Header Ads Widget

 Textile Post

भारतीय फर्मों के राजस्व में Q2 में सालाना 18-20% की वृद्धि होने की संभावना है: CRISIL

 



18 अक्टूबर 2021:  इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही का आंकड़ा बताता है कि भारत के कॉर्पोरेट जगत के राजस्व को सालाना 18-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उनका राजस्‍व बढ़ाकर 8.2 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

इसका मुख्‍य कारण यह है कि गत समय में जिंस कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। उपभोक्ता उत्पादों की मांग में निरंतर वृद्धि हुई है।

करीब 300 कंपनियों के अनुसंधान अध्ययन से यह आंकड़ा सामने आया है।  इस अध्ययन में वित्तीय सेवाओं और तेल क्षेत्रों को छोड़ कर अनुसंधान किया गया है। ये कारपोरेट नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बाजार का 55-60 प्रतिशत हिस्सा हैं।

 


क्रिसिल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि  उपभोक्ता उत्पादों जैसे ऑटोमोबाइल से राजस्व में 19-21 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। निर्माण से जुड़े क्षेत्रों में सालाना आधार पर 22-25 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है।

 

मुख्य रूप से मूल्य वृद्धि के कारण उनकी राजस्व वृद्धि होगी। प्रमुख सेक्‍टरों में सालाना बिक्री वृद्धि ज्यादातर एकल अंकों में होगी। पहली तिमाही में देखी गई 47 प्रतिशत की सालाना वृद्धि की तुलना में विकास की गति अब धीमी होगी। क्रमिक आधार पर, कुल राजस्व में 8-10 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।

 


पहली तिमाही में कोविद -19 महामारी की दूसरी लहर की आशंका  के बावजूद उपभोक्ता उत्पादों से राजस्व में क्रमिक रूप से 23-25 ​​प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।

 

निर्माण से जुड़े क्षेत्रों में 3-5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि का अनुमान है क्योंकि मौसमी कमजोरी ने निष्पादन और मात्रा वृद्धि को धीमा कर दिया है।

 


 प्राप्तियों में वृद्धि के कारण ऑटोमोबाइल क्षेत्र में राजस्व में क्रमिक रूप से 27-30 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। ऑटो घटकों और टायर जैसे सहायक क्षेत्रों के लिए विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।  यह क्रमशः 12-14 प्रतिशत और 6-10 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ