, मार्केट, मंगल दास मार्केट, स्वदेशी मार्केट, आदि जगहों में कुछ एक ग्राहक
मुश्किल से दिख रहे हैं। श्री बिदावतका ने कहा कि जब तक लोकल ट्रेने नहीं चालू
होगी, तब तक मुंबई में कोई विशेष ग्राहकी नहीं दिखेगी ।
श्री राम प्रसाद बिदावतका ने कहा कि व्यापार की दृष्टि से
फेस्टिवल की ग्राहकी कोरोना के कारण कमजोर
हो सकती है। टू और थ्री टायर सिटियों में कोरोना फैल रहा है। गांव और टू और थ्री
टायर सिटियां ही हमारी ग्राहकी का आधार हैं।
श्री बिदावतका ने कहा कि सभी जगह डर का माहोल है। उसकी वजह से लोग बाग घर से निकलने को डरते हैं।
कपड़ों के व्यापार में आने वाले समय में कोई विशेष तेजी आने की संभावना नहीं दिखती है। युनिफार्म
और गारमेंट सेक्टर में भी कोई उठाव नहीं है।


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