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| Girish Todi, MD, Sparsh Fab Textiles Pvt. Ltd. |
मुंबई: यूनिफॉर्म फैब्रिक के उत्पादन का काम थोड़ा दब के चल रहा है। जिसके पास सही काम है और क्वालिटी उत्पाद है, उसके पास काम का जोर है। लोग बेशक डरे हुए हैं, मगर आम तौर काम थोड़ा थोड़ा करके रिपीट करते रहते हैं। फैब्रिक उत्पादक खुल कर काम नहीं कर रहे हैं। उत्पादन लंबा चौरा नहीं है। लिमिटेड डिमांड है। स्पर्श फैब स्पर्ष फैब के एमडी श्री गिरीश तोदी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में कोविड फिर से फैल रहा है इसलिए थोड़ा डर का माहोल है। मगर यह लगता नहीं है कि मौल और दूकाने फिर से बंद होगी। यह होगा कि व्यापार सिमित हो जाएगा।
श्री तोदी ने कहा कि शादियों का सीजन आ रहा है मगर उसमें सिमित लोग ही शामिल हो रहे हैं। इसलिए व्यापार तो सिमित ही होगा। कितना सिमित होगा यह कोरोना के केसेस की संख्यां पर निर्भर करेगा। वैक्सिनेशन चालू हो गया है। इससे लोगों में उत्साह का माहौल बना है। उम्मीद है कि कोराना पोजिटिव केसेस कम होते जाएंगे और इससे बाजार पर सकारात्मक असर पड़ेगा। यदि कोराना पोजिटिव केसेस कम नहीं हुए तो सरकारों को स्ट्रिक्टली लॉकडाउन करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने तो राज्यों को दबाईयां भेज दी मगर कुछ राज्यों से यह भी खबर आ रही है कि दबाईयां बरबाद हुयी हैं। मगर हालात फिर भी तेजी से सुधर रहा है। लगता नहीं है कि अब फिर से लॉक डाउन होगा।
श्री तोदी ने कहा कि हमलोग सिमित तरीके से उत्पादन कर रहे हैं। अभी थोड़ा एहतियात से काम करने की जरूरत है। आनेवाले समय में शादियां भी हैं और रमजान भी है। उसी के मद्देनजर अभी उत्पादन हो रहा है। उसी की डिमांड है। फिरभी व्यापारी पर्याप्त डिमांड नहीं कर रहा है। हमारे व्यापारी अभी सिमित मात्रा में कपड़े की डिमांड कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सबके पास काम नहीं है मगर कुछ लोगों के पास काम है। हमारा काम सही तरीके से चल रहा है। पीछले साल हमने लगन में जितना काम किया उतना काम इस साल भी है।
श्री तोदी ने कहा कि हमे सामने कलेक्शन भी देखना है। युनिफॉर्म फैब्रिक के उत्पादन का काम काज इन दिनों ठीक ठाक चल रहा है। यद्यपि लॉकडाउन के कारण काम काज थोड़ा कम चल रहा है। यार्न के रेट बढ़ा है इस कारण फैब्रिक का दाम भी ऊंचा हुआ है। जिस आइटम में उत्पादन खर्च बढ़ा उन आइटमों में सभी युनिफॉर्म फैब्रिक उत्पादकों ने दाम बढ़ाया है
श्री तोदी ने कहा कि वर्तमान में कोरोना के केसेस कम नहीं हो रहे हैं । स्कूल चालू नहीं हो रहे हैं। जब तक केसेस कम नहीं होंगे तब तक बहुत बेहतर व्यापारिक सीजन की उम्मीद करना सही नहीं है। कोरोना के केसेस कम होंगे तो काम चालू हो पाएगा। जो काम चालू हुए थे वे रूक से गये हैं। धीमी गति से मगर काम चल रहा है। कुछ एरिया से थोड़ा थोड़ा करके डिमांड आता है । दिक्कत तो है। कोरपोरेट यूनिफॉर्म का सीजन सालों भर रहता है। उस हिसाब से आर्डर आते रहते हैं और माल रेगुलर बिक रहे हैं। मगर उसमें भी दस बीस प्रतिशत की गिराबट आई है क्योंकि वर्क फ्रॉम होम का कलचर डेव्हलप हो रहा है।
उन्होंने कहा कि फैंसी फैब्रिक का मिडियम बाजार है। अगर कोरोना का माहोल नहीं होता तो इस समय हाय तौबा वाला आलम रहता। आने वाले दिनों में मैरिज और रमजान दोनो है। उस हिसाब से थोड़ा थोड़ा चल रहा है।
श्री तोदी ने कहा कि पीस पैकिंग का काम काज ठीक चल रहा है। इसमें भी काम थोड़ा धीमा चल रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल डिजयन बुक लांच किया था अभी उसी से काम चल रहा है। यद्यपि फैब्रिक में नयी डिजायने हमेशा डेव्हलप होती रहती है।
श्री तोदी ने कहा कि मारकेट से पेमेंट की पोजीशन ठीक है। यह भी कोरोना के कारण थोड़ा कमजोर चल रहा है।



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