Header Ads Widget

 Textile Post

सीएमएआई ने आयोजन किया वर्चुअल नेशनल गारमेंट फेयर : राहुल मेहता (सीएमएआई)

 

Rahul Mehata


 

 

मुंबई: सीएमएआई ने वर्चुअल नेशनल गारमेंट फेयर का आयोजन किया है। यह फेयर कल १० सेप्‍टेंबर से २० सेप्‍टेंबर तक चलेगा। सीएमएआई के मेंटर श्री राहुल मेहता ने यह जानकारी दी।

 

श्री मेहता ने कहा कि ऑन लाइन सेल बढ़ रहा है। आगे भी यह बढ़ेगा। अब वर्चुअल फेयर, वर्चुअल कैटलॉग, का समय आ गया है । इसीलिए हमने वर्चुअल नेशनल गारमेंट फेयर का आयोजन किया है।

श्री मेहता ने कहा कि यह कमपलसरी था क्‍योंकि फि‍जिकल फेयर तो अभी संभब नहीं था। इसे कोई भी सरकार परमीशन नहीं देगी कि दस बीस हजार लोग एक साथ इकट्ठा हो। दूसरी बात यह है कि अलग अलग मारकेट जाकर बेचने में बायर और मैन्‍यूफैक्‍चर दोनो को दिक्‍कत आती है।

उन्‍होंने कहा कि इस ऑन लाइन फेयर का बहुत अच्‍छा रेस्‍पोंस मिला है। इसमें लगभग ३२५ ब्रांडों ने सहभागिता की है। इसे पंद्रह से बीस हजार रिटेलर विजिट करेंगे ऐसी हमारी आशा है।

यह फेयर कल १० सेप्‍टेंबर से २० सेप्‍टेंबर तक चलेगा। पार्टिसिपेंट की दो टाइप की रेंज होगी। ओपेन रेंज और प्राइवेट रेंज। ओपेन रेंज के अंतर्गत मारकेट चौबीसों घंटों खुला ही रहेगा। प्राइवेट रेंज के लिए १० बजे दिन से ८ बजे रात तक का समय  रखा गया है।

 

 

 

 

श्री मेहता ने कहा कि गारमेंट का उत्‍पादन शुरू तो हुआ है मगर बहुत कम उत्‍पादन हो रहा है। अगस्‍त महीने से दुकानो का खुलना शुरू हुआ है। रिटेल सेल अभी तीस से चालीस प्रतिशत तक पहुचा है। रिटेलरों के यहां जो पहले से माल था उसी से यह सेल हो रहा है। मैन्‍यूफैक्‍चरों के पास माल तैयार पड़ा है। सपलायर्स चाहेगा कि पहले वो बना बनाया माल निकल जाय। नया उत्‍पादन बहुत कम हो पा रहा है।

 

उन्‍होंने कहा कि आउटस्‍टैंडिंग आ रहा है मगर बहुत धीमी गति से आ रहा है। रिटेलरों के यहां अभी मुश्किल से तीस प्रतिशत सेल हो रही है तो उसकी प्रायोरिटी दूसरे ड्यूज का निपटारा करना है। गहमेंट ड्यूटीज हैं, स्‍टाफ की सैलरी है। सब के बाद सप्‍लायर्स का पैसा चुकाने की बारी आती है। ऐसे कई अन्‍य कारण भी हैं।

 

श्री मेहता ने कहा कि इसे रेगुलराइज होने में छ से आठ महीने और लग सकते हैं। रिटेल दुकाने अब खुल चुके हैं। मौल्‍स भी खुल गये हैं। मगर उनमें तीस से पैतीस प्रतिशत तक सेल हो रही है । इससे रिटेलरों को थोड़ा आसान हुआ है मगर हालात इस कदर नहीं बदले हैं कि रिटेलर सपलायर्स को नया आर्डर दे ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ