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| Ajay and Raju Trivedi (Gangotri Textiles Mills) |
मुबई: कोरोना महामारी तो पूरे विश्व में है। भारत अकेला देश तो है नहीं जो
इससे प्रभावित हुआ है। इसलिए इस स्थिति में शांति बनाए रखना आवश्यक है। अन्यथा
यह तकलीफ और बढ़ जाएगी। गंगोत्री टेक्सटाइल्स मिल्स
के डायरक्टर्स श्री अजय त्रिवेदी एवं श्री राजू त्रिवेदी ने यह जानकारी दी।
त्रिवेदी बंधु संयुक्त रूप से इस कम्पनी को चलाते हैं। युनिफार्म उत्पादन में
इस कम्पनी का काफी ऊंचा मुकाम है। यह कम्पनी गंगोत्री ब्रांड के अंतर्गत देश भर
में इस गारंटी के साथ युनिफार्म फैब्रिक बेचती है कि उनके फैब्रिक में कोई भी
त्रुटि हो तो कंपनी उसे वापस लेने के लिए हमेशा तैयार रहती है। इस कारण गंगोत्री ब्रांड का देश भर में जबरदस्त
गुडविल है।
श्री त्रिवेदी बंधु कहतें हैं कि कोरोना महामारी के कारण
हमने
सारा कारोबार बंद कर रखा है । टेक्सटाइल जगत इस समय पूरा टूट चुका है। इसको व्यवस्थित
होने और इससे उबरने में दो से तीन साल लगेंगे। नवम्बर तक इस महामारी से निजात
होता हुआ दिख नहीं रहा है। उसके बाद यदि परिस्थिति सुधरती है तो भी मार्च महीने के
बाद ही कुछ काम हो पाएगा। उन्होंने कहा कि आगे कोई शादियां भी नहीं है। स्कूलों
के चालू होने में काफी देर होने वाली है। उत्पादकों के मिल चालू नहीं हैं। सब
डिस्टर्ब्ड है। जब तक यह डिस्टबेंस क्लियर नहीं होगा तब तक आगे क्या होना है
यह समझ में नहीं आएगा।
गंगोत्री टेक्सटाइल्स मिल्स के इन डायरेक्टरों ने
कहा कि टेक्सटाइल उत्पादकों और मजदूरों दोनो का घाटा हुआ है। मजदूरों के घाटों
की कुछ हद तक भरपाई भी हुयी है, मगर उत्पादकों के घाटे
की तो कोई भरपायी नहीं हो सकी। उन कामगारों
की सैलरी में २० से ३० फीसदी की कटौती हुयी है मगर उनकी सैलरी चालू है। मगर
२० हजार से नीचे की जिनकी सैलरी है उनको तो कोई कटौती नहीं की गयी है। नुकसान तो कुल मिलाकर मालिकों का ही हो रहा है। हमारा
बिजली का बिल चालू है, बैंक का ब्याज चालू है। और हमारा सारा कारोबार बंद है। जो स्टॉफ
काम पर नहीं हैं, जो स्टॉफ घर चले गये उसका हम क्या कर सकते हैं। मगर
हमारे जो परमानेंट स्टॉफ हैं उन सबको सैलरी मिल रही है। हम पहले १० तारिख तक
सैलरी दे देते थे। अब थोड़ा लेट हो जाता है। सबसे मेजर लॉस में उत्पादक हैं। जान
है तो जहान है। आगे समय सुधरेगा तो और कमा लेंगे, इसकी भरपायी कर लेंगे।
इस प्रश्न के जवाब में कि क्या चीन के साख घटने से
भारत को कोई लाभ मिलेगा, श्री
त्रिवेदी बंधु कहतें हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चीन एक ऐसा देश है जो पूरे
विश्व को निर्यात करता है। हमारे पास इतने यत्र नहीं हैं, इतने
साधन नहीं हैं, और हम उससे सस्ते रेट पर माल
भी नहीं दे पाएंगे।
श्री त्रिवेदी बंधु कहतें हैं कि
हमारा भारत काफी हद तक आत्म निर्भर है। मगर आज कंपिटिशन का जमाना है।
हमारी टेक्नोलॉजी इतनी अपग्रेडेड नहीं है। हम उनके बराबरी की क्वालिटी नहीं दे
पा रहे हैं। उनका माल मारकेट में इतना सस्ता आता है कि उसके कंपिटिशन में हमारा
माल थोड़ा महगा पड़ता है। हमारे पास क्वांटिटी नहीं है। उन्होंने कहा कि चाइना
बंद तो हुआ नहीं। हमे व्यापार में कोई ज्यादा लाभ नहीं होने वाला है।


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