मुंबई : कपड़ा मंत्री पीयूष
गोयल और राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने 3 सितंबर 2021 को नई दिल्ली में
कपड़ा उद्योग के प्रमुख निर्यातकों की एक बैठक बुलाई। उन्होंने उद्योग और परिषदों
के साथ चर्चा की और बहुत से सुझावों पर विचार किया।
नवकार ग्रुप भिवंडी के हर्ष हरिया, जो कपड़ा मंत्रालय द्वारा स्थापित पेडिक्सिल के कमिटी ऑफ
एडमिनिस्ट्रेशन के सदस्य भी हैं। इन्होंने भिवंडी, इचलकरंजी, मालेगांव, इरोड, सूरत जैसे पावरलूम टेक्सटाइल क्लस्टर्स को बढ़ावा देने और विश्व स्तरीय प्रदर्शनियों का आयोजन करके निर्यात शुरू को बढावा देने हेतु सुझाव दिए हैं। इसमें भारत के छोटे उत्पादक भी भाग ले सकते हैं और दुनिया तक पहुंच सकते हैं।
दोढिया समूह के भद्रेश दोढिया और सीनियरटेक के उपाध्यक्ष ने
स्थिरता और मैन मेड फाइबर यार्न पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया क्योंकि यह
दुनिया में कपड़ों का भविष्य है।
कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग से कपड़ा निर्यात को वर्तमान
निर्यात मूल्य 33 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने का
लक्ष्य निर्धारित करने को कहा है। केंद्र ने अपनी ओर से उद्योग की मदद के लिए
उपाय किए हैं। हाल ही में निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर (RoDTEP) योजना पर छूट के तहत
नई दरों की घोषणा की गई थी।
नई दरों के अनुसार, RoDTEP (Rebate
on Duties and Taxes on Export Products) ने विभिन्न प्रकार के
यार्न और फैब्रिक के निर्यात पर 2.5 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत का
प्रोत्साहन दिया।
पीयूष गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय निर्यातकों के लिए
प्रोत्साहन पर पुराने बकाया के मुद्दे को हल करने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ
मिलकर काम कर रहा है। गोयल ने कहा कि टेक्सटाइल और मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल
पार्क के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनवेस्टिंग स्कीम ( पीएलआई योजना), मेगा इंटिग्रेटेड टेक्सटाइल
रिजन एंड एपेरल पार्क ( मित्र पार्क) योजना
अनुमोदन के अग्रिम चरण में है। साथ ही उन्होंने कहा, सरकार उद्योग की सभी
आवश्यकताओं पर विचार करने के लिए हमेशा तैयार है।
भारत के शीर्ष कपड़ा निर्यातकों ने कोविड मानदंडों को ध्यान में
रखते हुए इसमें ट्राइडेंट ग्रुप के राजेंद्र गुप्ता, वेलस्पन के बीके गोयनका, रिलायंस इंडस्ट्रीज के
राजवंशी, फेयरडील के धीरज छेड़ा, रेमंड्स लिमिटेड के
तुषार, शाही एक्सपोर्ट्स के आहूजा, सुमिलन ग्रुप, सतलज इंडस्ट्रीज, ग्रासिम्स के अग्रवाल
आदि अधिकारियों के साथ निर्यात प्रोत्साहन परिषदों से, कपड़ा मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, डायरेक्टरेट जेनेरल
ऑफ फॉरन ट्रेड ( डीजीएफटी) आदि को आमंत्रित किया गया था।







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