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| Manoj Dangra (Subhtex) |
मुंबई: कोरोना महामारी के कारण टेक्सटाइल काफी प्रभावित
हुआ है। ४ महीने से कोई सेल नहीं हुआ है। सब कुछ बंद चल रहा है। अभी बाहर गांव की
कोई ग्राहकी नहीं है। देश की इकोनोमी को लॉकडाउन से काफी फर्क पड़ा है। लेबर का और
पेमेंट का ईसू है। बाल भारती कृयेशंस के
डायरेक्टर श्री मनोज डांगरा ने यह जानकारी दी। यह कम्पनी
Subhtex ब्रांड के अंतर्गत देश भर में युनिफार्म
फैब्रिक का उत्पादन और मार्केटिंग करती है।
श्री डांगरा ने कहा कि लेबर सब गांव चले गये। वे अभी
तक लौट कर आए नहीं। इसके कारण प्रोडक्शन प्रभावित हो रहा है। दूसरी तरफ पार्टियों
पर जो पूराना बकाया है, वह आ
नहीं रहा है।
बाल भारती कृयेशंस के डायरेक्टर ने कहा कि
लेबर को हमने अपने स्तर पर पूरा सहयोग किया। लेकिन कोरोना महामारी के कारण उनको
अपने घरों से इस कदर फोन आने लगे कि वे अंत में घर लौट गये। काम भी बंद है तो वे
यहां रह कर क्या करते? बंद में हमलोगों ने उन्हें ५० फीसदी सैलरी दिया।
श्री डांगरा ने बताया कि हालात को सामान्य होने में छ
से आठ महीना तो लग जाएगा। मगर उसके बाद मारकेट अच्छा रहेगा। बेशक अभी तकलीफ है और
यह कुछ दिन और रहेगी। मगर छ महीने बाद व्यापार की साइकिल घूमना शुरू हो जाएगी। उसके
बाद मारकेट अच्छा रहेगा।
उन्होंने कहा कि यदि स्कूल सेप्टेंबर तक खुलती है तो रेडी स्टॉक मारकेट
में बिकना शुरू हो जाएगा। जिसके पास रेडी स्टॉक है उसके पास अच्छा काम रहेगा।
शुभटेक्स ब्रांड के डायरेक्टर ने कहा कि चीन के इमेज
खराब होने और भारत के प्रति दुनिया के सम्मान बढने का लाभ भारत को मिलेगा। एक्सपोर्ट
के आर्डर अच्छे आएंगे। मगर सरकार को थोड़ा सपोर्ट करना पड़ेगा। देशी उत्पादकों
को इनसेंटिव देनी होगी ताकि वे कमपीट कर सकें। वे रेट में मैंच कर सकें। इनक्वाइरी
तो काफी आएगी। मगर उन्हें रेट मैंच करके माल देना होगा। टाइमली माल देना होगा। अच्छी
क्वालिटी का माल देना होगा। अगर सरकार सपोर्ट करेगी तो आगे एक्सपोर्ट काफी अच्छा
रहेगा।
उन्होंने कहा कि चीनी माल पर सरकार को भारी इम्पोर्ट ड्यूटी लगानी चाहिए।
चीन से जो भी माल आ रहा है उस पर भारी इम्पोर्ट ड्यूटी लगानी चाहिए। सरकार की
मंशा ऐसी लग रही है कि वह भारत को हर तरह से एक आत्मनिर्भर देश बनाने की ओर चल
पड़ी है। चीन से आने वाले यार्न पर भारी इम्पोर्ट ड्यूटी लगानी चाहिए। भारत के रॉ
मेटेरियल को बाहर नहीं जाना चाहिए। या तो कपड़ा बनाकर या गारमेंट बनाकर एक्सपोर्ट
होना चाहिए तो ज्यादा फायदा होगा। देश के कच्चे माल को देश में ही खपाना चाहिए।
बाल भारती कृयेशंस के डायरेक्टर ने कहा कि सरकार को
लेबर लॉ में भी सुधार करनी चाहिए। इसकी वजह से भी इंडस्ट्री ग्रो नहीं कर रही है।
आज चीन और भारत के वर्किंग में काफी फर्क है। एक चीनी मजदूर आठ घंटे में जितना काम
करता है हमारा मजदूर चौबीस घंटे में उतना काम करता है। वहां का लेबर काम से काम
रखता है। हमारा लेबर लॉ लिलिएंट है। हमारा लेबर उसी कारण अपने काम के प्रति
सिनसियर नहीं है। उसी कारण अपने काम के प्रति रेस्पोंसिबल नहीं है। लेबर लॉ में सुधार
करने से मजदूर अपना काम बेहतर करेगा और इससे उत्पादन में सुधार होगा। तभी एक्सपोर्ट
में भी ग्रोथ होगा।
श्री डांगरा ने व्यापारियों को यह मैसेज दिया कि व्यापारी
उत्साहपूर्वक अपने काम पर लौटें। वे अपने घर में न बैठें बल्कि अपने काम में
लगें। तभी धीरे धीरे सभी समस्याएं दूर होंगी। वे कृपया पोजेटिव सोच रखें और
इनावायरोनमेंट को पोजिटिव बनाए रखें। वे निगेटिव सोच से बचें। यह तकलीफ थोड़े दिनो
की तकलीफ है। कुछ दिनों में यह दूर हो जाएगी। मगर उसके लिए हमे काम पर लगना जरूरी
है। घर में बैठ कर मन में निगेटिविटी आती है। लोगों को उससे बचना चाहिए और पोजिटिव
वातावरण बनाना चाहिए। वे काम पर व्यस्त रहेंगे तो निगेटिविटी से बचेंगे। काम पर
लगे रहने से सबकुछ स्वत: ठीक होने लगेगा।


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