नयी दिल्ली : 01 फरवरी2022: केंद्रीय बजट 2022-23 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने "लोगों
के अनुकूल" और "प्रगतिशील" बताया।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि खासकर ऐसे समय
में जब देश महामारी से लड़ रहा है, यह बजट भारत के विकास पथ
के लिए नई ऊर्जा और ताकत लेकर आया है ।
उन्होंने कहा, कि यह बजट अधिक बुनियादी
ढांचा, अधिक निवेश, अधिक विकास और अधिक
रोजगार लेकर आया है।
प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत के युवा इस बजट को एक ऐसे बजट के रूप
में देखते हैं जो उनकी महत्वाकांक्षाओं को पंख देगा। सभी क्षेत्रों में भविष्य की प्रौद्योगिकियों पर जोर दिया
गया है। इससे हमारे नागरिकों के एक बड़े वर्ग को लाभ होगा।
केंद्रीय बजट पेश करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, वित्त मंत्री निर्मला
सीतारमण ने कहा कि महामारी के कारण लोगों को हो रही कठिनाई के कारण करों में
वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया गया।
सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि आने वाले साल में देश
की विकास दर 9.27 फीसदी रहने की उम्मीद है। विकास के चार स्तंभों - समावेशी विकास (inclusive development), उत्पादकता वृद्धि(, productivity enhancement), ऊर्जा संक्रमण(, energy transition) और जलवायु कार्रवाई(climate action) पर ध्यान देने के साथ
बजट 75 पर भारत से 100 पर भारत के अर्थव्यवस्था का खाका देता है।
बजट 2022-23 में केंद्र सरकार के प्रभावी पूंजीगत व्यय(effective capital expenditure) का अनुमान 10.68 लाख करोड़ रुपये है, जो सकल घरेलू उत्पाद(GDP) का लगभग 4.1 प्रतिशत है। वित्त
मंत्री ने कहा कि जनवरी 2022 के लिए सकल जीएसटी
संग्रह 1,40,986
करोड़
रुपये है - जो 2017
में
हुए कर की स्थापना के बाद से सबसे अधिक है।
डिजिटल मुद्रा के लिए एक प्रमुख आगे बढ़ाया जाएगा। 2022-23 से आरबीआई द्वारा
ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके डिजिटल रुपया जारी किया जाएगा। इससे अर्थव्यवस्था को
बड़ा बढ़ावा मिलेगा। किसी भी आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय
पर 30 प्रतिशत की दर से कर
लगेगा।

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