नयी दिल्ली : 16 दिसंबर 2021: दुनियां के कुछ देश COVID-19-प्रभावित आर्थिक संकुचन से दृढ़ता से उबरने लगे हैं जिसमें भारत भी एक है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर ओमाइक्रोन संस्करण का प्रभाव कम गंभीर होगा। वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा में ऐसा कहा गया है।
यह
रिकवरी निवेश चक्र की किक-स्टार्टिं का इसारा देती है, जो टीकाकरण कवरेज और विकास के मैक्रो
और माइक्रो ड्राइवरों को सक्रिय करने वाले कुशल आर्थिक प्रबंधन द्वारा संभव हुआ है।
वित्त
वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही (Q2) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) साल दर साल (YoY) 8.4 प्रतिशत बढ़ा है।
भारत
उन कुछ देशों में शामिल है, जिन्होंने अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को दर्शाते हुए FY21 की Q3, Q4 और FY22 की Q1, Q2 के बीच लगातार चार तिमाहियों में
वृद्धि दर्ज की है। रिकवरी सेवाओं में पुनरुद्धार, विनिर्माण में पूर्ण-रिकवरी और कृषि
क्षेत्रों में निरंतर वृद्धि से प्रेरित है।
वित्तीय
वर्ष की शेष तिमाहियों में भारत की आर्थिक सुधार में और मजबूती आने की उम्मीद है। 22
उच्च आवृत्ति संकेतकों (एचएफआई) में से 19 से यह स्पष्ट है।
हालांकि,
Omicron, COVID-19
का एक नया संस्करण वैश्विक सुधार के लिए एक नया जोखिम पैदा कर सकता है। प्रारंभिक
साक्ष्य बताते हैं कि भारत में टीकाकरण की बढ़ती गति के साथ ओमाइक्रोन संस्करण कम
गंभीर होने की उम्मीद है। यह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है।
COVID-19
महामारी के कारण अनेक देशों को उनके विकास लक्ष्यों पर वापस स्थापित करना कठिन काम
है। समीक्षा
में कहा गया है, वर्ष
2021 में भारत सहित कुछ वैश्विक अर्थव्यवस्था सुधार की तरफ आगे बढ़ा है और नुकसान से
उबरने की कोशिश कर रहा है।
रिपोर्ट
में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र वह आधार रहा है जिसकी बदौलत वित्त वर्ष 2020-21
में भारत में आर्थिक संकुचन को कम किया गया था। साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 में
रिकवरी में तेजी आई थी। खाद्यान्न का उत्पादन, खरीफ और दोनों के लिए न्यूनतम समर्थन
मूल्य में वृद्धि की गयी। 2021-22 में रबी फसलों ने भी ग्रामीण आय में वृद्धि की
है।

.jpg)
.jpg)










.jpg)
.jpg)

0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam links in the comment box.