टारगेट
इंडिया की रिलीज अब होली के पूर्व की जाएगी: विजय सक्सेना (प्रोड्यूसर-डायरेक्टर)
फिल्म को मिल रहा है राष्ट्रभक्तों का भरपूर समर्थन 
मुंबई: टारगेट इंडिया की रिलीज जो २६ जनवरी को होने वाली थी, उसे इसलिए आगे बढ़ा दिया गया क्योंकि थिएटर्स
अभी भी बंद चल रहे हैं। इसे अब होली के पूर्व उपयुक्त तिथि को लांच किया जाएगा।
इस फिल्म के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर विजय सक्सेना ने यह जानकारी दी। 
फिल्म
पुलवामा एटैक की पृष्ठभूमि पर बनायी गयी है
श्री सक्सेना ने
कहा कि यह फिल्म पुलवामा के एटैक की पृष्ठभूमि पर बनायी  गयी  है।
फिल्म में मुख्य भूमिका में भी विजय सक्सेना हैं। इसमे ९ गानों का समावेश किया
गया है जिसमें ६ गाने आर्मी पर फिल्माया गया है। एक क्लब सौंग है। एक रोमांटिक
सौंग है। 
फिल्म देशभक्ति से
ओत प्रोत है। इसमें यह दिखाया गया है कि सीमा पर हमारे सैनिक किस जजबा और हौसला के
साथ अपनी डयूटी को अंजाम देते हैं मगर देशवासी उनकी इस कुर्वानी, 
उनकी
देशभक्ति के बारे में बहुत कम जानते हैं और उन्हें कमतर आंकते हैं। आज हमारी
आर्मी नहीं होती तो देश के लोग चैन की नींद सो नहीं पाते। हम देशवासी अगर सही
सलामत हैं तो इनकी वजह से हैं। 
यह नया भारत है, इसे टारगेट नहीं किया जा
सकता
श्री
सक्सेना ने कहा कि हमारा ऐसा इतिहास रहा है कि हमारे देश में कोई कुछ भी करके चला
जाता है। हमारे तमाम दुश्मनों ने हमे टारगेट बनाया। जबकि भारत ने कभी किसी को
टारगेट नहीं किया, कभी किसी पर एटैक नहीं किया। भारत सदियों से टारगेट होता आ रहा है। 
फिल्म
का यह मैसेज  है कि अब भारत एक हो गया है।
अब उसे टारगेट नहीं किया जा सकता है। अब हम इसका प्रतिकार करेंगे। अब हम पहले की
तरह नहीं सहेंगे। यह नया भारत है।  
फिल्म
के निर्माण में लगे ५ साल 
इस  फिल्म के निर्माण में ५ साल का समय लगा। लगभग
३ साल का समय आर्मी के बीच सूटिंग में लगा। आर्मी के बीच सूटिंग की परमिशन में दो
वर्ष लग गए। इसके लिए सक्सेना ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रशंसा की।    
६
देशों में हुई सूटिंग, इसे सेना का मिला भरपूर साथ
इस फिल्म की सूटिंग
६ देशों में की गयी। भारत के सीमा पर रियल आर्मी के बीच इसकी सूटिंग की गयी। इसके
लिए फिल्म के क्रू को डिफेंस के अनेक जवानों, अधिकारियों इत्यादि का भरपूर सहयोग मिला। आर्मी के अलावा वीएसएफ,  एसएसबी , सीआरपीएफ, एयर फोर्स सभी ने इसमें क्रू की मदद की। 
सहीदों को श्रद्धांजलि
श्री
सक्सेना ने कहा कि इसे हम देश के जवानों की फिल्म कहना उचित समझते हैं। वास्तव
में यह फिल्म पुलवामा में हुए सहीदों को एक श्रद्धांजलि है। 
इस
फिल्म में चार संगीत निर्देशकों को मौका दिया गया है। सबों ने बड़ी मिहनत से काम
किया है। बहुत अच्छा काम किया है। फिल्म क्रू के सभी सदस्यों ने जी भर कर मिहनत
की।  
विजय सक्सेना का परिचय
श्री सक्सेना कन्नौज के रहने वाले हैं। उन्होंने ग्वालियर में मार्सल आर्ट सीखा। उन्होंने १९९२ में एक स्टंटमैन के रूप मे फिल्मों में अपना केरियर शुरू किया। वहां वे फाइट मास्टर अकबर बक्शी से मिले। बीरू देबगन से मिले। टीनू बर्मा से मिले। उनलोगों ने उन्हें फाइट में काम देना शुरू किया। टीनू बर्मा ने उन्हें काफी काम दिया। इस तरह वे तमाम बड़े एक्टरों के साथ करने लगे। एक ऐसा समय भी आया कि सक्सेना ने टीनू बर्मा को लेकर एक फिल्म बनाई ‘हमारा गांव हमारा देश’ । वे इसके बाद फिल्म निर्देशन सीखने लंडन चले गए। वहां उन्होंने फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखी। फिर वे वापस भारत आए। अब वे फिल्म बनाने लगे। १९९५ के बाद श्री सक्सेना ने अपना होम प्रोडक्शन आरंभ कर दिया। जब वे लंडन में थे, तो वहां उन्होंन ‘लंडन किलर’ फिल्म अंग्रेजी में बनाइ थी, जिसे खूब पसंद किया गया।
आमदनी का आधा सहीदों के परिवारों को समर्पित 
श्री सक्सेना ने कहा कि उन्हें फिल्म ‘टारगेट इंडिया’ से जो भी अमदनी होगी, उसका उसका आधा हिस्सा वे उन शहीदों के परिवार को बांटेगे जो जवान पुलवामा में शहीद हो गए या उसके बाद शहीद हो गए।
 

.jpg)
.jpg)










.jpg)
.jpg)
 

 
 
 
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam links in the comment box.