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खादी कपड़ा क्षेत्र में रोजगार श्रृजन के लिए केंद्र सरकार का प्रयास

 



नयी दिल्‍ली : खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC)  कई योजनाओं को लागू कर रहा है, जो विशेष रूप से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान करेगी।  खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में संचयी रोजगार चालू वर्ष के अंत तक 1.30 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।

 


केवीआईसी सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना में सहायता प्रदान करके सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में गैर-कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार पैदा करने के लिए प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) नामक एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम लागू कर रहा है। । कार्यक्रम के तहत, सामान्य श्रेणी के लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत के 25% और शहरी क्षेत्रों में 15% की मार्जिन मनी सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।

 


अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला, भूतपूर्व सैनिक, शारीरिक रूप से विकलांग, उत्तर पूर्वी क्षेत्र, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों के लाभार्थी आदि विशेष श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी सब्सिडी 35 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों में और शहरी क्षेत्रों में 25%। परियोजना की अधिकतम लागत विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये है।

 


सरकार ने केंद्रीय बजट  में खादी प्लाजा स्थापित करने और संशोधित बाजार विकास सहायता योजना के लिए 340 करोड़ रुपये का पैकेज निर्धारित किया था। इसका उद्देश्य खादी उत्पादों के उत्पादन और बिक्री में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि करना है। गत तीन साल में पैकेज से करीब 15 करोड़ रुपये पांच खादी प्लाजा की स्थापना के लिए इस्तेमाल किए गये।  योजनाओं के आउटपुट आउटकम फ्रेमवर्क के प्रावधान से करीब 1,500 खादी संस्थानों को फायदा होगा।

 


सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय को आवंटित 6,481.96 करोड़ रुपये के पैकेज में से लगभग 3,002 करोड़ रुपये क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएस) को दिए गए हैं। यह लगभग 17,955 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी को मंजूरी देते हुए 4,68,000 रुपये के ऋण प्रस्तावों का समर्थन करने में मदद करेगा।

 


प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) से 56,500 माइक्रो यूनिट स्थापित किए जाएंगे और इससे करीब 4.52 लाख लोगों को रोजगार मुहैया  होगा । प्रशिक्षित व्यक्तियों के लिए नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी केंद्रों को 40,000 इकाइयों की सहायता और 1,99,500 व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने के लिए 105 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

 

क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम (CLCSS)  को 451 करोड़ रुपये प्रदान करने के लिए योजनाओं के आउटपुट आउटकम फ्रेमवर्क में भी प्रावधान किया गया है। इससे लगभग 6,700 एमएसएमई को उनकी उत्पादकता, उत्पाद की गुणवत्ता और बिक्री कारोबार में सुधार करने में मदद मिलेगी।

 

अगले दो वर्षों में औद्योगिक क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए एमएसएमई के लिए क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) को भी 184 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

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