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कोविद महामारी से निजी स्‍तर पर निपट रहे हैं मुंबई के समाज सेवक विवेकानंद बगाडिया


Vivekananda Bagadia
Vivekananda Bagadia



मुबई: आज कोविद महामारी के कारण सारा देश एक कठिन दौर से गुजर रहा है।  सरकार ने तो इस कठिन दौर का सामना बेहद दक्षता के साथ लिया । ऐसे में अनेक लोगों ने निजी स्‍तर पर अपनी हैसियत और क्षमता के अनुसार मानव कल्‍यान का बीरा उठाया। इसी कड़ी में एक नाम है श्री विवेकानंद बगाडिया का जो पेशे से टेक्‍सटाइल व्‍यापारी हैं। 
ऐसे कठिन कोविद समय में जब ज्‍यादातर लोग अपनी जान बचाने की नीयत से अपने घर में दुबक कर बैठे हैं श्री बगाडिया ने आगे आकर मानव कल्‍याण के लिए सैनिटाइजर, मास्क, हैंड ग्लव्स, मल्टीविटामिन, गर्म पानी की मशीन, फूड ग्रेन किट दान कर मानवता को नमन किया है। वे भोजन कार्यक्रम और कई अन्य चीजों में मजबूर लोगों की मदद कर रहे हैं। यह कारीक्रम अभी भी जारी है।

श्री विवेकानंद बगाडिया को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। वे एक कुशल टेक्‍सटाइल उद्यमी हैं और अपने सामाजिक कामकाज और परोपकार के  कारण और साथ ही अपने विनम्र स्वभाव के लिए वे मुंबई के प्रसिद्ध व्यक्तित्व में से एक है

वे कम उम्र से ही परोपकारिता के काम के लिए बहुत सक्रिय थे और आम तौर पर समाज की मदद करने के लिए सामाजिक रूप से बहुत जिम्मेदार व्यक्ति हुआ करते थे। वे और लोगों की मदद करने में कभी पीछे नहीं रहे। पूर्व में उन्‍होंने परोपकार के अनेक काम किए जिस कारण मुंबई के समाज में वे एक परोपकारी और सम्‍मानित व्‍यक्ति के रूप में जाने जाते हैं।

उन्होंने मिशन काश्मीर मदद के लिए भारत मर्चेंट चैंबर का प्रतिनिधित्व किया था, जिसमें उन्होंने अपने दोस्त नीलेश के साथ बाढ़ के दौरान कशमीर का दौरा किया और कशमीर के लोगों की मदद की।

श्री विवेकानंद बगाडिया ने कहा कि समाज और मानवता के लिए काम करना हर एक का कर्तव्य होना चाहिए क्योंकि यह हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है और सभी को ऐसे कठिन समय में लोगों की भलाई के लिए जो कुछ भी जरूरी है वह योगदान उसे करना ही चाहिए।

उनका मानना है कि इस तरह के विनम्र अनुशीलन और प्रकृति की मदद करना एक अच्छा काम है। समाज के प्रति उनकी आस्था और सेवा केवल ईश्वर की सेवा और ईश्वर में आस्था है


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