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फैब्रिक उत्‍पादन की स्थिति बहुत धीमी है : रमेश गाड़ोदिया (Garodia Syntex Pvt Ltd)

 

Ramesh Garodia, Director, Garodia Syntex Pvt Ltd



 

मुंबई: फैब्रिक उत्‍पादन की स्थिति बहुत धीमी है। अभी उत्‍पादन ३० से ४० प्रतिशत हो रहा है। उसका एक कारण अनसर्टेनिटी है कि मारकेट आगे क्‍या चलेगा, कैसा चलेगा। दूसरा कारण है कि लोगों के पास पुराना स्‍टौक भी पड़ा है। तीसरा कारण है लेबर ईसू। प्रोडक्‍शन बढ़ाने में भी प्रोबलैम है। फैंसी शर्टिंग फैब्रिक के उत्‍पादक रमेश शर्टिंग्‍स के डायरेक्‍टर श्री रमेश गाड़ोदिया ने यह जानकारी दी।  

 

उन्‍होंने कहा कि वैसे काम गत पंद्रह बीस दिनों से अच्‍छा है। महीने दो महीने काम काज अच्‍छा रहेगा, ऐसा लग रहा है। अक्‍टूबर का महीना काफी अच्‍छा रहना चाहिए। अब दीवाली तक अच्‍छा काम काज चलेगा। दीवाली १४ नवंबर को है। नवंबर के पहले हफ्ते के बाद तो छुट्टी जैसा माहोल हो जाता है।     

 

 

रमेश शर्टिंग्‍स के डायरेक्‍टर ने कहा कि आवागमन की असुविधा काम काज को बहुत ज्‍यादा प्रभावित कर रहा है। लेबर प्रोबलेम का मुख्‍य कारण आवागमन की असुविधा है। लेबर तो आने को तैयार है मगर उनकी टिकटें नहीं बन पा रही हैं। लोकल ट्रेनें तो पूरी तरह बंद है। मुंबई के लिए तो यह सबसे बड़ा इसू है। स्‍टाफ काम करना चाह रहा है। वह ऑफिस आना चाह रहा है। हमें भी उनको बुलाने की जरूरत है। मगर ट्रेन नहीं चल रही हैं। ट्रांसपोर्टेशन की कमी के कारण उसका आना जाना मुश्किल हो रहा है।

 

श्री गाड़ोदिया ने कहा ट्रेन के बंद होने की वजह से बसों पर ज्‍यादा लोड आ रहा है। इस तरह तो सोशल डिसटैंसिंग भी नहीं हो पा रही है। बसों में जितने सीट हैं, उसके आधे ही पैसेंजर ही अलाउड है। मतलब बसों में पैसेंजर ले जाने की कैपेसिटी कम हो गयी। इस कारण भी आवागमन में तकलीफ हो रही है।

 

रमेश शर्टिंग्‍स के डायरेक्‍टर ने कहा कि सेफ्टी नार्म्‍स को मेनटेन करते हुए ट्रेन यातायात को शुरू करना चाहिए। उसके बिना तो काम काज बिलकुल अस्‍तव्‍यस्‍त हो रही है।

 

श्री गाड़ोदिया ने कहा कि आउटस्‍टैंडिंग पेमेंट बहुत स्‍लोली आ रही है। उससे हमलोगों की तकलीफ काफी बढ़ गयी है। व्‍यापार में तो मजा तब है जब माल बिके और पेमेंट आए। मेन वर्किंग तो यही है।  बांकी बातें तो उसकी सपोर्ट में होती हैं। अभी तो माल कम बिक रहा है। पेमेंट कम आ रहा है। उन्‍होंने कहा कि फेस्टिवल अच्‍छा रहेगा। अगले दो महीनों में ५० से ६० प्रतिशत वर्किंग हो सकती है।

 

श्री गाड़ोदिया ने कहा कि सरकार से हमारा निवेदन है कि लोकल ट्रेन यातायात को रेगुलराइज किया जाय। बाहर से लोग आना चाहते हैं वो भी नहीं आ रहे हैं। सरकार को चाहिए कि जितनी जल्‍द हो सके आवागमन की असुविधा से लोगों को उबारा जाय। ट्रेन को खोल देना चाहिए। सोशल डिसटैंसिंग का बेशक ख्‍याल रखा जाय।

 

उन्‍होंने कहा कि सरकारी और बीएमसी एम्‍पलौई के लिए लोकल ट्रेने चालू हैं। बेशक हर ऑफिस से लिमिटेड लोगों को ही क्‍यों न परमिशन मिले मगर आम लोगों के आवागमन का भी मार्ग प्रशस्‍त होना चाहिए। इससे काफी फर्क पड़ेगा। लोग रूटीन में आएंगे। लोगों का आना जाना बढ़ेगा तो काम काज में भी सुधार होगा।

 

श्री गाड़ोदिया ने कहा कि गाडियों की फ्रीक्‍वेंसी बढ़ाने की जरूरत है। सरकार को कुछ सकारात्‍मक प्‍लानिंग करनी चाहिए।

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