| Malik HKS, Director, Narain Synthetics |
मुंबई: संक्राति के बाद व्यापार का सीजन रहना चाहिए क्योंकि आगे सीजन अच्छा
है। मैरेज का सीजन और रमजान का सीजन साथ में है। गारमेंट का सीजन भी है। फेयर आदि
भी हो रहे हैं। उम्मीद है कि बाजार चलेगा। नारायण
सिंथेटिक्स के डायरेक्टर श्री एच एस के मलिक ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कंपनी का ब्रांड गोल्ड हिल निरंतर उन्नति
के पथ पर अग्रसर है। गोल्ड हिल ब्रांड ने आगामी सीजन के मद्देनज़र एथनिक वियर, जेकार्ड, कॉटन ब्लेंड, पीसी ब्लेंड
सूटिंग की शानदार रेंज बाज़ार में पेश की है। इसके डिजायंस और नए कलेक्शंस को व्यापारियों
ने खूब पसंद किया है। कंपनी ने सूट्स और ब्लेजर के लिए टीआर, खासकर इंर्पोटेड टीआर सूटिंग की हैवी
वेरायटियों के कलेक्शंस को भी बाजार में
उतारा है।
श्री मलिक ने बताया कि आगामी वैवाहिक सीजन हेतु ५८ इंच
कुर्ता पाजामा की विशेष रेंज तैयार की गई
है। इसके अलावा सूट लेंथ और सफारी पैकिंग की रेंज
भी तैयार की गई है। एथनिक क्वालिटियों में जेकार्ड, प्रिंटेड और
वैल्यू एडीशन की रेंज बाजार में डिमांड के साथ बिक रही है।
उन्होंने बताया कि गोल्ड हिल ब्रांड के अंतर्गत
गारमेंटरों के लिए विशेष रेंज उपलब्ध हैं। वे रेडीमेड गारमेंट में खूब चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि आगामी सीजन के लिए अच्छी
डिस्पैच चल रही है।
श्री मलिक ने कहा कि जीएसटी दर में वृद्धि से नई परेशानी होने वाली है।
सरकार ने इस निर्णय को स्थगित किया है। उसे पूरी तरह वापस लेना चाहिए। यदि सरकार
ने ऐसा नहीं किया तो फिर एक डेढ़ महीना बाजार हिल जाएगा। बहुत दिक्कत आएगी।
बिलिंग वाला सिस्टम बहुत गड़बड़ होने वाला है। लोग वापस दो नंबर का काम शुरू कर
देंगे। दुकानदार बिल बनाना बंद कर देगा।
उन्होंने कहा कि रोटी कपड़ा मकान यदि मंहगा होगा तो लोगों का जीवनयापन
मुश्किल हो जाएगा। जैसे हार्डवेयर के सामान पर १८ प्रतिशत जीएसटी है तो दुकानदार
खुद ही बिल नहीं भरता है। कपड़े में यदि ऐसा हो गया तो सरकार को रेवेन्यू कहां से
आएगा?
उन्होंने कहा कि यह सब इतनी अच्छी तरह स्ट्रीम लाइन हो गया था । यह स्मूथली
चलने लगा था। यदि इस तरह का झटका पड़ेगा तो कई टेक्सटाइल कारोबारी कठिनाई में आ
जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार को कोई न कोई रास्ता निकालना ही चाहिए। गारमेंट
में भी पहले ऐसा ही हो रहा था। इससे बचने के लिए व्यापारी गलत रास्ते को
अपनाएंगे। इससे गलत काम को बढ़ावा मिलेगा। अनऑरगेनाइज्ड सेक्टर भी पक्का काम
करे ऐसी स्थिति बननी चाहिए।
एच एस के मलिक ने कहा कि कई व्यापारी कहता है कि हमारा
नफा ही पांच छ टके से ऊपर नहीं है। हम कहां से टैक्स भरेंगे। हम टैक्स भर देंगे
तो हमारी एक नंबर की पूंजी जाम हो जाएगी। सरकार को सोचना चाहिए। टेक्सटाइल मारकेट
बहुत सेंसिटिव मारकेट है।
श्री मलिक ने कहा कि सिस्टम सेट हो गया था। लोग टैक्स भर ही रहे थे। कोई सोच नहीं रहा था कि इसमें अचानक परिवर्तन हो जाएगा। इसका हर जगह विरोध हो रहा है। सरकार को इसे होल्ड करना चाहिए। भारत भर में टेक्सटाइल से जुड़े तमाम एसोसिएशन इसका विरोध कर रहे हैं।

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