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गोयल ने किया कपड़ा मशीनरी आयात निर्भरता को कम करने का आह्वान

 

Union Minister Piyush Goyal


केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कपड़ा इंजीनियरिंग उद्योग और सरकार के बीच ठोस प्रयासों के माध्यम से दुनिया भर में मान्यता प्राप्त 100 भारतीय कपड़ा मशीनरी चैंपियन विकसित करने और इस क्षेत्र की आयात निर्भरता को कम करने का आह्वान किया है।

वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कपड़ा मशीनरी निर्माताओं के साथ बातचीत कर रहे थे।

 

 


गोयल ने कपड़ा मशीनरी निर्माताओं को कमांड-एंड-कंट्रोल मानसिकता से बाहर निकलने और प्लग एंड प्ले के माध्यम से कपड़ा क्षेत्र को नाम और काम में जी सर्वोत्‍तम बनाने के लिए काम करने के लिए कहा।

 

विदेशी क्षेत्रों के कुल 15 कपड़ा मशीन निर्माताओं, 20 प्रमुख स्वदेशी कपड़ा निर्माताओं और सात कपड़ा मशीनरी और संबद्ध उद्योग संघों ने इसमें  भाग लिया और अपने विचार प्रस्तुत किए।

 

बातचीत का उद्देश्य मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में कपड़ा इंजीनियरिंग उद्योग (TEI) के विकास के लिए एक सुविधाजनक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए संभावित रणनीति तैयार करना था।

 

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय पूंजीगत वस्तु नीति विनिर्माण क्षेत्र की एक नीति है जिसका उद्देश्य पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन को 2014-15 के लगभग 31 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 2025 तक 101 बिलियन अमेरिकी डॉलर करना है।

 

गोयल ने कपड़ा उद्योग से गति(speed), कौशल(skill) और पैमाने (scale,)पर ध्यान केंद्रित करने और नवीन साझेदारी में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने दुनिया भर में मान्यता प्राप्त  भारतीय कपड़ा मशीनरी  क्षेत्र में 100 चैंपियन विकसित करने का आह्वान किया।

 


मंत्री ने कहा कि भारत को कपड़ा मशीनरी का उत्पादन करने,  और बड़े पैमाने पर उत्पादन करने, गुणवत्ता और मात्रा के साथ अपनी पसंद की मशीनरी का उत्पादन करने में वैश्विक खिलाड़ी बनना चाहिए जिसकी दुनिया को आवश्यकता है।

 

"उन्होंने कहा कि हम आयात के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमें कपड़ा इंजीनियरिंग उद्योग और सरकार के बीच मिलकर प्रयास करके भारत में कपड़ा मशीनरी की आयात निर्भरता को कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता पर ध्यान देने से बड़े और उच्चतर बाजारों पर कब्जा करने में मदद मिलेगी।

 

गोयल ने आशा व्यक्त की कि एक आधुनिक और उन्नत कपड़ा मशीनरी इकोसिस्‍टम का असंगठित भारतीय कपड़ा उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

 

यह निरंतर उन्नति और नवाचार के लिए गति निर्धारित करेगा जिसके परिणामस्वरूप मूल्य श्रृंखला के साथ प्रतिस्पर्धी क्षमताओं का विकास और वृद्धि होगी।

 


उन्होंने कहा कि मशीनरी निर्माण की  सुविधा (facility) यथास्थिति  (status quo) की जड़ता (inertia) को बदल देगी;  मूल्य श्रृंखला के साथ गतिशीलता को बढ़ाएगी; घरेलू खपत को बढ़ाएगी; आयात निर्भरता को धीरे-धीरे कम करेगी; उच्च मूल्य के सामानों के निर्यात को बढ़ावा देगी।

उन्होंने कहा कि आज, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बड़ा सोचने के लिए, अधिक महत्वाकांक्षी होने और कड़े लक्ष्य निर्धारित करने के लिए उत्साहित और सक्रिय महसूस करता है।

 

मंत्री ने कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्षों में कपड़ा और परिधान निर्यात के लिए 100 बिलियन अमरीकी डालर का लक्ष्य रखा है, और कपड़ा क्षेत्र को इसे प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।

 

उन्होंने कहा कि भारतीय कपड़ा इंजीनियरिंग उद्योग (TEI) विनिर्माण उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने की आधारशिला है, जिसमें घरेलू अनुसंधान और विकास (R&D), उद्यमशीलता की भावना और संयुक्त उद्यमों की खोज ने नए अवसरों की शुरुआत की है।

 

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के बारे में बात करते हुए, गोयल ने कहा कि उद्योग को प्रोत्साहित करने और प्लग के लिए एक आम बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए जल्द ही सात स्थानों की पहचान की जाएगी।

 

उन्होंने निर्माताओं से पीएम-मित्रा योजना में शामिल होने और इसके लाभ उठाकर विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने का भी आग्रह किया।

 

मंत्री ने कहा कि कच्चे माल की तरलता (liquidity) और बढ़ती लागत और माल ढुलाई जैसी कुछ चुनौतियां अभी भी हैं, जिसके लिए सरकार सक्रिय रूप से कई कदम उठा रही है, ताकि कपड़ा इंजीनियरिंग उद्योग ऐसे मुद्दों से आत्मविश्वास के साथ निवट  सके।

 

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अंतर्राष्ट्रीय पूंजी प्राप्त करने में कोई बुराई नहीं है जो भारत में रोजगार के सृजन में मदद करेगी और मूल्य वर्धन करेगी और संपूर्ण वस्त्र पर्यावरण तंत्र का विस्तार करेगी।

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