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फैब्रिक व्‍यापार की वर्तमान स्थिति यह है कि एक बार उठाव आता है और फिर वह धीमा पड़ जाता है : रमन जिंदल

Raman Jindal, Director, Bajaj Fab, Jindal Fab & Bajaj Enterprises

मुंबई: फैब्रिक व्‍यापार की वर्तमान स्थिति यह है कि एक बार उठाव आता है और फिर वह धीमा पड़ जाता है। कहीं कहीं हमारे प्रतिनीधि घूम भी रहे हैं। सैंपलिंग भी हो रही है। डिमांड भी ठीक आयी है। कहीं कहीं उम्‍मीद जगती है, फिर लॉक डाउन की हवा उड़ती है और उसकी वजह से सुस्‍ती का माहोल आ जाता है। बजाज फैब, जिंदल फैब और बजाज एंटरप्राइजेज के डायरेक्‍टर श्री रमन जिंदल ने यह जानकारी दी।


 

 

श्री रमन जिंदल ने कहा कि सेल्‍स मैन फील्‍ड पर जा रहे हैं मगर उसमें समस्‍या यह आ रही है कि ट्रेने बंद हैं और इस कारण व्‍यापार को बहुत नुकसान हो रहा है।

 

श्री जिंदल ने सरकार से यह प्रार्थना की है कि ट्रेनों की आवाजाही शुरू की जाय। अन्‍यथा व्‍यापार ठप हो जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इस दशा में दो से चार प्रतिशत जो बड़े उत्‍पादक हैं उन्‍हीं के हाथ में सारा व्‍यापार आ जाएगा और और बाकी उत्‍पादक सड़क पर आ जाएंगे। यह राष्‍ट्र के लिए एक नयी मुसीबत हो जाएगी।

 

उन्‍होंने कहा कि आउटस्‍टैंडिंग उस तरह तो नहीं आ रहा है जैसे कोरोना एपिडेमिक काल से पहले आता था मगर हम यह समझ रहें हैं कि डीलरों के सामने भी समस्‍या यही है। वे अपनी पूरी लगन से पैसा भेजने की कोशिश कर रहे हैं।

 

उन्‍होंने कहा कि जो व्‍यापारी अपना पैसा लगाकर व्‍यापार कर रहा है वही आज सहजता से व्‍यापार कर पा रहा है। जो डीलर रिटेलारों के भरोसे व्‍यापार कर रहे हैं उनके पैसे नहीं आ रहे हैं। उन्‍हें सुधार लाने की जरूरत है। अन्‍यथा अविश्‍वास की स्थितियां बन रही है।

 

कोरोना प्रूफ फैब्रिक का जिक्र करते हुए श्री जिंदल ने बताया कि हमारे रोजमर्रे के इस्‍तेमाल में आनेवाले  कपड़े की वजह से किसी को आज तक कोरोना नहीं हुआ। साथ ही अबतक कोई यह साबित नहीं कर सका है कि किसी कपड़े की यह ताकत है कि वह कोरोना को रोक सके। अन्‍यथा मेडिकल प्रोफेशन में पीपी किट की जरूरत ही नहीं रहेगी। पीपी किट पहनकर काम करना हेल्‍थ  और हाइजिन के हिसाब से काफी मुश्किल है। पीपी किट पहनकर काम करनेवालों के शरीर का पसीना आसानी से सूखता नहीं है। मगर उनके पास कोई दूसरा उपाय नहीं है। अगर फैब्रिक उत्‍पादकों ने ऐसा फैब्रिक खोज लिया है तो पीपी किट की क्‍या जरूरत रह जाएगी। मुझे लगता है कि कोविड प्रूफ कपड़ा एक भ्रम है। फिर वह केमिकल जो कोरोना को रोकेगा वह कितनी धुलाई तक कपड़े के साथ टिका रहेगा।  हर धुलाई के साथ उसका प्रभाव घटता जाएगा और एक समय आएगा कि वह पूरी तरह बेअसर हो जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि कोविड ने इतना तो जरूर सिखाया है कि साफ सफाई पर पूरा ध्‍यान दें। कपडों को भी हमेशा साफ रखें। यह जरूरी भी है। कोरोना के फैलने में या कोरोना को रोकने में कपड़े की कोई भूमिका ही नहीं है। इतना ही सही है कि हमें हमेशा साफ सुथरा कपड़ा ही पहनाना चाहिए।

 

श्री जिंदल ने कहा कि फैब्रिक के प्रोडक्‍शन की स्थिति कमजोर है। मुश्किल से ३० प्रतिशत प्रोडक्‍शन हो रहा है। प्रोसेस हाउसों में भी स्थिति कमजोर ही है। वहां भी ५० प्रतिशत काम हो रहा है। इसमें दो कारक हैं। लेबरों की भी कमी है और डिमांड भी कम है।

श्री रमण जिंदल ने कहा कि हमारी राज्‍य और केंद्र की सरकारों से निवेदन है कि वे ऐसे निर्णय लें जिससे व्‍यापार सहजता से चल सके। यातायात व्‍यवस्‍था को सुचारू रूप से शुरू किया जाय ताकि व्‍यापार की साइकिल चल सके। उन्‍होंने कहा कि अभी की स्थिति में मेडियम और स्‍मॉल साइज के व्‍यापारी ज्‍यादा तकलीफ में हैं। उनके सरवाइवल के लिए यातायात को पुनर्स्‍थापित करना आवश्‍यक है।

 

उन्‍होंने पूरे व्‍यापार जगत से अपील की है कि वे व्‍यापारी आपस में एक दूसरे का साथ दें, कोई किसी की बुराई न करें, सभी व्‍यापारी अपनी भुगतान की जवाबदारी का निर्वाह करें, अपनी विश्‍वसनीयता को बनाए रखें।

 

श्री जिंदल ने कहा कि हम उत्‍पादकों को सारा इनवेस्‍टमेंट पहले करना पड़ता है। यार्न से लेकर लेबर, बिजली, मेंटिनेंस, मशीन, इंनफ्रास्‍ट्रक्‍चर, टैक्‍स सहित तमाम लाइबलिटीज का पैसा हमे पहले चुकाना पड़ता है तब जाकर हमारा उत्‍पाद हमारे हाथ आता है। हमारा लागत तो हमारे उत्‍पाद के तैयार होने से सालों पहले लग चुका होता है। और हमारा पैसा फुरसत से आता है। डीलरों और रिटेलरों के साथ यह स्थिति नहीं है। उसे तो हम उधारी में भी उत्‍पाद बेच देते हैं। इसलिए हमारा डीलारों और और रिटेलरों सभी भाइयों से निवेदन है कि हम सब एक दूसरों का सहयोग करें। जैसे हम उत्‍पादक उनका सहयोग करते हैं, वे भी हमे उसी तरह सहयोग करें। और अपनी विश्‍वसनियता को बनाए रखें।  ताकि यह श्रृंखला बनी रहे। सभी के सहयोग से यह व्‍यापार चल सकता है।

 

श्री जिंदल ने कहा कि गारमेंट का व्‍यापार ऑनलाइन हो सकता है, मगर फैब्रिक का व्‍यापार ऑनलाइन होना थोड़ा मुश्किल है। इसमें शिकायत आएगी। यह व्‍यवहारिक नही लगता है।

 

श्री जिंदल ने कहा कि गेट टुगेदर कांफ्रेस अभी मुश्किल है। इसलिए आगामी समय में बजाज फैब, जिंदल फैब और बजाज एंटरप्राइजेज का वर्चुअल कानफ्रेंस आयोजन करेंगे।


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