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| Shikhar Chand Jain, Vice President, Hindustan Chamber of Commerce, Mumbai |
मुंबई: फैब्रिक उत्पादन १५ से २० प्रतिशत तक हो पा रही है। राजेश रेयोन सिल्क मिल्स लिमिटेड के मेनेजिंग डायरेक्टर तथा हिंदुस्तान चैम्बर ऑफ कॉमर्स, मुंबई के उपाध्यक्ष श्री शिखरचंद जैन ने यह जानकारी दी। हिंदुस्तान चैम्बर ऑफ कॉमर्स मुंबई में वस्त्र उद्योग की सबसे बड़ी संस्था है। इसकी स्थापना लगभग एक सौ वर्ष पूर्ब हुयी थी।
श्री जैन ने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि आवागमन का साधन नहीं है। व्यापारी यदि आएगा जाएगा नहीं तो व्यापार कैसे हो पाएगाᣛ? पूरे देश में १० हज़ार ट्रेने चलती थीं, आज ३२० ट्रेने चल रही है। इस तरह कैसे काम होगा? लोकल ट्रेने भी आम आदमी के लिए बंद है।
श्री जैन ने कहा कि रोटी कपड़ा और मकान हमारी प्राथमिक आवश्यकता हैं। पहली प्राथमिकता राटी की है। कपड़ा और मकान उसके बाद आता है। आज आदमी कपड़ा खरीदने के लिए दौड़भाग नहीं कर रहा है कि हमे कपड़ा चाहिए ही चाहिए। कोई बाहर का आदमी आकर माल नहीं खरीद रहा है। कपड़े का उत्पादन तो वैसे ही रुका हुआ है। जो १५ प्रतिशत कपड़े का उत्पादन हो रहा है वह निर्यात के लिए हो रहा है। लोकल के लिए उत्पादन चालू नहीं है।
राजेश रेयोन सिल्क मिल्स लिमिटेड के मेनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि बकाया रकम का आना लगभग रुका हुआ है। मेरा मार्च एंडिंग का १६ करोड़ का आउटस्टैंडिंग था। आज वह घटकर १५.५ करोड़ है। गत छ महीने में ५० लाख की पेमेंट आयी है। टेक्सटाइल उत्पादकों की स्थिति यह है कि नंगा नहाएगा क्या और निचोरेगा क्या? हम उत्पादकों के पास पैसा ही नहीं है। कैसे करेंगे काम? हमारी हालत ऐसी है कि हम ही जानते हैं। और सरकारवाले बोल रहे हैं कि व्याज भरो। कहां से भरें व्याज? व्याज आएगा कहां से? सरकार को चाहिए था कि मोरेटोरियम का पीरियड बढ़ाए।
श्री जैन ने कहा कि इसका उपाय तो स्पष्ट है कि पूरे देश को चालू किया जाय और इसके साथ मोरेटोरियम का पीरियड बढ़ाया जाय। तब तो व्यापार सुघर पाएगा। अन्यथा यह सुधरेगा कैसे? बैंक अगर व्याज के लिए परेशान करेगी तो कारोबार कैसे चल पाएगा?
हिंदुस्तान चैम्बर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार को देश की इकोनोमी की चिंता है, मगर जनता की इकोनोमी की नहीं। हम पैसा कहां से लाएंगे? हमारे पास तो व्यापार से ही पैसा आएगा। हमे तो कोई विदेश की सरकार मदद करेगी नहीं। हमारी मदद तो हमारे देश की सरकार ही करेगी। ऐसे में कारोबार कैसे चलेगा ?
श्री शिखर चंद जैन ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि सरकार व्यापार को प्रोत्साहन दे। अभी इसकी जरूरत है। हमने सुना कि भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ नया पैकेज व्यापारियों को देने वाली हैं। मगर कब देंगी। अभी जरूरत है। पहले जिन पैकेजों की घोषणा की गयी उसके पैसे तो अबतक नहीं मिले हैं। हम व्यापारियों का काम कैसे चलेगा ? अगला पैकेज कब मिलेगा।
श्री जैन ने कहा कि निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सराकारी स्कीम के तहत २० प्रतिशत २० फरवरी तक दिया जाना था। मगर बाद में उन्होंने उसमें शर्त डाल दिया कि उसका ६० दिनो से अधिक का ओवरड्यू नहीं हो। मगर व्यापार का यह हाल है कि किसी का ईएमआई या व्याज भरने में देर भी हो जाती है। किसी का ईएमआई भरने में ६० से बढ़कर ७५ दिन हो गये उसको आपने कुछ दिया ही नहीं।
हिंदुस्तान चैम्बर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष ने कहा कि मोरेटोरियम का पीरियड बढ़ाया जाना चाहिए। अगर अकाउंट में एनपीए नहीं है तो २० प्रतिशत उसे भी मिलना ही चाहिए। नये शर्त लागू करना सही नहीं है ।
श्री जैन ने कहा कि आवागमन पूरी तरह खोलना चाहिए। सामान्य समय में भी तो देश में लोग मरते हैं। रोड एक्सिडेंट में भी लोग मरते हैं। हमारे देश में हर साल दो लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। आवागमन पर रोक लगाकर आपने क्या हासिल कर लिया। व्यापार रूक गया है। अब लोग पैसे के अभाव और भूख के कारण मर रहे हैं।
श्री शिखर जैन ने कहा कि हमारा पैसा नहीं आएगा तो हम उनको पैसा कैसे दे पाएंगे जिनसे हम माल खरीदते हैं और जिनकी सेवा लेते हैं ? उन्होंने कहा कि लोकल बसें भर कर जा रही है तो सरकार को लोकल ट्रेन चालू करने में क्या दिक्कत है?
उन्होंने कहा लोगों को ट्रेन में चलने के लिए फर्जी आइडी कार्ड बनवाना पड़ रहे हैं कि वह बीएमसी का कर्मचारी है। यह भ्रष्टाचार को एक नया धंधा शुरू हो गया है। फिर सरकार ही घोषणा करती है कि फर्जी पकड़े जाएंगे तो उनको हजारों रूपया जुमाना भी भरना होगा। हम गलत दिशा में जा रहे हैं।
श्री जैन ने कहा कि एक तरफ तो कहते हैं कि कोरोना की कोइ दवाई बनी नहीं है। दूसरी तरफ आप उसकी दवाई बता रहे हैं और उसकी कालाबाजारी हो रही है। यह तो एक तरह का अंतर्द्वंद है।
श्री जैन ने कहा कि यदि आवागमन का साधन ठीक हो जाय तो स्थिति में बड़ा सुधार हो जाएगा। कब तक आवागमन को आप रोक कर रखोगे? और उसका क्या लाभ मिलेगा जबकि अबतक तो इससे नुकसान ही नुकसान हो रहा है। पूरे देश को कब तक डरा कर आप रखोगे?
श्री जैन ने कहा कि आपने उन जगहों को ही रोक कर रखा है जो व्यापार के केंद्र हैं। आपने मुंबई, सूरत, अहमदाबाद जैसे व्यापारिक केंद्रों को ही बंद कर रखा है। काम कैसे चलेगा? इस तरह सारा उद्योग नष्ट हो जाएगा।


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