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| Kalyanji Jana, Actor, Director and Producer |
मुंबई: कल्याणजी जाना को गरीबों का एक्टर कहा जाता है। उन्होंने जीरो से हिरो का सफर तय किया। कल्याणजी जाना ने जिंदगी में आनेवाली समस्याओं से लड़ने का एक मिसाल पेश किया है। वे गरीबों में खासा लोकप्रिय हैं। वे बारह साल की उम्र में मुंबई आए। फिर विभिन्न परिस्थितियों का सामना किया और आज मुंबई में वे खास लोगों में गिने जाते हैं।
उन्होंने अपने जीबन में बहुत संघर्ष किया। उन्होंने यहां एक कचरा चुनने से अपने जिंदगी की शुरूआत की और आज ऐसा आलम है कि कल्याणजी जाना अब तक कई फिल्में बना चुके हैं। वे एक्टर भी हैं, वे दादा साहब फाल्के अवार्ड शो भी कराते हैं।
कल्याणजी जाना बंगाल के मेदनीपूर के एक छोटे से गांव शादवा कोटा में पैदा हुए। मुश्किल से उन्होंने ४ क्लास तक की शिक्षा हासिल की । हालांकि वे फर्राटेदार हिंदी और अंग्रेजी बोलते हैं।
वे जब मुबई आए तो बस उनकी आंखों में एक ही सपना था कि हर महीने कुछ पैसा कमाऊं और गांव भेजूं। वे मानते हैं कि उनकी उन्नति के पीछे उनके माता पिता के आशीवाद मुख्य कारक है। उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए मुंबई की मायानगरी में अपने लिए जगह बनाना एक मुश्किल काम है।
श्री जाना ने कहा कि एक बार ऐसा भी वक्त आया एक शो हो रहा था जिसमें कल्याण जी जाना को भी डांस करना था। मगर आयोजकों ने यह कह कर उन्हें मना कर दिया कि आप को इस मंच पर डांस नहीं करने दिया जाएगा क्योंकि आप फूल वेचने वालों के लिए यह मंच नहीं है। अगले दिन उनको क्लास से निकाल दिया गया। मगर अगले ही साल उस मंच पर श्री जाना का अपना नीजी शो का आयोजन और मंचन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। आज मुंबई के अनेक स्कूलों और कालेजों में वे बच्चों को डांस सिखते हैं।
कल्याणजी जाना को अबतक लगभग १८० पुरष्कार मिल चुके हैं। अभी वे बतौर हीरो और कमेडी एक्टर काम कर रहे हैं। इसके अलावा वे डांस परफौरमर और कोरियोग्राफर का भी काम करते हैं। उन्हें अनेक समारोह में चीफ गेस्ट के रूप में बुलाया जाता है। वे दार्शनिक मुंबई नामक समाचार पत्र का संचालन करते हैं। वे उसके एडीटर भी हैं। इस समाचार पत्र के नाम से उन्होंने अवार्ड सेरेमोनी का आयोजित करना आरंभ किया जिसका नाम है दार्शनिक मुंबई प्रेस मिडिया अवार्ड। अवार्ड देने का यह सिलसिला पिछले सात सालों से चल रहा है।
कल्याणजी जाना एक संस्था चलाते हैं जिसका नाम है, दादा साहब फाल्के आइकोन अवार्ड फिल्म्स। यह संस्था अवार्ड समारोह भी करती है जिसमें कलाकारों को पुरष्कृत किया जाता है।
कल्याणजी जाना आदर्शनगर में एक भंडारा शुरू कर रहे हैं जिसमें वे स्ट्रगलर आरटिस्टों को एक वक्त का खाना फ्री में खिलाते हैं।
कल्याणजी जाना कई फैशन एक्सेसरीज ब्रांडों के ब्रांड एम्बैसेडर हैं जिसमें महाराष्ट्र बाजार पीठ, घंटा पानवाला, डीसीवी वर्चुअल वर्ल्ड प्रा.लि आदि शामिल हैं।
कल्याणजी जाना की खूबी यह हैं कि इनकी जिंदगी में कोई बीरी, सिगरेट, गुटका, पान, दारू, गांजा, नहीं है।
अपने संघर्ष की शुरूआत में वे फूट पाथ पर सोते थे। उन्होंने पहली बार कांदिवली के शंकर गली में भाड़े का कमरा लिया। यह उन्हें एक एचीवमेंट जैसा जगा। उन्होंने एक साइकिल खरीदा और उसकी मदद से आस पास के बच्चों को डांस सिखाने जाते थे। बाद में एक बाइक खरीदा। फिर कांदिवली और बोरीवली और मलाड में डांस सिखाने के काम को बढाते चले गय। वहां के डांस टीचरों में वे एक ब्राड बनकर उभरे।
जब वे फिल्मों में काम ढूंढ रहे थे उन्हें काम नहीं मिल रहा था। उन्होंने देखा कि जो आदमी लड़की के साथ आता है उसे आसानी से इंट्री मिलती है। तब उन्होंने अपनी फिल्म बनाने का फैसला किया और बनाया भी। डिस्ट्रीव्यूटरों ने उनका साथ नहीं दिया। मगर तब उनको उनके भाई और उनकी पत्नी ने काफी साथ दिया। अंतत: वे फिल्मों में भी सफल हुए। और आज कल्याणजी जाना मुंबई की एक बड़ी हस्ती हैं। उन्होंने कुछ फिल्में बनायी जो इस तरह हैं, ड्रीम सिटी मुंबई नगरी, मैं हूं औटोवाला, आई लव यू यूपी, ये आने वाली हैं।
इस कहानी में यही संदेश है कि अपनी गरीबी से मत घबराएं। आप भी कुछ कर सकते हैं यदि आप की नियत साफ है, अगर आप में जजबा है, इमानदारी है तो आप बहुत कुछ कर सकते हैं।



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