मुंबई: 27 जनवरी 2022: पीयूष गोयल ने भारतीय उद्योग से आग्रह
किया कि वे जोखिम लेने साहस करें और देश के विकास में योगदान करें। सरकार रोजगार पैदा करने के लिए प्लास्टिक, जूते, कपड़ा और चमड़े जैसे श्रम-केंद्रित क्षेत्रों में निजी निवेश की
उम्मीद कर रही है। भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मर्चेंट्स चैंबर
ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (MCCI) के विशेष ई-सत्र को संबोधित कर रहे थे।
श्री गोयल के पास उपभोक्ता मामले, खाद्य
और सार्वजनिक वितरण और वस्त्र विभाग भी हैं।
उन्होंने
कहा कि उद्योग संघ, केंद्र और राज्य सरकारों, मिशनों, निर्यात प्रोत्साहन परिषदों (EPCs) सहित सभी हितधारकों के साथ साझेदारी कर सकते हैं। वे व्यवसायों को
भारत में आकर्षित करने और घरेलू उद्योग को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। आइए हम
सभी एक संकल्प के साथ बड़ी और साहसिक चुनौतियों का सामना करके भारत को वैश्विक
नेता बनाएं।
श्री
गोयल ने कहा कि भारतीय उद्योग को गुणवत्ता और उत्पादकता पर ध्यान देना चाहिए और
वैश्विक संचालक बनना चाहिए।
उन्होंने
उद्योग संघों के लिए तीन अपेक्षाओं को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले, संघों को 2023 में भारत के G20 प्रेसीडेंसी के लिए मुक्त व्यापार
समझौतों, बाजार पहुंच, विषयों से संबंधित मुद्दों पर विचार और
सुझाव देकर सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।
़दूसरा, उन्हें इस बात पर प्रकाश डालना चाहिए
कि भारत कहां अनुपालन बोझ(compliance
burden) को कम
कर सकता है और व्यापार करने में आसानी को बढ़ा सकता है। उन्हें उन प्रक्रियाओं की
पहचान करनी चाहिए जिन्हें सरकार डिजिटाइज़ कर सकती है। उन क्षेत्रों में सुझाव देना
चाहिए जहां कानूनी ढांचे को सरल बनाया जा सकता है।
तीसरा, उन्हें मूल्य श्रृंखला और आपूर्ति
श्रृंखला को मजबूत करने में आत्मनिर्भर बनना चाहिए।
उन्होंने प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना (TUFS) के तहत लंबित दावों की जांच और सत्यापन के बाद धनराशि जारी करने का आश्वासन दिया।

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