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सफलतापूर्वक सम्‍पन्‍न हुई फिल्‍मी फिल्‍मोनियां परिवार की मुंबई मीट


सफलतापूर्वक सम्‍पन्‍न हुई फिल्‍मी फिल्‍मोनियां परिवार की मुंबई मीट
 actor darpan shrivastava के लिए इमेज नतीजे actor darpan shrivastava के लिए इमेज नतीजे

मुंबई: फिल्‍मी फिल्‍मोनियां के फाउंडर श्री दर्पन श्रीवास्‍तव ने गत १० नवम्‍बर रविवार को मुंबई के अंधेरी पश्चिम, चार बंगला िस्‍चा में  फिल्‍मी फिल्‍मोनियां परिवार की एक मीटिंग आयोजित की। इसमें फिल्‍मी फिल्‍मोनियां के लगभग तीन से ५ सौ सदस्‍यों ने हिस्‍सा लिया। 


श्री दर्पन श्रीवास्‍तव ने इस मिटिंग में दर्शकों को आज के मौजूदा फिल्‍मी हालात से अवगत कराया। उन्‍होंने कहा कि आज फिल्‍मों में और सिरियलों में कास्टिंग का तरीका पहले जैसा नहीं रहा। आज पहले से काफी तकनीकी विकास हो चुका है। इसलिए यह पहले से आसान हो गया है। आज पहले से संभावना ज्‍यादा हैं। जरूरत है कि कलाकार जागरूक रहे और संभावनाओं को सही तरीके से तलाश करे। उन्‍होंने कहा कि आज पहले से ज्‍यादा फिल्‍मों और सिरियलों का निर्माण हो रहा है। आज ज्‍यादा कलाकारों की जरूरत है। जरूरत यह है कि कलाकार अपने को लगातार ग्रूम करता रहे, अपने उत्‍साह को बनाए रखे, और निर्वाध रूप से संघर्ष करता रहे।

 

श्री दर्पन श्री वास्‍तव ने बताया कि मुंबई में लगभग ९० एक्टिंग स्‍कूल चल रहे हैं। अधिकांश इतने महगे हैं कि लोग अफोर्ड नहीं कर सकते। दूसरी तरफ यह भी सही है कि एक्‍टर जन्‍मजात होते हैं, आप एक्‍टर बना नहीं सकते, िवसाा‍ आप बस उन्‍हें तरास सकते हैं, उन्‍हें उन टेकनिक से अवगत करा सकते हैं, जिनकी उन्‍हें तब जरूरत है जब वे कैमरा फेस करते हैं। कुछ कलाकारों को फोनोटिट प्राबलैम रहता है। उनकी जुबान साफ नहीं होती या वे कुछ वर्णों का गलत उच्‍चारण करते हैं। इन्‍हीं समस्‍याओं के मद्दे नजर उन्‍होंने सोचा एक ऐसा परिवार बनाया जाय जिसके माध्‍यम से इन कलाकारों की मदद की जाय। 

आज से कुछ साल पहले जब उन्‍होंने फिल्‍मी फिल्‍मोनियां परिवार की पहली मीट आयोजित की तो मुश्किल से आधे दर्जन लोग उसमें शामिल हुए थे। मगर उन्‍होंने यूट्यूब के माध्‍यम से अपना संदेश चालू रखा। आज देश भर में इस परिवार में ५ लाख कलाकार जुड़ चुके हैं और वे इससे लाभान्वित हो रहे हैं।

श्री दर्पन श्री वास्‍तव ने कहा कि फिल्‍में पैशन से बनती हैं। फिल्‍म बनाने के लिए और फिल्‍मों में काम करने के लिए जज्‍बा का होना जरूरी है। उन्‍होंने कलाकारों से कहा कि अपने टैलेंट को सवारते रहो। फिल्‍म बनाने वालों को टैलेंटेड लोगों की जरूरत है। यहां नाता रिस्‍ता काम नहीं आता है। अगर आप टैलेंटेड हैं तो आप को जरूर काम मिलेगा। 

उन्‍होंने सलाह दिया कि अपने भीतर झांको, सेल्‍फ ऐसेसमेंट करो, अपनी कमी को ढूंढो और सुधार करो। औडिशन देते रहो। अगर आप सलैक्‍ट नहीं होते हैं तो भी हिम्‍मत मत हारो । क्‍योंकि इसका यह मतलब नहीं है कि आप में प्रतिभा नहीं है, बस इसका यही मतलब है कि आप उनकी जरूरत में फिट नहीं बैठते हैं। बड़े बड़े कलाकार अनेक बार औडिशन में छांट दिए गये। मगर उन्‍होंने अपना संघर्ष जारी रखा और आज वे उंचे मकाम पर हैं।

उन्‍होंने यह भी सलाह दिया कि रेगुलर इनटरवल पर तमाम प्रोडक्‍शन हाउसों का चक्‍कर लगाते रहो। उनके यहां आगामी प्रोजेक्‍ट कब शुरू होंगे, इससे आगाह रहो। अपना वाट्स ऐप ग्रुप बनाकर इनफोरमेशन शेयर किया करो। उन्‍होंने कहा कि कास्टिंग डायरेक्‍टर  टैलेंटेड कलाकारों की तलाश में रहते है। अगर ४ कास्टिंग डायरेक्‍टरों की भी आप पर नजर पड़ गयी तो आप की गाड़ी चल पड़ेगी।

साथ ही उन्‍होंने सावधान भी किया कि अगर आपसे कोई पैसा मांगता है तो समझो कि मामला गड़बड़ है। यहां कभी काम नहीं मिलेगा। किसी को कार्ड के नाम पर भी पैसा देने की जरूरत नहीं है। उच्‍चतम न्‍यायालय ने एक आदेश पास कर कहा कि फिल्‍मों में काम करने के लिए किसी कार्ड की जरूरत नहीं है।

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