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फैब्रिक का बाजार अभी ठंढा है, मगर पेमेंट की हालत में सुधार है: सुरेश सोट्टानी (Nayan Cotton India)

 

Suresh Sottani, MD,Nayan Cotton India


मुंबई: फैब्रिक का बाजार अभी ठंढा है। मगर पेमेंट की हालत में सुधार है। कम भाव की आइटमें चल रही हैं ।  चीन का माल आजकल ज्‍यादा चल रहा है। नयन कॉटन इंडिया के डायरेक्‍टर श्री सुरेश सोट्टानी ने यह जानकारी दी।

 


उन्‍होंने कहा कि भारत में आजकल ज्‍यदातर चीन का फैब्रिक चल रहा है। वैसे चीनी माल में भी तेजी है मगर भारत में उत्‍पादित माल में ज्‍यादा तेजी है। उंचे भाव में कोई माल लेने को तैयार नहीं है। अनिश्चय का माहौल है। लोग कम कम माल बना रहे हैं। भारत में अभी ज्‍यादा उत्‍पादन नहीं हो रहा है।

 

श्री सुरेश सोट्टानी ने कहा कि जो सवों के पास जो रेडी स्‍टॉक था वह क्लियर हो चुका है। लॉक डाउन के पीछे जो ग्राहकी चली उसमें वह बिक गया। ८० प्रतिशत स्‍टॉक  खत्‍म हो गया।  फिलहाल यार्न का दाम बढ़ गया है।

 

उन्‍होंने कहा कि टेक्‍सराइज यार्न का रिलायंस मानोपालिस्‍ट है। यह चीन में बहुत चलता है। वही फैब्रिक बनकर भारत में आता है। उसी कारण भाव अप हो गया।  टेक्‍सराइज यार्न से वहां टोटल माल बन रहा है।

 

श्री सुरेश सोट्टानी ने कहा कि कॉटन यार्न का दाम उतना नहीं बढ़ा है। सिंथेटिक यार्न का दाम ज्‍यादा बढ़ा है। कॉटन का माल आज भी मिलों के पास काफी पड़ा है। उसका कोई लेबाल नहीं है। और मिलें कम भाव में बेच नहीं रही है। व्‍यापार का संतुलन अभी बरोबर नहीं है।

 

उन्‍होंने कहा कि अभी सारा काम कैश में हो रहा है। पेमें‍ट कैश में आता है और कैश में जाता है। उधारी का कम रुक गया है। कारखाना चलाने के लिए उन्‍हें कैश में खरीदना पड़ रहा है इसलिए वे भी फैब्रिक कैश में बेचने को विवस हैं। पुराना उधारी का चुकता नहीं हो पा रहा है।

 

श्री सुरेश सोट्टानी ने कहा कि आनेवाला समय का कुछ पता नहीं चल रहा है। मौजूदा समय ही नहीं सुधरा है। लगता है कि मार्च ऐसे ही जाएगा। अप्रैल से थोड़ी ग्राहकी होगी। आगे  ईद है, शादियां हैं। इसलिए उम्‍मीद है कि बाजार चलेगा, ऐसा सोचकर सब काम कर रहे हैं। आजकल शादियों में भी कम लोग जाते हैं। वो भी एक दिन के लिए क्‍यों कपड़े सिलाएं? कपड़ा कोई नहीं सिला रहा है।


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