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गये सीजन में व्‍यापारियों में काफी उत्‍साह था: रमेश माखरिया(Silk India International Ltd तथा Silk India Creators)

 

Ramesh Makharia, Director,  Silk India International Ltd



 

मुंबई:  गया सीजन बहुत अच्‍छा रहा। माल अच्‍छा बिका। व्‍यापारियों में काफी उत्‍साह था। Silk India International Ltd  तथा  Silk India Creators  के डायरेक्‍टर श्री रमेश माखरिया ने यह जानकारी दी।

 

मुंबई स्थित सिल्‍क इंडिया इंटर्नेशनल तथा क्रियेटर्स कम्‍पनी डेजायनर साड़ी, कुर्ता पाजामा, अन्‍य लेडिज तथा जेंट्स मेटेरियल्‍स का उत्‍पादन करती है। ड्रेस मेटेरियल के उत्‍पादन में यह कम्‍पनी देश भर में अग्रणी है। कालबादेवी मुंबई में कंपनी का मुख्‍यालय है।  

सिल्‍क इंडिया के उत्‍पाद की मांग बढ़ रही है। इसे देखते हुए कम्‍पनी उन व्‍यापारियों को आमंत्रित करती है जो कम्‍पनी का एक्‍सक्‍लूसिव उत्‍पाद बेचना चाहे। उसे कम से कम पैसे लगाने की जरूरत है। उसके पास सेल्‍स की सुविधा हो । कम्‍पनी उत्‍पाद के मायने में उसकी भरपूर मदद करेगी। इस तरह इसमें लागत मामूली होगी और कमाई 40 प्रतिशत तक होगी।

 

कम्‍पनी ने एथनिक इंडिया के नाम से प्रोडक्‍ट के नए रेंज का उत्‍पादन आरंभ किया है। इसे बाजार से अच्‍छा प्रतिशाद मिल रहा है। कम्‍पनी आगामी समय में इसकी फ्रेंचाइजी बेचने पर विचार कर रही है।

 

श्री माखरिया ने कहा कि जो लोग माल ले रहे थे वे शीध्रता के साथ पेमेंट कर रहे थे। हर कोई एक दूसरे को सहयोग कर रहे थे। इसलिए भी गत सीजन अच्‍छा गया।

 

 

उन्‍होंने कहा कि अभी पेमेंट थोड़ा स्‍लो हो गया है। यह लॉकडाउन के कारण हुआ है। लॉकडाउन जैसे जैसे खुलेगा, स्थिति में सुधार होगी। यद्यपि अबकी बार पेमेंट की पोजीशन टाइट रहेगी । लोगों के हाथ में पैसा नहीं है। रिटेलरों को अबकी सीजन मिली नहीं। ईद निकल जाता तो हालात थोड़े अलग होते। इसके अलावा गर्मी की वजह से माल जाम हो गया। उन्‍होंने कहा कि स्‍कूल भी नहीं खुले तो स्‍कूल ड्रेस से जुड़े प्रोडक्‍ट भी नहीं बिके। जो लोग स्‍कूल यूनिफार्म का काम करते हैं उनका काम अटक गया।

 

श्री माखरिया ने कहा कि कपड़ा का व्‍यापार से जुड़ा  हर आदमी एक चेन से बंधा है। चेन में कहीं भी दरार पड़े उसका प्रभाव हर किसी तक पहुंचता है। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा दौर में हर इंडस्‍ट्री प्रभावित हुयी है। हर तरह का व्‍यापार नुकसान उठाने को मजबूर है।

 


उन्‍होंने कहा कि आने वाले सीजन अब दीवाली का सीजन है। उससे पहले तो कोई सीजन नहीं है। उसी के बाद शादियों का  सीजन है। उसके हिसाब से लोगों तैयारी हो रही है। हां उसपर बहुत भरोसा करना नहीं चाहिए।

 


उन्‍होंने उम्‍मीद जतायी कि कोबिड का इंजेक्‍शन जब व्‍यापक रूप से लग जाएंगे तो हालात में काफी बदलाव होंगे।

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