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कॉटन और पोलिएस्‍टर यार्न के मूल्‍य में तेजी आयी है : विवेकानंद बगाडिया (Vivekanand Hanumanprasad Bagadia and Co)

Vivekanand Bagadia, Proprietor, Vivekanand Hanumanprasad Bagadia and Co


मुंबई: कॉटन और पोलिएस्‍टर यार्न के मूल्‍य में तेजी आयी है। आशंका है कि आगामी महीने में पोलिएस्‍टर फाइबर का मूल्‍य और भी बढ़ेगा। स्‍कॉटिश यार्ड के डायरेक्‍टर श्री  विवेकानंद बगाडिया ने यह जानकारी दी।

 


उन्‍होंने कहा कि अभी यार्न की मांग में कमी आयी है। रौमे‍टेरियल का कॉस्‍ट बढ़ता जा रहा है। गत चार महीने में कॉटन यार्न के मूल्‍य में ४० से ४५ प्रतिशत की तेजी आयी है। पोलिएस्‍टर विस्‍कोस यार्न में इस दरम्‍यान २० प्रतिशत की मूल्‍य वृद्धि हुयी है।

 

श्री बगाडिया ने कहा कि कोविड के दरम्‍यान लोगों ने कपड़ा कम बनाया। मगर हुआ यह कि दिसंबर में डिमांड अच्‍छी आ गयी। उस समय यार्न की डिमांड बढ़ गयी जिसके परिणामस्‍वरूप यार्न का भाव बढ़ गया।

 


उन्‍होंने कहा कि अ‍भी फिर डिमांड स्‍लो हो गया है क्‍योंकि सबों के पास माल है। अब यह रेट स्‍टेबल होती जा रही है। जब भी भाव में वृद्धि होती है तो फिर थोड़ी स्‍टैबिलिटी भी आती है।

श्री बगाडिया ने कहा कि इसका असर यह हुआ है कि कपड़े की कीमत काफी बढ़ गयी है। इससे एक्‍सपोर्ट में थोड़ी मार पड़ रही है। एक्‍सपोर्ट में आर्डर आने कम हो गये हैं। फैब्रिक के एक्‍सपोर्ट में रोजाना नया माल नये भाव में बुक होता है। उसमें डिमांड काफी स्‍लो हो गयी है।

उन्‍होंने कहा कि आने वाला समय टेक्‍सटाइल के लिए अच्‍छा है। स्‍टैबिलिटी बहुत जरूरी है। क्रूड वायल के दाम बढ़ने से पालिएस्‍टर यार्न के दाम में काफी वृद्धि हुयी। हर बार उत्‍पाद का प्राइस बदल रहा है। लगता है कि मार्च, अप्रैल तक स्‍टैबिलिटी आ जाएगी। यह अलग बात है कि वह स्‍टैबिलिटी दो चार प्रतिशत बढ़ कर आए या घट कर आए। मगर स्‍टैबिलिटी आएगी और  उसके बाद बाजार ठीक हो जाएगा। ऐसा लगता है।  

 

श्री बगाडिया ने कहा कि भारत के कॉटन यार्न की डिमांड काफी अच्‍छी हो गयी है। भारत को एक्‍सपोर्ट काफी बढ़ गया है। भाव बढने के बाद भी  लोकल में भी डिमांड अच्‍छा है। ब्रांड वालों को ज्‍यादा प्रेसर है। वे एक साथ  इतना दाम नहीं बढ़ा पाते हैं। इसमें समय लगता है।  

 

 

 

उन्‍होंने कहा कि आने वाले समय में भारत के कपड़ों का एक्‍सपोर्ट बढेगा। एक्‍सपोर्ट की इनक्‍वाइरी ज्‍यादा होगी। फिलहाल हम सबों की प्राथमिकता है अपनी जिंदगी को पटरी पर लाना। इसमें समय तो थोड़ा लगता है, मगर जिंदगी फिर पटरी पर आती है। 

 

 

 

 

 

उन्‍होंने कहा कि एक्‍सपोर्ट का एक बहुत बड़ा बाजार है जिसे भारत अपने पक्ष में करेगा। अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर व्‍यापार के सिनैरियो के परिवर्तन का सबसे ज्‍यादा फायदा भारत को ही मिलेगा। भारत पर दुनिया का ट्रस्‍ट और भी बढ गया है। भारत की रिलायवलीटी पहले से भी अच्‍छी थी मगर मौजूदा हालात में और भी बढेगी। 

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