गांधी परिवार से वापस ले ली गयी एस पी जी सुरक्षा कवर


गांधी परिवार अर्थात सोनियां गांधी, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी से
एस पी जी सुरक्षा कवर वापस ले ली गयी। यद्यपि उनकी जेड श्रेणी की
सुरक्षा बरकरार है। फिरभी कांग्रसी सांसदों ने संसद के वेल में आकर हंगामा मचाया।
उनका आरोप था कि मौजूदा सरकार ने गांधी परिवार को अपमानित करने के लिए यह कदम
उठाया है।
एस पी जी कोई स्टेटस का सिम्बौल नहीं है
मगर हकीकत यह है कि एस पी जी कोई सम्मान या स्टेटस का सिम्बौल नहीं है। एस
पी जी सुरक्षा प्रधान मंत्री, राष्ट्रपति, और पूर्व प्रधान मंत्री
के परिवारवालों को तब मिलती है
जब उनके उपर कोई खतरा हो तो दिया जाता है। यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत एक कमीटी तय
करती है। उनके उपर खतरे की आशंका को देखते हुए उन्हें अलग अलग लेवेल की सुरक्षा
मुहैया की जाती है। उसे समय के साथ रिव्यू भी किया जाता है। और रिव्यू कमीटी ने पाया
कि यह परिवार इस सुरक्षा कवच का दुरूपयोग करता है। साथ ही अब इन्हें इस श्रेणी की
सुरक्ष कवच की जरूरत नहीं है।
एल टी टी ई से
गांधी परिवार को खतरा था
राष्ट्रपति और प्रधान
मंत्री के अलावा मात्र गांधी परिवार है जिसको यह सुरक्षा कवच हासिल है। इनको इस तरह
की सुरक्षा कबच दिए जाने के तब वाजिब कारण थे, मगर अब ऐसी
बात नहीं रही। राजीव गांधी की हत्या एल टी टी ई ने की थी। और एल टी टी ई से गांधी
परिवार को खतरा था। उसे समय के साथ रिव्यू भी किया गया। अब एलटीटीई संगठन तो खत्म
हो चुकी है। उसकी आज की तारीख में कोई गतिविधि नहीं है। दूसरी बात राजीव गांधी के
हत्यारे से प्रियंका गांधी जेल में जाकर मिलती हैं, उनके
क्षमादान की अपील करती हैं। वे सरकार से अपील करती हैं कि राजीव गांधी के हत्यारे
को फांसी नहीं दिया जाय। उससे आपने समझौता कर लिया। अब आपको किससे खतरा है।
देश को मौजूदा खतरा
कश्मीरी अलगाववादियों और आइएसआइ से है
आज की तारीख में अगर कोई
खतरा है तो वही कश्मिरी आतंकवादियों से है, पाकिस्तान
के आइ एस आइ से है, और देश को ताड़नेवाली अलगाववारदियों अराजक तत्वों से है। मगर कांग्रेस और गांधी
परिवार तो उनसे सुर में सुर मिला कर बोलते हैं। तो आप ही बताइए कि गांधी परिवार
को अब किससे खतरा है। इस पूरे मामले को यदि हम ओबजेक्टिवली देखें तो उसे किसी
एसपीजी की जरूरत नहीं है। यदि यह मात्र स्टेटस सिम्बौल है तो यह पब्लिक रेवेन्यू
का मिसयूज है। गृह मंत्रालय की कमीटी ने यह बाजाप्ता रिव्यू किया। इस पर प्रति
माह ५ करोड़ का खर्च आता है जिसकी कोई जरूरत नहीं है।
गांधी परिवार
एसपीजी के प्रोटोकोल का पालन नहीं करते हैं
इसका एक दूसरा पहलू भी है
कि आपने एसपीजी तो ले लिया मगर आप उसके प्रोटोकोल का पालन नहीं करते हैं। खबर यह
है कि जबसे इन्हें एसपीजी मिला है तबसे इन्होंने ५००० दफा एसपीजी के प्रोटोकोल
का उलंधन किया है। राहुल गांधी १८९२ बार बिना बुलेट प्रूफ गाड़ी के सफर किया है। राहुल
गांधी समय समय पर चुपके से गायब हो जाते हैं। आम तौर पर वे हर महीने हप्ते दस
दिनों में मेडीटेशन या विपासना या मनोरंजन
के लिए विदेश चले जाते हैं। प्रोटोकोल का नियम यह कहता है कि वे जहां भी
जाएंगे, एसपीजी सेकुरिटी वहां वहां जाएगी। मगर गांधी परिवार के
सभी लोग विशेषकर राहुल गांधी, एसपीजी को बताए बगैर चुपचाप गायब हो जाते हैं। प्राय:
यह हुआ है कि प्लेन के समय के आधे धंटे शेष रहता है तो वे एसपीजी को बताते हैं कि
वे विदेश जा रहे हैं। फिर एसपीजी अपने लिए टिकट आदि की व्यवस्था नहीं कर पाती है
और वे अकेले विदेश निकल जाते हैं। राहुल गांधी १९९१से अब तक १५६ दफा विदेश यात्रा
पर गये हैं। जिसमें १४३ बार उन्होंने एसपीजी सुरक्षा नहीं ली। कई बार इन्होंने
ऐसा किया है कि इन्हें जाना है आस्ट्रेलिया और ये यहां से सिंगापुर का टिकट लेते
हैं। फिर वहां पहुचकर एसपीजी को वापस कर देते हैं और वहां से खुद आस्ट्रेलिया
निकल जाते हैं। वे दरअसल कहां जाते हैं यह किसी को पता नहीं होता । ऐसा अनेकों बार
हुआ है। यूपी एलेक्शन के बाद वे अचानक गायब हो गये और एक महीना बाद लौट कर आये।
किसी को पता नहीं वे एक महीना कहां रहे। यह बताया गया कि वे मेडीटेशन के लिए किसी
अज्ञात स्थान पर चले गये। उन्होंने ना तो एसपीजी को बताया न और किसी को। जब वे
कैलाश मानसरोबर गये तो पहले वे यहां से नेपाल गये। वहां पहुचकर एसपीजी को वापस भेज
दिया। वहां से वे चाइना चले गये। इनकी हरकतों से एसपीजी भी परेशान हो चुकी है। वे
एक जुवेलाइन बच्चे की तरह हरकत करते हैं। वे एसपीजी के साथ खिलवार करते रहते हैं। पिछले चुनाव में अपने भाषनों में बार बार राहुल
और प्रियंका ने कहा है कि हमें एसपीजी नहीं चाहिए। वह हमारी जासूसी करता है। इससे हमारी निजता में दखलअंदाजी होती है। २०१५
से २०१९ के बीच प्रियंका ने ३४० बार बुलेट प्रूफ गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करके
प्रोटेाकोल का उलंधन किया। इस दरम्यान देश के दूसरे हिस्सों में उसने ६४ बार
प्रोटोकोल का उलंघन किया। १९९१ से अबतक ९९ बार वे विदेश यात्रा कर चुकी हैं जिसमें
७८ दफा वे बगैर एसपीजी के यात्रा कर प्रोटोकोल का उलंघन किया है। ये लोग अपनी
विदेश यात्रा केा गुप्त रखना चाहते हैं।
आज भी इस परिवार
को जेड सुरक्षा प्राप्त है
गृह मंत्रालय ने रिव्यू
किया और यह निर्णय लिया कि इनसे एसपीजी सुरक्षा वापस ले लिया जाय। यद्यपि इनके पास
अभी भी जेड सेकुरीटी बरकरार है, जिसमें ३६ कमांडो होते हैं। यह सुरक्षा कम नहीं है।

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