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Ram Prasad Bidavadka, MD, Prabhu G Uniform & Garment Fabrics |
मुंबई: स्कूल यूनीफॉर्म की ऑलरेडी तैयारी हो चुकी थी। जनवरी अच्छा था। मगर कोरोना के नये दौर के कारण काम काज डगमगाया है। दूसरी तरफ यार्न के दाम बढ़ जाने से मारकेट डिस्टर्व हो गया है। अंडर रेट माल बेचना पड़ रहा है। यह जानकारी प्रभु जी टेक्स प्रा.लि. के सीएमडी श्री रामप्रसाद बिदावतका ने दी।
उन्होंने कहा कि जिस तरह यार्न का दाम बढ़ा है उस हिसाब से फैब्रिक का दाम बढ़ा नहीं। वह मारकेट पकड़ नहीं पा रहा है। व्यापार तो शांति के माहौल में बेहतर होता है। अढ़तियों ने हमे बताया कि उनके पास पिछले साल का पेमेंट नहीं आया है। ऐसे में जब वे पुराना पेमेंट नहीं दे पा रहे हैं तो व्यापारी को और माल किस तरह दिया जा सकता है? बाजार में पेमेंट की क्राइसिस की स्थिति बनी हुयी है।
श्री बिदावतका ने कहा कि अभी अनिश्चय का माहौल बना हुआ है। स्कूल कब खुलेगा यह निश्चित नहीं है। खुलने के बाद उनकी क्या प्राथमिकता होगी यह भी तय नहीं है। जनवरी फरवरी में माल बिकना आरंभ हुआ था। उम्मीद तो थी काफी और उम्मीद तो अभी भी है, कि व्यापार चलेगा मगर अभी फिलहाल अनिश्चय का माहौल है।
उन्होंने कहा कि अभी कोरोना के नये दौर के कारण बाजार में उठा पटक चल रही है। यार्न के रेट बढ़ने से उत्पादक तकलीफ में आ गये हैं। इससे बहुत फर्क पड़ा है। व्यापारियों का पुराना पेमेंट नहीं आया तो नया माल कैसे दे सकते हैं? क्योंकि उसका भी तो रोटेशन होना चाहिए। हमे भी तो किसी को पेमेंट देना है। यह रोटेशन का व्यापार है।
श्री बिदावतका ने कहा कि हमारे ग्राहक का ग्राहक यूनिफॉर्म का दाम जब बच्चों से कलेक्ट करते हैं तब उनको चुकाते हैं। स्कूल वाले गारमेंटरों से पहले माल ले लेते हैं। फिर वे उसे सेल करके बच्चों से कलेक्शन करते हैं तब उनको पैसा चुकाते हैं। वे पहले अपनी तरफ से पेमेंट नहीं करते हैं। प्राय: ९९ प्रतिशत गारमेंटर ऐसा ही करते हैं। इस तरह यह चैनेल चलता रहता है।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि यूनीफॉर्म का व्यापार चलना तो चहिए। इस परेशानी को शुरू हुए साल भर हो चुका है, हर कोई परेशान है। फिर लॉकडाउन जैसी स्थिति आने से व्यापार की स्थिति अच्छी नहीं है।
श्री बिदावतका ने कहा कि पुराना माल ही निकलता रहे, तो अभी वही ठीक है। यार्न की रेटें बढने से भिवंडी में भी उत्पादन स्लो हो गया है। पोलीएस्टर, पीसी, पीवी और कॉटन सभी यार्न के दामों में ४० से ६० प्रतिशत की वृद्धि हुयी है।
उन्होंने कहा कि लूमवाले यार्न का भाव बहुत ज्यादा बढ़ने से हप्ते में दो तीन दिन छुट्टी रख रहे हैं। आगामी समय में होली और रमजान भी आ रही है। उत्पादन और कम हो जाएगा। फिरभी उन्होंने उम्मीद जतायी कि आनेवाले समय में सुधार होगा। आशा है कि व्यापार की हालत अच्छी होगी। धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा। मार्च के बाद बाजार स्थिर होगा ऐसा लगता है।
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