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लेडिज एथनिक वेयर के व्‍यापार पर प्रतिकूल असर पड़ा है : दिनेश नंदू (आरी)

 



 

मुंबई: गारमेंट उत्‍पादन क्षेत्र इन दिनों विभिन्‍न समस्‍याओं का सामना कर रहा है। लेडिज एथनिक वेयर उत्‍पादन करने वाली कम्‍पनी आरी के पार्टनर दिनेश नंदू ने यह जानकारी दी। यह कम्‍पनी आरी ब्रांड के अंतर्गत देश भर में लेडिजं वेयर की मारकेटिंग करती है। यह एक लोकप्रिय और सम्‍मनित ब्रांड है।  

 

श्री नंदू ने कहा कि गारमेंट उत्‍पादकों की स्थिति बहुत खराब है। उन्‍हें सब तरह से प्रोबलैम का सामना है। आवक नहीं आ रही है। माल बन नहीं रहा है। वर्कर्स नहीं हैं। जो माल है वह बिक नहीं रहा है। रिटेल दुकानों पर ग्राहकी नहीं है। पेमेंट नहीं आने के कारण हमलोग माल सप्‍लाइ नहीं कर पा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि आगे गम्‍भीर परिस्थिति आनेवाली है। अभी दिवाली का समय आने वाला है। थोड़ा बहुत चलेगा। सेल में दस से पंद्रह टका की बृद्धि होगी। लेकिन उसके बाद से वापस स्‍लो हो जाएगा।

 

आरी ब्रांड के पार्टनर ने कहा कि लॉक डाउन के दरम्‍यान व्‍यापार पूरी तरह बंद रहा। दूसरी तरफ खर्च बदस्‍तूर चालू रहा। रेंट चालू रहा। वैंकों के व्‍याज चालू रहे। ट्रेने जो बंद हुयीं, अभी तक बंद हैं। यह मुंबई की लाइफ लाइन है। दुविधा की स्थिति बन गयी है। लोगों के पास पैसे नहीं हैं। लॉक डाउन होने के साथ ही ये समस्‍याएं शुरू हो गयीं। उनका असर अब दिख रहा है।

 

श्री नंदू ने कहा कि आनेवाले समय में गारमेंट उत्‍पादकों के लिए बेहतरी की उम्‍मीद कम है, चूंकि पूरे इकोनोमी की साइकिल अटक गयी है। जबतक ये साइकिल सुधरेगी नहीं तब तक गारमेंट क्षेत्र में कुछ सुधार नहीं होगी। पहले लोग आवश्‍यक चीजें खरीदते हैं, जैसे खाना पीना और दबाई। कोरोना बीमारी की दवा दारू और इलाज मंहगा है। सबों के पास तो मेडीक्‍लेम रहता नहीं है। इसके अलावा भी काफी तकलीफे हैं। लोगों के पास काम नहीं है तो पैसा नहीं है। पैसा नहीं है तो उसका सब काम अटकता है। और गारमेंट की आवश्‍यकता आवश्‍यकताओं की फेहरिस्‍त में अंत में आती है।  गारमेंट आप सालों साल नहीं लेंगे तो भी काम चलता है।

 

श्री नंदू ने कहा कि हमलोग लेडिज एथनिक वेयर बनाते हैं। कोरोना के बाद शादियों में गैदरिंग पर भी पावंदी है। इससे भी लेडिज एथनिक वेयर के व्‍यापार पर प्रतिकूल असर पड़ा है। ब्राइडल वेयर की खपत धटी है। आगे भी इसका असर रहेगा।

 

उन्‍होंने कहा कि हाल फिलहाल में कुछ लोग एलेक्‍ट्रोनिंग रणनीति का सेल के लिए प्रयोग कर रहे हैं। फिलहाल कमुनिकेशन के और कोई विकल्‍प नहीं है। ई कामर्स को लोग अपना रहे हैं। इसके जरिए थोड़ा थोड़ा माल बिकना आरंभ हो गया है।

 

आरी ब्रांड के पार्टनर ने कहा कि सामान्‍य हालात पैदा होने में समय लगेगा। अगले साल जुलाई तक, जब त्‍योहार शुरू होंगे, तब तक सुधार आ जाएगा। ऐसी आशा है।   

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