![]() |
| Shikhar Jain, Vice President, Hindustan Chamber of Commerce |
मुंबई: जब पूरे देश में लॉकडाउन हो गया तो
टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भी फर्क पड़ना ही था। देश भर में सभी उद्योंगों को इससे
प्रभाव पड़ा, सभी कामगारों को प्रभाव पड़ा।
सारे वर्कर और स्टाफ अपने गांव चले गये। अब यहां न कोई प्रोडक्शन है, न बिक्री है, न ग्राहकी है। हिंदुस्तान चैम्बर
ऑफ कामर्स के वायस प्रेसिडेंट श्री शिखर जैन ने यह जानकारी दी।
यह पूरा का पूरा साल हाथ से निकल गया
श्री जैन ने कहा कि जब पूरा का पूरा देश ही बंद
है, तो कोई जगह बची नहीं। टेक्सटाइल
इंडस्ट्री १०५ प्रतिशत इससे प्रभावित हो गया। जो आर्डर लंबित थे उसका भी काम बीच
में ही रूक गया। जो माल डिस्पैच के लिए तैयार था, वह भी रखा
रह गया। शिपिंग बंद हो गया तो एक्सपोर्ट भी बंद हो गया। विदेशों में भी कामकाज
रूका पड़ा है। भारत ही नहीं सारे विश्व में सारी गतिविधियां बंद हो गयीं। तो ऐसे में कोई क्या व्यापार कर पाएगा? इस तरह
हमलोग तो १०५ प्रतिशत लॉस में हैं। यह पूरा का पूरा साल हमारे हाथ से निकल गया।
हमारे लिए बहुत मुश्किल धड़ी है यह
उन्होंने कहा कि मुंबई से ३० लाख लोग बाहर जा चुके हैं। आज अगर
कोई दुकान भी खोले तो क्या फायदा जब ग्राहकी ही नहीं है। रास्ते पर चलने वाला कोई
आदमी नहीं है। हमारे ऑफिस में जहां ४० स्टाफ काम करते थे, वहां एक आदमी काम कर रहा है। अगर उन्हें हम आधी
पगार भी दें तो हमारे सर पर टेंसन तो है। बैंकों का ब्याज चल रहा है। बैंक ने छूट
दी है कि ६ महीने बाद में पैसा वापस दो। मगर समस्या है कि हम यह पैसा लाएंगे कहां
से ?
हिंदुस्तान
चैम्बर ऑफ कामर्स के वायस प्रेसिडेंट ने कहा कि सरकार ने अपनी गैरेंटी स्कीम के
तहत २० प्रतिशत देने का वादा किया था, वह पैसा आज तक तो
मिला नहीं। हमारे लिए बहुत मुश्किल धड़ी है यह।
अगले साल मार्च महीने तक यह बराबर हो पाएगा
श्री जैन ने कहा कि अगले साल मार्च महीने तक यह बराबर हो पाएगा, यदि आगामी एक जुलाई से काम काज फिर से चालू करते हैं
तो। मजदूर जो चले गये वे आज न तो कल सब
कोई आएंगे। मगर स्थिति को सामान्य होने में समय लगेगा।
कोरोना वायरस इतना फेटल नहीं है जितना प्रचार किया गया
उन्होंने कहा कि यदि आपके शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक है तो यह
आपको तकलीफ नहीं देगा। जितने लोग मरे हैं वे उन बीमारियों से मरे हैं जिससे वे
पहले से पीडित थे। यह जब किसी पूर्व की बीमारी के साथ जुड़ गया तब यह मरीज के लिए
फेटल बन गया। अन्यथा यह इतना फेटल नहीं है जितना प्रचार किया जा रहा है। जो लोग
मरे हैं उसमें जवान लोग हार्डली १० प्रतिशत हैं।
श्री जैन ने कहा कि इस वायरस का जो हौआ पैदा किया गया वह बीमारी से भी ज्यादा
खतरनाक साबित हुआ। टीवी पर एंकर रोज यह बताते हैं कि संक्रमित मरीजों की संख्या रोज
बढ़ रही है मगर उसमें से ९० प्रतिशत लोग स्वस्थ होकर घर लौट रहे थे उसका वे
जिक्र तक नहीं करते हैं। वे डर दिखाने में ही अपनी काबिलियत समझते हैं। लोगों को भयंकर तरीके से डराया जा रहा है।
मालिकों ने मजदूरों के सहयोग में कोई किंतु परंतु नहीं की
हिंदुस्तान चैम्बर ऑफ कामर्स के वायस प्रेसिडेंट ने कहा कि कि
मालिक लोगों ने अपने मजदूरों का १०० प्रतिशत खयाल रखा। मालिकों ने उन्हें सहयोग
करने में कोई किंतु परंतु नहीं की। हम अपने सभी स्टाफ को तनख्वह दे रहे हैं।
हमने और दूसरे उद्योगपतियों ने भी किसी मजदूर को भूखा मरने नहीं दिया। उनको उनके
हाल पर छोड़ दिया गया हो, ऐसा किसी ने भी नहीं
किया।
श्री जैन ने कहा कि मजदूर इसलिए भी चले गये कि एक तो यहां डर का माहौल
बनता गया और दुसरा होम सिकनेस भी एक फैक्टर था। यहां सब कुछ बंद था । उन्हें लगा कि
यहां बैठ कर करें क्या ? ये सभी फैक्टर एक साथ जुड़ गये।
चीन और भारत की छवि में रात और दिन का फर्क
उन्होंने कहा कि चीन से दुनियां भर के देशों का विश्वास घटा है, उसका १०० प्रतिशत लाभ भारत को मिलेगा। आज पूरी
दुनियां में भारत की छवि बहुत अच्छी है। चीन की छवि और भारत की छवि मे रात और दिन
का फर्क है। सारा संसार जानता है कि चीन एक विस्तारवादी देश है। वह पड़ोसियों की
भूमि को हड़पने वाला देश है। यह विश्व के अन्य देशों का व्यापार चौपट करने वाला
देश है। वह दूसरे देशों को कर्ज के जाल में फंसाकर उसको गुलाम बनानेवाला देश है।
चीन उतना बड़ा है नहीं जितना बड़ा दिखता है
श्री जैन ने कहा कि आज नक्शे में जितना बड़ा चीन दिखता है, वह सही में उतना बड़ा है नहीं। उसने आसपास के
देशों को कब्जा करके अपना क्षेत्रफल बढ़ाया है। उसने लद्दाख को हड़प लिया, तुर्कमेनिस्तान का पूर्वी हिस्सा छीन लिया जिसे लोग सिनजियांग कहते
हैं। उसने लाओस, कम्बोडिया, वियतनाम, बर्मा, मंगोलिया आदि सबों का कुछ न कुछ हिस्सा कब्जा
कर रखा है। उसका जापान, फिलिपिंस,
इंडोनेसिया से भी जल क्षेत्र का विवाद हैं। चीन की छवि एक गुंडा देश या
रोग नेशन की है। आज समय आ गया है कि पड़ोसी देशों का जो हिस्सा चीन के कब्जे में
है उसे चीन से मुक्ति मिले।
अक्साई चीन और पीओके वापस लेने का समय आ गया है
श्री
जैन ने कहा कि अपनी संसद को चाहिए कि वह लद्दाख को स्वतंत्र देश के रूप में
मान्यता दे और दूसरे देशों से भी ऐस करने की अपील करे। हमारा अक्साई चीन वापस लेने का समय आ गया है। उसे वापस लेने का यह हमारे
लिए स्वर्णिम अवसर है। हमे मोदी जी पर भरोसा है कि वह ऐसा करने में सफल होंगे।
यह उनकी रणनीति में शामिल भी है। सारी दुनियां आज मोदी जी के साथ खड़ी है। आज भारत
एक बेहतरीन दौर से गुजर रहा है। चीन के साथ उत्तर कोरिया और पाकिस्तान के अलावा कौन
है? इसके साथ ही पाकिस्तान अकुपाइड कश्मीर भी लेने का समय आ गया है।


.jpg)
.jpg)










.jpg)
.jpg)

0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam links in the comment box.