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सफलतापूर्वक संपन्‍न हुआ FSA का फेयर २०२१

 



FSA, Prakash Sanghvi (President), Vijay Jain (Vice President), Mukund and Amit Gangar,(Members) 


मुंबई: २०२१/११/२४:  एफएसए का २०२१ का सलाना फेयर आज सफलतापूर्वक संपन्‍न हो गया। इसमें लगभग १०० फैब्रिक उत्‍पादक कंपनियों ने अपने माल की प्रदर्शणी की और सेल की। वर्ष २०२१ के नवंबर २२ से २४ तक चलनेवाली इस एक्‍जीविशन में तीनों दिनों को मिलाकर  लगभग २००० विजिटर्स ने भाग लिया। इस   एक्‍जीविशन में गारमेंट उत्‍पादकों की मांगों के अनुरूप  सूटिंग, शर्टिेग और लेडीज ड्रेसेज के लिए अनुकूल लगभग सभी प्रकार के फैब्रिक्‍स की प्रदर्शनी की गयी। यह जानकारी FSA के ऑफिस बियरर्स ने दी जिनमें प्रसिडेंट प्रकाश संघवी, वायस प्रेसिडेंट विजय जैन, सदस्‍यगण मुकुंद गांगर, अमित गांगर और जयंत परख  ने सम्‍मलित रूप से दी।

 

 


 

उन्‍होंने कहा कि ३ दिवसीय  इस एक्‍जीविशन के पहले ही दिन इसमें लगभग ७५० विजिटरों ने भाग लिया। दूसरे दिन ९६८ विजिटरों ने भाग लिया। इसी तरह एक्‍जीविशन अंतिम दिन भी लगभग ७५० विजिटरों ने भाग लिया। अंतिम तीसरे दिन शाम ७ बजे तक विजिटर्स की भीड़ रही।

 

एथनिक फैब्रिकों में अनेक वेराटियां इनोवेशन के साथ बाजार में पेश की गयी थीं। उत्‍पादकों ने सूटिंग की अनेक वेराटियां बाजार उतारी थी। शर्टिंग की भी बेहतरीन वेराटियां दिख रही थी। लेडिज ड्रेसेज के फैब्रिकों में भी अनेक इनोवेशन किए गये थे।

 


उन्‍होंने कहा कि इस बार इस एक्‍जीविशन में लगभग सारे के सरे रियल बायर्स आए। बायार्स ने बड़ी मात्रा में माल खरीदा। प्राइस हाइक की वजह से माल की खरीद नहीं घटी बल्कि बायर्स ज्‍यादा माल खरीद रहे हैं।  फैब्रिकों का दाम लगभग १५ से २० प्रतिशत तक बढ गया है।

 

उन्‍होंने कहा कि  पिछले दो सालों से कोविड के चलते उन लोगों ने फेयर का आयोजन नहीं किया था। उत्‍पादों की बैक लॉगिंग हो गयी थी। मगर इस  एक्‍जीविशन में  पुराना फैब्रिक भी नए के साथ बिका। ग्राहकों ने नए प्राइस को डायजेस्‍ट किया। एप्रूव किया। माल लिखाया।

 


उन्‍होंने कहा कि आगे आनेवाले समय में इस व्‍यापार में कोई समस्‍या नहीं आने वाली। लोग सकारात्‍मक मूड में हैं। गत दिवाली में भी सेल अच्‍छा हुआ है।

 

उन्‍होंने कहा कि एफएसए की लगभग सभी मेंबरान इनोवेटिव हैं। बाजार में सकारात्‍मक चिंह दिख रहा है। सरकार की नितियां व्‍यापार के पक्ष में है। टेक्‍सटाइल का विकास हो रहा है।  कॉटन के दाम बढ गए हैं। सिंथैटिक यार्न के दाम बढ़ गये हैं। इसीलिए फैब्रिक के भी दाम बढ़ गए हैं। ग्राहक इसे समझ रहा है। इससे फैब्रिक के व्‍यापार का विस्‍तार हो सकता है।

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