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गारमेंट की बिक्री थोड़ी थोड़ी होलसेल स्‍तर पर शुरू हो गयी है: राजेश मसंद, अध्‍यक्ष CMAI

 

Rajesh Masand, President, CMAI

 

मुंबई: गारमेंट की बिक्री थोड़ी थोड़ी होलसेल स्‍तर पर शुरू हो गयी है। अगस्‍त में यह बिलकुल ठप था। सितम्‍बर से होलसेल लेबेल पर थोड़ी थोड़ी बिक्री शुरू हुयी। क्‍लोदिंग मैन्‍यूफैक्‍चरिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआइ) के प्रेसिडेंट श्री राजेश मसंद ने यह जानकारी दी।

 

सीएमएआइ के प्रेसिडेंट ने कहा कि रिटेलर्स फेस्टिवल सीजन के लिए थोड़ा थोड़। माल खरीद रहा है। रिटेल में अभी तक ३० प्रतिशत से ज्‍यादा  ग्राहकी नहीं है। उन्‍होंने कहा कि अगर फेस्टिवल सीजन की ग्राहकी चलेगी, गारमेंट उद्योग की गाड़ी पटरी पर आ सकती है।

श्री मसंद ने कहा कि जहां तक पेमेंट का सवाल है, पेमेंट घीमा आ रहा है। रिटेल की दुकानों में ३० से ३५ प्रतिशत की बिक्री है और पेमेंट भी ३० से ३५ प्रतिशत ही आ रही है।  

श्री राजेश मसंद ने कहा कि कोविड  लॉकडाउन के दौरान तीन महीना तो व्‍यापार पूरी तरह ठप रहा । उसके बाद ज्‍यादातर उत्‍पादकों ने  स्‍टॉक पाजीशन को तथा रिटेल में सेल को ध्‍यान में रखते हुए, या तो अपनी प्रोडक्‍शन को रोक दी, या वे वही माल बना रहे थे, जिसकी आगे डिमांड है, जो माल वर्तमान में उनके पास कम है। पिछले एक महीने से प्रोडक्‍शन धीरे धीरे होना प्रारंभ हो गया है।

 

श्री मसंद ने कहा कि मौजूदा हालात में जितनी लेबर की जरूरत है, उतने उपलब्‍ध हैं। फिलहाल १००  प्रतिशत लबरों की जरूरत भी नहीं है और उतने उपलब्‍ध भी नहीं हैं।

सीएमएआइ के प्रेसिडेंट ने कहा कि हमने भरचुअल क्‍लोदिंग मैन्‍यूफैक्‍चरिंग एसोसिएशन नेशनल गारमेंट फेयर (CMAI 71 वें एनजीएफ) हाल ही में आयोजित किया था। जो वचुअल फेयर हुआ, वह उम्‍मीद से बेहतर रहा। दुकान दार का अभी भी यह सोच है कि उसको तभी माल चाहिए  जब वह माल उसकी जरूरत को पूरी कर सके । जहां भी बुकिंग हुयी, वहां व्‍यापारियों ने करीब ४० से ५० प्रतिशत बुकिंग करवायी। जो व्‍यापारीगण आए, उन्‍होंने सामान्‍य बुकिंग के मुकाबले ४५ से ४० प्रतिशट आर्डर किए हैं। चेन्‍नई में बुकिंग हुयी, अहमदाबाद में बुकिंग हुयी, मुंबई में बुकिंग हुयी। कमोवेश यही ट्रेंड रहा है।

 

ज्ञातव्‍य है कि सीएमएआई ने 71 वें एनजीएफ को 0 सितंबर को मुंबई में  आयोजित किया गया। यह एक वचुअल फेयर था।

CMAI का यह गारमेंट फेयर भारत का सबसे बड़ा फेयर माना जाता है है। इसमें मेंस वेयर, लेडिज वेयर, तथा किड्स वेयर के भारत के सभी प्रमुख उत्‍पादक भाग लेते हैं। इसमें मुंबई के सर्वाधिक गारमेंट उत्‍पादक भाग लेते हैं। औसतन इसमें सात से आठ सौ एक्‍जीबिटर्स भाग लेते हैं। इसका मुख्‍यालय मुंबई में स्थित है।

 

देश भर में लगभग 2000 से अधिक गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के सदस्‍य हैं। यह 15,000 रिटेलर्स का प्रतिनिधित्व करता है। श्री राजेश मसांद सीएमएआइ के वर्तमान प्रेसिडेंट हैं। परिधान उद्योग भारत में एमएसएमइ क्षेत्र का एक बड़ा महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है।

 

श्री मसंद ने कहा कि देश में इकोनोमिक में क्राइसिस है। सब जगह रोजगार के मुद्दे हैं। सिस्‍टम में पैसे का क्रंच है। ऐसे में, जैसा हम हर साल त्‍याहारों पर खर्च करते आ रहे हैं, वो शायद इस साल मुश्किल है। लेकिन इससे निराशा की कोई बात  नहीं है। लोगों ने गत लगभग ६ महीनों से कपड़ा पर कोई खर्च नहीं किया है। दुकाने भी अब खुलनी शुरू हो गयी हैं। तो शायद ग्राहक अब खर्चा करेंगे। इस उम्‍मीद से ग्राहकी चलने की आशा बनती है।

 

श्री मसंद ने आगाह किया कि इसमें सोशल डिस्‍टैंसिंग का ध्‍यान अवश्‍य रखा जाना चाहिए। दुकोनो पर ज्‍यादा भीड़ होना भी अच्‍छी बात नहीं है।

 

उन्‍होंने कहा कि बाजार को सामन्‍य होने में समय लगेगा। साल २०२१ के फरवरी मार्च सुधार की आशा है। मेरा आग्रह है कि मार्च तक संयम से काम लें और अपने आप को बचाएं।

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