कृषि और टेक्सटाइल सेक्टरों को बचाना सरकार की प्रथमिकता
होनी चाहिए: श्री मनीष एस मेहता (San Marcos)
अभी टेक्सटाइल बाजार उत्पादन से
सेल तक सभी मरहलों पे सोया पड़ा है। टेक्सटाइल बाजार आज काफी नीचे समझो अपने निचले
स्तर पर चल रहा है। पिछली दिवाली से यही हालत चली आ रही है। दीवाली भी कोई ख़ास
गयी नहीं। कपड़ा अटक गया। कपड़े का सेल कमजोर हो गया। अब ज़्यादातर वे व्यापारी
आ रहे हैं जिनपर पिछला बकाया है। सबसे बड़ी दिक्कत यही आ रही है। अब उसको कैसे
माल दिया जाय▼ मगर वह
थोड़ा पैसा देता है और हम भी उसे थोड़ा माल देते हैं।
हमारा एक
सुझाव है कि यहां के सभी चैम्बरों को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सबों का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। आधुनिक
तकनीकी का इस्तेमाल करके सबका डाटा बनाआ। हमारे यहां आनेवाले पार्टियों का, एजेंटों का, का सारा डाटा उसमें होना
चाहिए। जो अनसजिस्टर्ड है उससे हम व्यापार ना करें।
जब हमने यह सुझाव
दिया तो लोगों ने काउंटर आरगूमेंट
किया कि यह हो नहीं सकता। यह बहुत जटिल पक्रिया है।
सारे देश के
व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।
व्यवस्था पारदशी होना चाहिए।
हिंदुस्तान
चैम्बर ने इस सिलसिले में कुछ कदम उठाया है।
यह विधान यह पौलिसी माजूदा
कपड़े बाजार का पतन से रोक सकता है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो मारकेट का स्तित्व
खतरे में पड़ जाएगा।
यह बाजार
मजबूत तब होगा जब सरकार इसे सहयोग करेगी।
और सरकार को ऐसा करना भी चाहिए। टेक्सटाइल उद्योग कृषी के बाद दूसरा मजदूर आधारित
उद्योग है। इन दोनो सेक्टरों को बचाना सरकार की प्रथमिकता होनी चाहिए।


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