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उम्‍मीद है कि आगामी समय में बाज़ार में बूम आएगा : राजीव सिंह ( डोनियर इंडस्‍ट्रीज)

 

Rajeev Singh, GM Marketing 


मुंबई: इस साल दीवाली में सेल अच्‍छा रहा। ओवरऑल मार्केट काफी सकारात्‍मक और आशावान था। डोनियर इंडस्‍ट्री के मार्केटिंग प्रमुख राजीव सिंह ने यह जानकारी दी।

 

श्री सिंह ने कहा कि इसके दो कारण थे। लगभग डेढ़ दो साल से कोई धंधा नहीं हो रहा था। हर व्‍यापारी उम्‍मीद की नज़र से देख रहा था। व्‍यापारियों के जो बैकलॉग्‍स थे, वे क्लियर हो गए। दिसंबर के बाद अच्‍छा सीजन आएगा।

 


उन्‍होंने कहा कि आगामी सीजन के लिए डोनियर ने मेंसवेयर सेगमेंट में अनेक वेरायटी का उत्‍पाद किया है। डोनियर ग्रुप ब्रांडेड मेंस वेयर सेगमेंट में देश के कुछ प्रमुख उत्‍पादकों में एक है। यह अपना लगातार विस्‍तार करता जा रहा है। इस कोविड महामारी ने हमारी कंमनी को भी क्षति पहुंचाई है।  

श्री सिंह ने हालांकि कोविड के ओमिक्रोन वेरिएंट का खतरा बना हुआ है मगर फिरभी व्‍यापार अच्‍छा चलेगा। व्‍यापारी अब अभ्‍यस्‍त होते जा रहे  हैं कि कुछ भी हो उत्‍पादन जारी रखना है और व्‍यापार चालू रखना है।

 

जीएसटी के दर में वृद्धि पर श्री सिंह ने कहा कि इससे तात्‍कालिक रूप से व्‍यापार को झटका लगेगा मगर बाद में फिर व्‍यापार सहज और स्‍मूथ हो जाएगा।

 

श्री सिंह ने कहा कि टैक्‍स की दर बढ़ने से व्‍यापारी खास कर छोटे उत्‍पादक टैक्‍स की चोरी करेंगे। इसलिए टैक्‍स कम रखना व्‍यापार के वातावरण के लिए अच्‍छा है।

 

श्री सिंह ने कहा कि जीएसटी के दर में वृद्धि से उत्‍पादन मूल्‍य बढ़ेगा। यह भार अंतत: एंड कनज्‍यूमर को ही उठाना होगा। इससे मंहगाई बढ़ेगी। इस जीएसटी के दर में वृद्धि से बढ़ा उत्‍पादक भी खुश नहीं है और छोटा भी नहीं। मगर सरकार तो टैक्‍स के बगैर चल नहीं सकती।

उन्‍होंने कहा कि यह सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। इनका निर्णय और काम काज बहुत ही फोकस्‍ड है। केंद्र की मोदी सरकार बेदाग और ईमानदार है। इसका असर भी देश के कई राज्‍यों में दिख रहा है। गरीव वर्ग के लिए इस सरकार के काम काज बहुत अच्‍छे हैं। सरकार ने अनेक लोक कल्‍याणकारी योजनाए बनाकर उनकी मदद की है। मगर यह बोझ मध्‍यम वर्ग ज्‍यादा उठा रहा है। मंहगाइ से वह ज्‍यादा परेशान है। यह वर्ग वर्तमान सरकार का असल वोटर है। इस हिसाब से सरकार की आर्थिक और वित्‍तीय नीति में मिसमैच है।

 

उन्‍होंने कहा कि कोविड के दौरान लोगों की सैलरी कम हो गयी। मगर चीजों के दाम बढते रहे। मध्‍य वर्गीय लोग हर हाल में सारा बोझ सहन कर रहा है। मगर यह वर्ग आशावान है। उम्‍मीद है कि आगामी समय में बाज़ार में बूम आएगा। मगर तबतक सरकार को भी चाहिए कि वह मिडिल क्‍लास को भी कुछ इनसेनटिव दे।     

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