मुबई: कोरोना महामारी के
कारण डर का माहौल है। वास्तव में बहुत चिंताजनक स्थिति नहीं है। लेकिन मीडिया ने
इसे बहुत बढ़ाचढ़ा कर पेश किया है। स्थिति एक हद तक गंभीर तो है मगर इमसे डेथ रेट
बहुत ज्यादा नहीं है। युनिफार्म फैब्रिक के उत्पादन में लीडिंग कम्पनी स्पर्श फैब
टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री गिरीश तोदी ने यह जानकारी
दी।
उन्होंने कहा कि डर का जो माहौल बन
गया है उसकी वजह से ज्यादा प्रोबलेम है। यह तकलीफ अगले दो तीन महीने रहेगी। लेकिन
उसके बाद काम चालू हो जाएगा।
जब तक डर का माहौल रहेगा तब तक बाजार सही तरीके से खुलेगा नहीं
श्री गिरीश तोदी ने कहा
कि अगर वेस्टर्न कंट्रीज को देखे तो वहां भी डर तो है मगर काम काज चालू है। हमारे
यहां भी बड़ी संख्या में कोरोना पोजिटिव लोग बाग ठीक हो रहे हैं। कुछ तो अस्पतालों
से लौट कर आ रहे हैं और कुछ तो घर पर ही सेल्फ कोरेंटाइन करके ठीक हो रहे हैं। हम
सब वैक्सिन का इंतजार कर रहे हैं। वैक्सिन के आने के बाद ही पूरी तरह इत्मिनान का
माहौल बन पाएगा। तबतक तो बाजार की स्थिति धीमी ही रहेगी। जब तक डर का माहौल रहेगा
तब तक बाजार सही तरीके से खुलेगा नहीं।
अभी जरूरत है कि हर आदमी अपना ध्यान खुद रखे
स्पर्श फैब ब्रांड के
डायरेक्टर के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि अभी जरूरत है कि हर आदमी
अपना ध्यान खुद रखे। आप जहां काम करते हैं उस स्थान को, और उस माहौल को नीट एंड क्लीन रखें। सफाई के साथ काम करें। काम को और बेहतर कैसे कर सकते हैं और उसको
पोजिटिव तरीके से आगे कैसे बढ़ा सकते हैं, उन तरीकों को इनोवेट
करें। वर्तमान समय में सेल्समैन
नहीं जा पाएगा । अभी कुछ मंडियां खुलती हैं, तो कुछ अचानक बंद हो
जाती हैं। अभी ये स्थिति कुछ समय तो रहेगी और फ्रैक्चर्ड वे में काम भी चलता
रहेगा।
उन्होंने कहा कि अधिकांश लेबर बेशक घर
चले गये हैं मगर फिरभी जो लेबर कंटीन्यू कर रहे है उनसे काम हो रहा है । काम पूरी
तरह रूक नहीं गया। अभी सारे लेबर लौटकर आ जाएं इसकी आवश्यकता भी नहीं है।
जब यह पीक पर पहुचने के बाद नीचे उतरना आरंभ हो जाएगा तो माहौल पोजिटिव होना शुरू हो जाएगा
स्पर्श फैब टेक्सटाइल
प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि सबसे बड़ी बात तो यह है
कि डर का माहौल खत्म होना चाहिए। जब तक डर का माहौल है तब तक व्यापार कम रहेगा।
रोज कोरोना के केसेज बढ़ रहे हैं। जब यह पीक पर पहुचने के बाद नीचे उतरना आरंभ हो
जाएगा तो माहौल पोजिटिव होना शुरू हो जाएगा।
जरूरत है कि लोग अपना इम्यूनिटी लेवेल को बढ़ाने की कोशिश करें
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री
गिरीश तोदी ने कहा कि भारत में डेनसीटी ऑफ पोपुलेशन ज्यादा है। इसमें सोशल डिस्टैंसिंग
होना तो मुश्किल है। जरूरत है कि लोग अपना
इम्यूनिटी लेवेल को बढ़ाने की कोशिश करें।
इस संकट से उबरने में समय तो लगेगा मगर उसके बाद व्यापार बहुत तेजी से चलेगा
उन्होंने कहा कि कोरोना
के इस संकट से उबरने में समय तो लगेगा मगर उसके बाद व्यापार बहुत तेजी से चलेगा।
तब बाजार में बहुत बढिया रिक्वायरमेंट आएगी। तब व्यापार का अच्छा माहौल बन चुका
होगा।
अभी हमलोग सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापार कर रहे हैं
श्री गिरीश तोदी ने कहा
कि अभी मौजूदा स्थिति में हमने व्यापार करने के छोटे छोटे विकल्प निकाले हैं। अभी
हमलोग सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापार कर रहे हैं। अभी हम ज्यादा एक्टिव हो
गये हैं। वैसे व्यापार स्लो स्लो ही कर रहे हैं। मगर अपनी सक्रियता कम नहीं की
है। प्रोडक्शन भी स्लो है और मारकेटिंग भी स्लो है। काम रोका नहीं है बल्कि
सावधानी से कर रहे हैं।
आज की तारीख में सरकार से आप बहुत उम्मीद नहीं कर सकते
कंपनी के मैनेजिंग
डायरेक्टर श्री गिरीश तोदी ने कहा कि आज की तारीख में सरकार से आप बहुत उम्मीद
नहीं कर सकते । सरकार खुद हार्ड पोजीशन से गुजर रही है। सरकार ने २० लाख करोड़ के
पैकेज की घोषणा की। सरकार ने यह कोशिश की कि बाजार में लिक्विडिटी बनी रहे। सरकार
के पास भी ज्यादा पैसे हैं नहीं। यह कम नहीं है कि सरकार से जो भी बन पाता है वह
तो वो कर रहे हैं। हम उत्पादकों को अपने खर्च में कटौती करनी होगी।
आजकल २५ से ३० प्रतिशत हम काम कर पा रहे हैं
उन्होंने कहा कि हमने पिछले कुछ दिनो
से काम आरंभ कर दिया। आजकल २५ से ३० प्रतिशत हम काम कर पा रहे हैं। हम चाहते हैं
कि सब कुछ पोजीटिव हो। व्यपार का चैनेल कंटीन्यू रहे। आगे
भी हम इस दिशा में प्रयास रत रहेंगे। हमने अपने व्यापारियों के साथ रोटेशन बरकरार
रखा है। साइकिल चालू रखनी चाहिए। नहीं तो सिलसिला जाम हो जाएगा। हमें किसी भी हाल
में जाम नहीं करना है। व्यापार चालू रखना आवश्यक है भले ही इसकी गति धीमी पड़
जाए।
मजदूरों को उत्पादकों ने भरपूर सम्हाला
श्री गिरीश तोदी ने कहा
कि मजदूरों को उत्पादकों ने भरपूर सम्हाला। जो मजदूर
लॉकडाउन पीरियड में यहां रुके उसको इंडस्ट्रीयलिस्टों ने खाने पीने और अन्य व्यवस्था
में कोई कमी नहीं की। मेरी जानकारी में इंडस्ट्रीयलिस्टों ने मजदूर का खयाल रखा।
जो गांव चले गये उनको भी जाने के लिए जो हेल्प चाहिए था, उसमें हम उत्पादकों ने कोई कमी नहीं की।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर मजदूर रूकने को तैयार नहीं था। माहौल ही ऐसा बनता चला
गया। जो मजदूर धर चले गये वे भी संपर्क में हैं और जैसे जैसे हालात में सुधार होगा
वे भी लौटेंगे।


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