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| Girish Todi |
मुंबई: फैब्रिक का व्यापार
पचास टका चल रहा है। फैब्रि उत्पादक कम्पनी स्पर्श फैब
प्रा.लि.के डायरेक्टर श्री गिरीश तोदी ने यह जानकारी दी।
स्पर्श फैब फैंसी फैब्रिक का भी उत्पादन करता है और युनिफार्म का
भी। दोनो ही में कंपनी की बेहतरीन साख है।
स्पर्श फैब शर्टिंग क्षेत्र में हर तरह की वेरायटी के उत्पादन करने वाली एक विख्यात
कम्पनी है। स्पर्श फैब ब्रांड के अंतर्गत कम्पनी सौबर और फैंसी फैब्रिक का तथा युनिफार्म
फैब्रिक का उत्पादन और मारकेटिंग देश भर में करती है। वह पीवी,पीसी, कैटोनिक, कॉटन, एवं फैंसी यार्न शर्टिंग फैब्रिक की फुल
रेंज का उत्पादन करती है। इनमें हर तरह की डिजायंस जैसे कलरफुल चेक्स, सौबर और फैंसी प्रिंट, सेल्फ टेस्ट की डौबीज
तथा स्ट्रक्चर्स, मल्टी कलर स्ट्राइप्स, रेगुलर प्लेन क्वालिटी के साथ साथ फैंसी प्लेन वेरायटियां तथा पोस्टर
रेंज भी शामिल हैं।
श्री तोदी ने कहा कि हाल में हमने कोलकाता में चार दिवसीय कांफ्रेस का
आयोजन किया जो लगभग ५० टका सफल रहा। उन्होंने कहा कि यार्न अभी टाइट जा रहा है।
मार्केट का तेज होना व्यापार के लिए बेहतर होता है।
कंपनी जोड़ी पैकिंग का काम भी करती है। वह अच्छी किस्म की फैंसी फैब्रिक का उत्पादन भी करती है । एमपी, यूपी, राजस्थान, पंजाब, हरियाना, की कपड़ा मंडियों में इनका फुल काम होता है। इस्टर्न जोन की मंडियों में जैसे बिहार, बंगाल और असम की मंडियों में भी इन्हें अच्छा सेल मिलता है। स्पर्श फैब के प्रिंट का भी अच्छा डिमांड रहत है।
स्पर्ष फैब के डायरेक्टर ने
कहा कि हमने सेल को बेहतर और सरल करने के लिए ऐप डेव्हलप किया जिसका हमे पूरा लाभ
मिला। इसने हमारे ग्राहकों का काम आसान कर दिया। हमने अपने व्यापारियों को ऐप दिया और व्यापारियों ने अपने व्यापारियों
को वह ऐप दिया। इससे हमारा सेल आसान हो गया। इस समय ज्यादा सैम्पल पहुंचाना कठिन
है।
श्री तोदी ने कहा कि सूटिंग
में भी नयी डेव्हलपमेंट हमने शुरू कर दिया है। स्पर्ष फैब पहले पीस के उत्पादन
के लिए फेमस हुआ था। अब हमने रोल फौर्म में भी वही प्रोडक्ट बनाना आरंभ कर दिया
है।
उन्होंने
कहा कि शादी व्याह भी अब पहले जैसा नहीं हो रहा है। मारकेट में पहले
जैसा मूवमेंट नहीं है। मगर फिर भी हालात
ठीक ठाक जा रहा है। अभी स्लो मूवमेंट है।
उन्होंने कहा कि
आगामी सीजन का कारोबार मिला जुला स्तर का रहेगा। डिमांड सामान्य से कम है। लोंगों में थर्ड वेव के आने का डर बना हुआ है। इससे व्यापार में फर्क पड़ रहा है।







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