गांधी परिवार के विरुद्ध जांच के लिए गृह मंत्री ने गठित की इनटर मिनिस्टेरियल
कमिटी
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिनांक ८ जुलाई २०२० को एक ऐसा फैसला
लिया है जिससे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रौबर्ट बाड्रा के जेल
जाने का रास्ता साफ हो गया है। गांधी परिवार में खलबली मँच गयी है। कांग्रेस
पार्टी के अंदर हरकंप मच गया है।
सरकार ने जन भावना के मुताबिक यह फैसला लिया है। पिछले एक सप्ताह से यह
मांग जनता की ओर से उठ रहे थे कि इन लोगों के विरुद्ध जांच की जाय।
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| Rahul Gandhi |
इसमें चीन जैसे दुश्मन देश से चंदा आ रहा था
गांधी परिवार ने कुछ ट्रस्ट बना रखी है, जैसे राजीव
गांधी ट्रस्ट, इंदिरा गांधी
मेमोरियल, आदि
। हाल में
इस बात का खुलासा हुआ कि इसमें चीन जैसे दुश्मन देश से चंदा आ रहा था। सरकारी
खजाने से चोरी चोरी इसमें पैसे साइफोनिंग की जा रही थी। इसमें कतर से पैसा आ रहा
था। इसके लिए मेहुल चौकसी से चंदा वसूला गया। यह जब खुलासा हुआ तो देश की जनता
इंतजार कर रही थी कि आखिर जब खुलासा हुआ तो सरकार क्या एक्शन लेगी। आज गृह
मंत्री अमित शाह ने एक इनटर मिनिस्टेरियल कमिटी गठित करने का ऐलान किया है जो इन
सारे मामलों की जांच करेगी।
मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
इनके ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है। इन्होंने विदेशी फंड लाने
में देश के सुरक्षा कानून का उलंघन किया है। इन्होंने देश के नियम और कानून को
ताक पर रखकर सरकारी खजाने में सेंधमारी की है।
गृह मंत्रालय ने अपने ट्विट में कहा है कि ‘MHS sets up inter ministerial committee to coordinate investigations
into violations of various legal provisions of PMLA , Income Tax Act, ICRA Act,
etc by Rajiv Gandhi Foundation, Rajiv Gandhi Charitable Trust and Indira Gandhi
Memorial Trust. Special Director of ED will head the committee.
ये तीनों संस्थाएं गांधी परिवार की मिलकियत हैं। ये सरकारी संस्थाएं नहीं
हैं। इसमें देश और विदेश से तरह तरह के लोग पैसे लगा रहे थे।
मेहुल चौकसी, जाकिर नायक ने भी इसमें पैसे दिए हैं
मेहुल चौकसी जो देश का पैसा लूट कर भागा हुआ है उसने भी इसमें पैसे दिए
हैं। उसको लोन दिलाने में इस परिवार ने मदद की। इस परिवार के ट्रस्ट में भगोरा
जाकिर नायक ने भी पैसे दिए हैं। इसमें चीन से पैसा आया है। चीन की सरकार ने पैसे
दिए हैं। चीन की एम्बैसी ने पैसे दिए हैं। इसमें आयरलैंड से पैसे आए हैं। इसमें
लग्जमबर्ग से पैसे आए हैं। यह गांधी परिवार एक पैसा उगाने की की रैकेट चला रही थी, इसका खुलासा हुआ है। अब
यह इंटर मिनिस्टेरियल कमीटी इन सारे मामले की जांच करेगी।
इस घोटाला का नेचार क्या है?
ये गांधी परिवार इस तरह का एनजीओ चलाते हैं। इसमें बहुत सारे काम बस कागज
पर करते हैं।
जब यूपीए की सरकार सत्ता में थी तो ११ पबलिक सेक्टर कंपनियों के जरिए
इसमें पैसे दिए गये। मनमोहन सिंह उन दिनो एक डम्मी प्रधान मंत्री देश चला रहे थे।
सारे मंत्रीगण इस गांधी परिवार के गुलाम थे। ये तमाम मंत्रालय अगल अलग संगठन के
माध्यम से इन पारिवारिक एनजीओ को चंदा के रूप में पैसा ट्रांसफर कर रहे थे। इसमें ९ मिनिस्ट्री और ११ पीएसयू बतौर चंदा
पैसा डाल रहे थे।
जांच का दायरा
जांच के दायरे में क्या आएगा? इस लिए यह इंटर मिनिस्टेरियल
कमीटी बनायी गयी है ताकि हर मंत्रालय अपने अपने लेबल पर यह जांच करे कि गांधी
फैमिली के इन ट्रस्टों को जो पैसे दिए गये, वे पैसे
किस आधार पर दिए गये। क्या यह नियमों का उलंघन था?
क्या इसमें नियम कानून का उलंधन किया गया है?
बेशक आम आदमी ऐसा एनजीओ बना सकता है। मगर क्या सरकार के मंत्रालय और
पबलिक सेक्टर युनिट उन्हें पैसा देती है? तो फिर गाधी परिवार के एनजीओ को सरकार
ने पैसे क्यों दिए। क्या सरकार ने और पीएसयू ने जो पैसे दिये हैं इसमें नियम
कानून का उलंधन किया गया है?
अगर यह साबित होता है कि आपने पैसा एक काम बता कर लिया
और आपने दूसरा काम किया तो इसमें गबन का मामला बनता है। दरअसल इन्होंने नियम
कानून को ताक पर रखकर जनता का पैसा लूटा है। यह इंटर मिनिस्टेरियल कमीटी इन सब
बातों की जांच करेगी।
पैसे ऐसे ऐसे देशों से आए हैं, जो अपने आप में विवादास्पद है
इसमें बहुत सारे पैसे ऐसे ऐसे देशों से आए हैं, जो अपने आप में
विवादास्पद है। लगजमबर्ग से, कतर से, चीन से पैसा आ रहा है।
किसलिए आ रहा है? क्यों आ रहा है? क्या इनलोगों ने Foreign
contribution Regulation Act का उलंघन तो
नहीं किया है?
Rajiv Gandhi Foundation Trust का एक ब्रांच UK में भी है
Rajiv Gandhi Foundation Trust का एक
ब्रांच UK में भी
है। तो इसमें Money Laundering का एंगिल
भी देखा जा रहा है। इसमें यह भी देखा
जाएगा कि इसमें Income Tax के नियमों
का भी उलंघन हुआ है। कौन लोग पैसा लेकर जा रहे हैं? पैसा खर्च कहां हो रहा है?
इसमें एक और मसला फस रहा है कि किस तरह के लोगों से आप पैसा ले रहे हो? और किस तरह
के लोगों को आप पैसा दे रहे हो? पता चल रहा कि जॉर्ज सौरस से जुरे हुए लोग भी इस
संस्था से जुड़े हुए हैं।
भारत दुश्मन देशों से पैसे आते हैं
एक और चिंता का विषय यह है कि इस संस्था में भारत दुश्मन देशों से पैसे आते
हैं,
इसमें भारत सरकार की मिनिस्ट्री से पैसे आते हैं, और ये
कुछ सामाजिक काम दिखाते हैं। इनका जो एनुअल रिपोर्ट है उसमें ये बताते हैं कि इन्होंने
देश भर में १०००० राजीव गांधी लाइब्रेरी खोला है। उस मद में ये सारे पैसे का खर्च
दिखा देते हैं। क्या आपको किसी पंचायत में या गांव में राजीव गांधी लाइब्रेरी
दिखायी पड़ा ? इन्होंने कागज पर ही सारा खर्चे का हिसाब किताब बराबर कर दिया है।
इसके अलावा वे अनेक लिटरेसी का काम, ओमेन अपलिफ्टमेंट का काम दिखाया है। ऐसा
दिखाकार ये सारा पैसा अलग अलग एनजीओज को देते हैं। ये इनके एनुअल रिपोर्ट में डाला
हुआ है।
अल्ट्रा लेफ्ट और एंटी नैशनल किस्म की एनजीओज
मेरी सरकार से अपील है कि जिन एनजीओज को पैसा इनलोगों ने
पैसा देता हुआ दिखाया है उनकी आइडेंटीटी क्या है इसकी भी जांच हो। इनके वेबसाइट
पर उन फर्जी एन जी ओ के नाम दर्ज है जिनसे मिलकर ये गांधी परिवार पैसे का लूट खसोट
करता है, ये सारे लोग
अल्ट्रा लेफ्ट और एंटी नैशनल किस्म की
एनजीओज हैं। ये वही लोग और एनजीओज हैं जो सिगनेचर कैम्पेन करके सरकार का विराध
करते हैं जब सरकार धारा ३७० हटाती है। ये सब लोग राजीव गांधी फाउंडेशन से जुड़े हुए
हैं।
चीन से पैसा लेते हैं और चीन के एजेंडा को
आगे बढ़ाते हैं। यही लोग सीएए के खिलाफ आंदोलन करते हैं। राम मंदिर के ऊपर जब सुपरीमकोर्ट
का फैसला आया तो ४९ लोग उसका विरोध करने कोर्ट
चले गये कि यह फैसला गलत है। तमाम देश विरोधी लोग इन संगठनों से जुड़े हुए हैं।
यह परिवार भ्रष्टाचार का अड्डा है
सोनिया राहुल प्रियंका जो इन संगठनो को चला रहे हैं वे देश
के पैसों का बंदरबांट कर रहे हैं । यह परिवार भ्रष्टाचार का अड्डा है। अब सरकार की
बारी है कि इसके ऊपर जांच करे और कारबाई करे। इन्होंने देश के दुश्मन के साथ हाथ
मिलाकर देश के साथ गद्दारी किया है इसकी जांच हो और उन्हें कैफरे किरदार तक पहुचाया
जाय।



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