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पंजाब में MSP का लाभ लेने वालों में ४० प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो किसान ही नहीं हैं: हरसिमरत कौर

Harsimran Kaur, MP

 


 

पंजाब में MSP का लाभ लेने वालों में ४० प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो किसान ही नहीं हैं। उनके पास जमीन ही नहीं है।।  इसलिए पंजाब सरकार FCI को लैंड रेकर्ड नहीं देना चाहता है। लोक सभा में सांसद  हरसिमरन कौर ने यह खुलासा किया है। लोक सभा के कार्यवाही के दौरान पंजाब से आए इस डाटा का जिक्र आया है। हरसिमरन कौर पहले भारत की कृषि मंत्री थीं।

 

 

 

पंजाब के किसान (जो एक तरह से वे फर्जी किसान हैं) नेता पहले तो यह प्रचार कर रहे थे कि MSP खत्‍म हो गयी। अब कह रहे हैं कि MSP किसानो के खाते में डायरेक्‍ट नहीं जानी चाहिए।

 


पंजाब सरकार लैंड रेकर्ड नहीं देना चाहता है। श्री मती कौर कहती हैं कि पंजाब में ४० प्रतिशत ऐसे किसान हैं जो एमएसपी का लाभ उठा रहे थे और उनके पास जमीन ही नहीं हैं। अर्थात वे विचौलिए हैं जो फर्जी किसान बनकर इसका लाभ उठा रहे थे। यह आंदोलन उन्‍हीं लोगों का आंदोलन था।

 

अबतक ४० प्रतिशत ऐसे किसानो से फसलों की खरीद हो रही थी जो किसान थे ही नहीं। सरकार ये तीनों बिल वन नेशन वन मारकेट को ध्‍यान रखकर ला रही थी। जिसका फर्जी किसानो ने विरोध शुरू कर दिया। यह विरोध सबसे ज्‍यादा पंजाब में हुआ। कहा गया कि इससे अढ़तियों अर्थात कमीशन एजेंट या मिडिल मैन का नुकसान हो जाएगा।  

 

किसानो को भरमाने के लिए इन्‍होंने प्रचार किया कि सरकार एमएसपी खत्‍म करने जा रही है। जो एक दुष्‍प्रचार था। जब सरकार ने यह घोषना की कि एमएसपी सीधा किसानो के खाते में ट्रांस्‍फर किया जाएगा। राज्‍य सरकार इसके लिए किसानों के जमीन का रेकार्ड प्रदान करे तो अब ये आंदोलनकारी और पंजाब सरकार इसका विरोध कर रही है और पंजाब सरकार रेकार्ड देने को तैयार नहीं है।

 


इन अढ़तियों को प्रति वर्ष १८०० करोड़ रुपये की कमाई होती है। वे फसल को इधर से उधर करते हैं। उनका इसमें कोई रिस्‍क इनवौल्‍भ नहीं है। इन्‍हीं लोगों ने कहा था कि इस कानून से पंजाब के ८० प्रतिशत किसानो की हालत खराब हो जाएगी। मगर उन ८० प्रतिशत में ४० प्रतिशत उन किसानो के नाम पर परचीयां कटती थीं जो किसान ही नहीं हैं।

 

अब सवाल उठता है कि अमरेंदर सिंह  की सरकार आते ही १८०० करोड़ का ऋण जिन किसानों का माफ किया था उसमें से आधे तो किसान ही नहीं थे। संदद में यह जानकारी  हरसिमरन कौर ने दी। सवाल उनपर भी उठता है कि अगर उनके पास यह जानकारी थी तो वे अबतक चुप क्‍यों थीं।

 

किसानों को फसल उपजाने में रिस्‍क होता है। अढ़तियों को तो कोई रिस्‍क नहीं होता है। केंद्र सरकार चाहती है कि एमएसपी का लाभ किसान को मिले । हम उसे सीधा एमएसपी ट्रांस्‍फर करें। केंद्र सरकार किसान हित में सोच रहीं है। सरकार की पहल है कि एमएसपी का सीधा लाभ किसान को मिले। मगर इसका लाभ अबतक विचौलिए ले रहे थे।

 

किसान को तभी लाभ मिल पाएगा जब सरकार के पास किसान की पूरी जानकारी होगी। इसीलिए केंद्र सरकार ने यही नयी व्‍यवस्‍था बनायी है। मगर ये विचौलिए ऐसा करने नहीं देना चाहते हैं।

 

यदि ४० प्रतिशत ऐसे लोग एमसएपी का लाभ उठा रहे हैं तो यह तो बहुत बड़ा फ्रॉड है। इसमें स्‍वयं पंजाब की सरकार भी शामिल है।

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