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| Raman Jindal, MD, Bajaj Fab & Jindal Fab |
मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार ने जिस प्रकार से लॉकडाउन लगाया है, उसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव कपड़ा उद्योग को झेलना पड़ रहा है। बजाज सिल्क फैब तथा जिंदल सिल्क फैब के एमडी श्री रमण जिंदल ने यह जानकारी दी।
उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री से अपील की है कि कपड़ा को एसेंसियल कमोडिटी समझा जाय और इस उद्योग को किसी भी स्थिति में बंद नहीं किया जाय। कपड़ा उद्योग पर बंदी की वजह से एक पूरी श्रृंखला बाधित हो जाती है और बड़ी संख्या में मजदूर बेरोजगार हो जाते हैं।
श्री जिंदल ने कहा कि राटी कपड़ा और मकान वास्तव में एसेंसियल कमोडिटी की श्रेणी में आते हैं। रोटी के लिए तो सरकार ने होटलों को छूट दे रखा है। मकान के कंस्ट्रक्शन का काम भी अलाउड है। फिर कपड़े के काम के लिए विरोध न्यायसंगत नहीं है।
आज आप मौल में या दूकानों में कपड़ा नहीं खरीद सकते हैं। व्याह शादी प्रतिबंधों के साथ हो रहे हैं। एक तरह से कपड़ा व्यापार पर सर्वाधिक प्रतिबंध है। आज भारत में कृषि के बाद कपड़ा उद्योग दूसरे नम्बर पर आता है जिसने देश में सर्वाधिक रोजगार मुहैया किया है।
श्री जिंदल ने कहा कि बेशक हम कोविड के प्रोटोकोल का पालन करना अनिवार्य समझते हैं। हम इससे इनकार नहीं करते। हम कपड़ा उद्योग से जुरे लोग अपने फैक्ट्री में और अपने ऑफिसों में इसका पूरी तरह पालन करते भी हैं। हम पूरी सावधानी बरतते हैं।
उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि कपड़े वालों के हक में निर्णय लिया जाय। कपड़ा उद्योग एक व्यापक उद्योग है। इस पर अन्य कई उद्योग जैसे फैशन उद्योग तथा अन्य अनेक उद्योग आश्रित हैं।
उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग पहले से मार झेल रहा है । वह पहले ही काफी नुकसान उठा चुका है। वह तो और पीछे चला जाएगा। हम टैक्सपेयर लोग हैं। हमारे टैक्स से सरकारें चलती हैं। हम मैन्यूफैक्चर हैं, यार्न सपलायर हैं, लूम औनर्स हैं, एक्सपोर्टर्स हैं, सरकार के इस कदम से हम सब प्रभावित हो रहे हैं।
श्री जिंदल ने महाराष्ट्र सरकार और विशेषकर मुख्य मंत्री जी से अनुरोध किया है कि मुंबई जो कपड़ा नगरी के रूप में आज भी फेमस है, साथ ही महाराष्ट्र के अंदर कपड़ा उद्योग से जुड़े अन्य शहर हैं, जैसे भिवंडी, मालेगांव, इचलकरंजी, अमरावती, आदि वे पूरी तरह कपड़ा उद्योग पर निर्भर हैं। कृपया कपड़ा उद्योग को नजरअंदाज न करें। इससे इन शहरों में बड़ा रोजगार जुरा हुआ है। इतना बड़ा रेडीमेड सेक्टर इससे जुड़ा हुआ है। मुंबई डेनिम का इतना बड़ा सपलायर है। मुंबई गारमेंट का इतना बड़ा सपलायर है। यहां से बडी मात्रा में एक्सपोर्ट होता है। इस तरह के बंदिश से पूरा चैनेल डिस्टर्व होता है।
उन्होंने कहा कि पहले से ही कपड़ा उद्योग बहुत नुकसान में चल रहा है। हम कपड़ा उद्योग को नजरअंदाज न करें। कपड़ा को एसेंसियल कमोडिटी में शुमार करते हुए इस कपड़ा उद्योग को राहत दिया जाय।







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