नयी दिल्ली : 05 जनवरी 2022: भारत का राजकोषीय घाटा नवंबर के अंत में वित्त वर्ष 2021-22 के वार्षिक बजट लक्ष्य का 46.2 प्रतिशत था। यह राजस्व संग्रह में सुधार दिखाता है। घाटे के आंकड़े पिछले वित्त वर्ष की तुलना में काफी बेहतर दिखाई देते हैं। पिछले वित्त वर्ष यह अनुमान के 135.1 प्रतिशत तक बढ़ गया था। इसका मुख्य कारण यह था कि सरकार को महामारी से निपटने के लिए भारी बजट खर्च उठाना पड़ा। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों में ऐसा उल्लेख किया गया है।
सरकार
का अनुमान था कि घाटा नवंबर के अंत में 15.06 लाख करोड़ रुपए होगा। मगर उसके मुकाबले यह रकम 6,95,614 करोड़ रुपए रहा। यह भारत सरकार की अर्थवयवस्था
में होता सुधार की ओर इशारा करता है। 
सरकार
को इस वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6.8 प्रतिशत या 15,06,812 करोड़ रुपए के घाटे की उम्मीद है।
आंकड़ों
के अनुसार, नवंबर के अंत में सरकार की कुल प्राप्तियां
13.78 लाख करोड़ रुपये थी। यह वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान (BE) का 69.8 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में संग्रह (collection) BE का सिर्फ 37 प्रतिशत था।
अब
तक  कर (शुद्ध) राजस्व 2021-22
के बीई का 73.5 प्रतिशत था। यह पिछले वित्त वर्ष 2020-21  की इसी अवधि में बीई  का केवल
42.1 प्रतिशत था।
सीजीए
के आंकड़ों में आगे कहा गया है कि नवंबर के अंत में केंद्र सरकार का कुल खर्च 20.74 लाख करोड़ रुपया था। यह BE इस साल के बजट अनुमान का 59.6 फीसदी है।
2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद
का 9.3 प्रतिशत रहा।  यह फरवरी में बजट में संशोधित अनुमानों में अनुमानित 9.5 प्रतिशत से बेहतर है।
 

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