सरकार के लिए अभी संकट है। अभी अर्थव्यवस्था खुला
ही है, कहीं कोई बड़ी समस्या न आ जाय। यह आशंका बनी हुयी
है। सरकार के सामने कोरोना महामारी से लड़ने का समय आया तो कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी
पार्टियों ने केंद्र सरकार का असहयोग किया। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को फेल करने
की अनेक कोशिश की गयी । मगर हर बार की तरह इस बार भी सरकार विजयी होकर बाहर निकली। अब जब कांग्रेस की सब तरकीब फेल हो गयी तो कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक नया पैतरा चला । उसने नरेंद्र
मोदी सरकार को बिन मांगे और अनचाहे सलाह दिए हैं। यह आज छपे उनके दो आर्टिकल से सामने
आता है। आइए उसका विश्लेषण करते हैं।
खतरनाक इरादे से सोनिया गांधी ने
नरेंद्र मोदी को राजनैतिक सलाह दी है
विपक्ष यदि सकारात्मक भूमिका निभाए यह लोकतंत्र
के लिए अच्छा है। यदि वह सार्थक और सकारात्मक सलाह दे तो सरकार को उसको मानना भी
चाहिए। लेकिन देश में अभी अच्छा समय चल नहीं रहा है। देश के लिए यह मुश्किल का दौर है।
ऐसे समय में खतरनाक इरादे से कांग्रेस के अंतरिम
अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा नरेंद्र मोदी को राजनैतिक सलाह दी गयी है। इस सुझाव
में कहीं भी देश, देश की अर्थव्यवस्था, देश के लोगों का हित कहीं नहीं हैं। सिर्फ और
सिर्फ अपना राजनैतिक लाभ कैसे सधे यही इनका मकसद है।
कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का आज
८ जून को कई अखबारों में एक लेख छपा है। दैनिक जागराण और इंडियन एक्सप्रेस
में तो मुझे दिख रहा है। इसमें एक सलाह दी गयी है।
Sonia Gandhi writes this is not BJP verses Congress. Use MGNREGA help
people of India. Sonia Gandhi writes ‘ My appeal to the government is that MANRAGA is a powerful mechanism. Please use it in the people’s
time in need.
देश को बरबाद करने वाली
अगर कोई योजना है, देश में भ्रष्टाचार की यदि कोई सबसे बड़ी योजना है, तो उसमें एक MGNREGA भी है। भारत सरकार स्वयं ४० हजार करोड़
रू की राशि बढ़ा दी है। फौरी तौर पर तो यह ठीक भी है, क्योंकि बड़ी संख्या
में लोग गांव लौटे हैं।
MGNREGA से भ्रष्टाचार का सिलसिला स्थायी हो जाएगा
अगर मौजूदा सरकार मनरेगा
को लंबे समय के लिए कनटीन्यू करेगी तो भ्रष्टाचार का सिलसिला स्थायी हो जाएगा।
उद्यमता खत्म हो जाएगी। गांव और शहर के बीच संतुलित अर्थव्यवस्था नहीं बन
पाएगी।
MGNREGA में कच्चा काम होता है। एक सीजन में बनता था और दूसरे सीजन में गयब हो
जाता था। बहुत सारी योजना मात्र कागज पर बनते थे। पैसा लोगों को और चला जाता था। जाने कितने तालाब जो बने ही नहीं, जाने
कितने सड़कें बनी ही नहीं। जाने कितने तालाब साफ हुआ ही नहीं मगर उसके नाम पर वीडिओ, ग्राम प्रधान, सारे अधिकारी, स्थानीय प्रभावी नेता
और बिचौलिया ठेकेदार और मजदूरों में पैसे बट जाते
थे। ऐसे चलता है यह भ्रष्टाचार।
अब जब से नरेंद्र मोदी की सरकार आयी है तो पैसा हाथों
हाथ नहीं बट सकता। वह उनके एकाउंट में डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांस्फर से जाता है।
मगर अब भी भ्रष्टाचार होता है। मजदूरों से कहा जाता है कि पहले आप हमे कैश में कट
कमीशन के पैसे दे दो, तभी हम आपका नाम
रजिस्टर में दर्ज करेंगे।
मनमोहन सिंह की सरकार ने ६० हजार करोड़ की कर्जमाफी की
थी। कर्ज माफी और मनरेगा जैसी ही कारनामों के कारण यूपीए सरकार में देश की अर्थव्यवस्था
चौपट हो गयी। मनमोहन तो कहने को पीएम थे, उनसे उपर एक राष्ट्रीय सलाहकार थी, जिसकी
प्रमुख सोनिया गांधी थी। उसने देश का बेरा गर्क किया। मनरेगा पूरी तरह से
कांग्रेस के स्थानीय नेताओं, ग्राम प्रधान, सरकारी अधिकारी, और बिचौलिया
ठेकेदार के लूट का अड्डा बन गया। अब जब डायरेक्ट खाते में रकम जाने लगी है तो
आपको काम ही नहीं मिलेगा जब तक कट कमीशन एडवांस में नहीं देते।
MGNREGA देश में बड़े पैमाने पर होने वाले भ्रष्टाचार का नमूना है
मनरेगा देश में बड़े पैमाने पर होने वाले भ्रष्टाचार का
जीता जागता नमूना और सबूत है। मनरेगा अपने आप में अच्छी योजना है जहां तक वह गांव
में रहने वाले लोगों को एक न्यूनतम रकम देकर और दूसरे लोंगों को बाहर निकल कर
उद्यमी बनने के लिए तैयार करे। इसे आपको पक्के और स्थायी काम से जोड़ना होगा। जो
नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया। उसके बावजूद भ्रष्टाचार का तंत्र कमोबेश जिवित रह
गया।
जागरण के आर्टिकिल में कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी लिख
रही हैं कि
MGNREGA को और
महत्व दे मोदी सरकार। MGNREGA के जरिए मिलेगा लोगों
को रोजगार । मोदी सरकार ने अभी इसे जारी रखा है। तत्काल तो यह ठीक है मगर यदि आप MGNREGAकी बदौलत देश के
मजदूरों का हाथ थामने की कोशिश की तो देश की अर्थव्यवस्था अंतत: चरमरा जाएगी।
कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का राजनीतिक ट्रैप है यह
यह कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का
राजनीतिक ट्रैप है। MGNREGA ओवरऑल एक कमीशनखोड़ी योजना है । आप इसे
महात्मा गांधी कमीशनखोड़ी योजना कह सकते है।
गांवों की कृषि व्यवस्था को सुदृढ़ करके ही
गांवों की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है। इसके लिए बेहतर कृषि उपज विपनन हो
सकते हैं। बेहतर खद्य प्रसंसकरण हो सकते हैं। बेहतर ग्रामीन उद्योग हो सकते हैं। आपको
करना है तो प्रधान मंत्री पक्की सड़क योजना के विस्तार से सभी गांबों को पक्की
सड़क से जोड़ दीजिए। उसका विस्तार कर दीजिए। क्यों यह ४० हजार करोड़ MGNREGA में लगा रहे हैं?
आप ग्रामीण सड़क योजना में, ग्रामीण सिंचाई योजना में यह रकम लगाएं। हर मंडी
तक और गोदाम तक पक्की सड़क को हर गांव से जोडि़ए। इससे मजदूरों को रोजगार भी
मिलेगा और किसानो का भी लाभ होगा। उसे उसके उत्पादन की आसानी से बिक्री होगी, और उचित मूल्य मिल पाएगा। यह जो कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी
ने लंबा चौरा आर्टिकिल लिखा है कि MGNREGA कानून एक
लंबे जनआंदोलन तथा सिविल सोसाइटी द्वारा उठायी जा रही मांगों का परिणाम है। कांग्रेस
ने जनता की इस आवाज को सुना और अमली जामा पहनाया। यह हमारे २००४ के घोषणा पत्र का
संकल्प बना। इस योजना के क्रियान्वन के लिए अधिक से अधिक दबाव डालने वाले हर व्यक्ति
को गर्व है कि इसे यूपीए सरकार ने लागू कर दिखा दिया।
इस ट्रैप में किसी भी हाल में नरेंद्र मोदी की सरकार को नहीं फसना चाहिए
यही सोनिया गांधी का वह ट्रैप
है जिसमें किसी भी हाल में नरेंद्र मोदी की सरकार को नहीं फसना चाहिए। MGNREGA का जो भी आउटले है, उसकी मोनेटरिंग सख्त
करनी चाहिए। कोशिश करके उसका अधिकतम बजट पक्के कामों की तरफ और न्यूनतम बज्ट
कच्चे कामों की तरफ होना चाहिए। यह देखने की जरूरत है कि एक ही तालाव, एक ही रोड, या कोई एक ही योजना पर
दुबारा तो काम नहीं दिखाया जा रहा है। अब तक तो यही हो रहा है कि MGNREGA में कच्चा काम होता है
और वह बाद में गायब हो जाता है। यदि ३ फीट गहराई की नहर बननी है तो १ फीट गहराई की
नहर बनती है। २ फीट गहराई के पैसे बांट लिए जाते हैं। और वह नहर किसी काम का होता
ही नहीं है। कुछ दिनों बाद तो लगता ही नहीं कि यहां कुछ काम हुआ था।
जो सोनिया गांधी मेडिया
हाउस को एक भी इंटरव्यू नहीं देती थी, वही आज अखबारों में
आर्टिकिल छपा रहीं हैं। आखिर उसका प्राबलैम क्या है? आप उनके खतरनाक मंशा को समझ
सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि
नरेंद्र मोदी सरकार उसके ट्रैप में नहीं फसेगी। प्रधान मंत्री से निवेदन है कि गलती
से भी इस ट्रैप में मत फंसें।
सोनिया गांधी जो राजनीति करती है वह देश के लिए खतरनाक है
सोनिया गांधी जो राजनीति
करती है वह देश के लिए खतरनाक है। वह लेख
में आगे लिखती हैं कि कांग्रेस के कारीक्रमों को यथावत स्विकार करने के लिए मजबूर मोदी
सरकार अभी भी कमिया खोजने के कुतर्क में लगी है। लेकिन देश जानता है कि दुनिया के सबसे
बड़े जन आंदोलन से निकले MGNREGA ने कैसे भारत
के लाखों गरीबों को गरीबी के कुचक्र से निकाला।
MGNREGA की वजह से एक भी व्यक्ति गरीबी से बाहर नहीं निकला
यह तथ्य ही गलत है कि MGNREGA की वजह से एक भी व्यक्ति
गरीबी से बाहर नहीं निकला है। देश में जो औद्यौगिक क्रांति आयी, सर्विस सेक्टर खुले, ओवरऑल जो अर्थव्यवस्था
में सुधार हुआ, कृषि में जो आधुनिकी करण आया उसकी वजहसे लोग गरीबी से बाहर
निकले हैं।
सोनिया गांधी ने लिखा कि MGNREGA के वजह से पंचायती राज संस्थाओं के स्वरूप में सुधार हुआ, इसकी वजह से जलवायु परिवर्तन
को कम करने में मदद मिली। इसकी वजह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।
इतना बड़ा झूठ बोलती है यह झूठ की देवी
यह तो बहुत बड़ा झूठ है।
यह झूठी महिला इतना बड़ा झूठ बोलती है कि आप सोच नहीं सकते हैं । इसका पूरा जीवन ही
झूठ और फ्रौड का पुलिंदा है। इसका नाम झूठा, इसकी डिग्री झूठी, इसके पीछले जीवन का इितिहास
झूठा। कमाल की फ्रौड लेडी है यह झूठ की देवी । इसने
इस देश में भ्रष्टाचार का ऐसा साम्राज्य फैलाया कि देश गरीब से गरीबतर होता चला गया
और वह खुद अमीर से अमीर तर होती चली गयी। वह आज दुनियां की ४थी सबसे अमीर महिला है।
लोगों को काम चाहिए खैरात नहीं चाहिए।
मौजूदा सरकार से मेरी
अपील है कि आपको ऐसी निति बनानी चाहिए कि जो राज्य औद्यौगिक रूप से आगे हैं उसे
और भी आगे जाने का मार्ग प्रसस्त किया जाय। देश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार का
मौका बने। सरकार इस ओर गामजन भी है। इस दिशा में काफी काम हो रहे हैं। मार्च २०२०
तक भारत में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश महाराष्ट्र में आया है। उसके पीछे पीछ अन्य
राज्यों में भी ज्यादा से ज्यादा उद्योग लग रहे है।


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