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बजट में शहरों की विकास योजना अगले 25 वर्षों के हिसाब से शामिल


 

नयी दिल्‍ली :  01 फरवरी 2022 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज अगले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट का एलान किया. इस बजट में सिर्फ एक वित्त वर्ष की बजाय अगले 25 वर्षों के हिसाब से भी कुछ एलान किए गए. इसमें शहरों की विकास योजना शामिल है. अगले 25 वर्ष में यानी वर्ष 2047 में स्वतंत्र भारत 100 साल का हो जाएगा.

उस समय देश की आधी से अधिक जनसंख्या शहरों में निवास करेगी

अगले 25 वर्ष में भारत में देश की आधी से अधिक जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास कर रही होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे में एक सुव्यवस्थित शहरी विकास बहुत ही महत्वपूर्ण है ताकि देश की आर्थिक क्षमता का उपयोग किया जा सके. इसके लिए वित्त मंत्री ने मेगा सिटीज और उसके आसपास के क्षेत्रों को आर्थिक विकास के वर्तमान केन्द्रों के रूप में विकसित करने की जरूरत बताई.

 

टियर-2 और टियर-3 शहरों में सुविधा बढ़ाने की जरूरत

 

वित्त मंत्री ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में सुविधा बढ़ाने की जरूरत बताई जिससे कि इन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सके.

 

शहरों के लिए पॉलिसी, कैपिसिटी तैयार करने, उसकी प्लानिंग करने, फिर लागू करने और प्रशासन पर सिफारिशों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन किया गया है. इस समिति में प्रतिष्ठित शहरी नियोजकों, शहरी अर्थशास्त्रियों और संस्थानों को शामिल किया जाएगा.

 

शहरों के विकास के लिए वित्त मंत्री ने राज्यों को सहायता देने का एलान किया है. बिल्डिंग से जुड़े उपनियमों के आधुनिकीकरण, टाउन प्लानिंग स्कीम्स (TPS) और ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) को लागू किया जाएगा. इससे लोगों को आवागमन में आसानी होगी. वित्त मंत्री ने राज्यों को सार्वजनिक परिवहन परियोजनाओं और अमृत योजना के तहत दी जाने वाली केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता का लाभ देने का एलान किया है

 

250 करोड़ रुपये का एंडोमेंट फंड

शहरों की योजना और डिजाइन को लेकर विशेष ज्ञान डेवलप करने और इन क्षेत्रों में प्रमाणित प्रशिक्षण के लिए विभिन्न क्षेत्रों के पांच मौजूदा शैक्षिक संस्थाओं को उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में चिन्हित किया जाएगा. इसमें से हर एक केंद्र को 250 करोड़ रुपये का एंडोमेंट फंड दिया जाएगा. इसके अलावा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में शहरी नियोजन पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) को उपलब्ध कराएगा और गुणवत्ता में सुधार करेगा.

 

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के तरीके में बदलाव

शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के तरीके में बदलाव लाया जाएगा. इसके लिए स्वच्छ तकनीकी व गवर्नेंस सॉल्यूशंस, शून्य जीवाश्म ईंधन नीति व ईवी (इलेक्ट्रिक गाड़ियों) के जरिए आने-जाने को बढ़ावा दिया जाएगा.

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