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भिवंडी का उद्योग क्षेत्र कई समस्‍याओं का सामना कर रहा है: हर्ष हरिया

Harsh Haria

 

मुंबई: भिवंडी उद्योग क्षेत्र इन दिनों कई समस्‍याओं का सामना कर रहा है। खास कर छोटे बुनकरों को भिवंडी की सामान्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एसएफपीएल (सिद्धचल फैब प्राइवेट लिमिटेड) के सदस्य - पेडेन्फिल, टेक्सप्रोसिल, बीसीसीआई, हलारी पावरलूम एसोसिएशन के निदेशक हर्ष हरिया ने यह जानकारी दी।

श्री हरिया ने कहा कि वर्तमान में भिवंडी बड़े पैमाने पर श्रमिकों की कमी का सामना कर रहा है श्रमिकों की कमी के कारण वे अधिक मजदूरी की मांग कर रहे हैं। उच्च बिजली दर के कारण भी  अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में उत्‍पादन व्‍यय ज्‍यादा हो रहा है। इससे उत्‍पादकों को सरवाइव करने में मुश्किल हो रहा है। जबकि बिजली की दरें विदर्भ और बिहार में बहुत कम हैं।

उन्‍होंने कहा कि अभी भी सामान्‍य दिनों की तरह ब्याज पर निश्चित ईएमआई चालू है। लेकिन इसके विरूद्ध  कोई व्यावसायिक आंदोलन नहीं चल रहा है।

श्री हरिया ने कहा कि उत्‍पादकों को  वस्त्र मंत्रालय द्वारा कोई सहायता नहीं मिल रही है। भिवंडी पावरलूम मालिकों और श्रमिकों की सहायता के लिए कोई सक्रिय संघ और व्यापार संगठन नहीं है।

 

भिवंडी पावरलूम विकास के लिए समाधान आवश्यक

 

श्री हरिया ने कहा कि उत्‍पादकों की मांग है कि भिवंडी के लिए स्पेशल ट्रेनें शुरू की जानी चाहिए ताकि श्रमिक काम पर आ सकें। भारत के सभी राज्यों में समान बिजली शुल्क है मगर भिवंडी में यह सामान्‍य से कहीं अधिक है। उनकी मांग है कि मोरटेरियम पर ब्याज नहीं लगाया जाना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि पावरलूम शहर में पावरलूम बुनकरों और श्रमिकों के मार्गदर्शन  और उनकी समस्‍याओं के समाधान के लिए वस्त्र मंत्रालय के कार्यालय की आवश्यकता है।

श्री हरिया ने कहा कि कपड़ा मंत्रालय को असंगठित पावरलूम क्षेत्र की आवश्यकताओं को समझने के लिए शिविरों की स्थापना करनी चाहिए और उन्हें विकसित करने में मदद करनी चाहिए।

भिवंडी  का उद्योग क्षेत्र कई समस्‍याओं का सामना कर रहा है: हर्ष हरिया

 

मुंबई: भिवंडी उद्योग क्षेत्र इन दिनों कई समस्‍याओं का सामना कर रहा है। खास कर छोटे बुनकरों को भिवंडी की सामान्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एसएफपीएल (सिद्धचल फैब प्राइवेट लिमिटेड) के सदस्य - पेडेन्फिल, टेक्सप्रोसिल, बीसीसीआई, हलारी पावरलूम एसोसिएशन के निदेशक हर्ष हरिया ने यह जानकारी दी।

श्री हरिया ने कहा कि वर्तमान में भिवंडी बड़े पैमाने पर श्रमिकों की कमी का सामना कर रहा है श्रमिकों की कमी के कारण वे अधिक मजदूरी की मांग कर रहे हैं। उच्च बिजली दर के कारण भी  अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में उत्‍पादन व्‍यय ज्‍यादा हो रहा है। इससे उत्‍पादकों को सरवाइव करने में मुश्किल हो रहा है। जबकि बिजली की दरें विदर्भ और बिहार में बहुत कम हैं।

उन्‍होंने कहा कि अभी भी सामान्‍य दिनों की तरह ब्याज पर निश्चित ईएमआई चालू है। लेकिन इसके विरूद्ध  कोई व्यावसायिक आंदोलन नहीं चल रहा है।

श्री हरिया ने कहा कि उत्‍पादकों को  वस्त्र मंत्रालय द्वारा कोई सहायता नहीं मिल रही है। भिवंडी पावरलूम मालिकों और श्रमिकों की सहायता के लिए कोई सक्रिय संघ और व्यापार संगठन नहीं है।

 

भिवंडी पावरलूम विकास के लिए समाधान आवश्यक

 

श्री हरिया ने कहा कि उत्‍पादकों की मांग है कि भिवंडी के लिए स्पेशल ट्रेनें शुरू की जानी चाहिए ताकि श्रमिक काम पर आ सकें। भारत के सभी राज्यों में समान बिजली शुल्क है मगर भिवंडी में यह सामान्‍य से कहीं अधिक है। उनकी मांग है कि मोरटेरियम पर ब्याज नहीं लगाया जाना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि पावरलूम शहर में पावरलूम बुनकरों और श्रमिकों के मार्गदर्शन  और उनकी समस्‍याओं के समाधान के लिए वस्त्र मंत्रालय के कार्यालय की आवश्यकता है।

श्री हरिया ने कहा कि कपड़ा मंत्रालय को असंगठित पावरलूम क्षेत्र की आवश्यकताओं को समझने के लिए शिविरों की स्थापना करनी चाहिए और उन्हें विकसित करने में मदद करनी चाहिए।

 


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