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Boycott of Chinese products started in India


चायनिज उत्‍पादों का वहिष्‍कार हुआ प्रारंभ

लुधियाना के टेक्‍सटाइल एसोसिएशंस ने की पहल
मुंबई : दुनिया भर में जो महामारी फैली है, उसका प्रारंभ चीन के वुआन शहर से हुआ है, ऐसी खबर है, और चीनी सरकार ने भी इस सच को पूरी दुनिया से छुपा कर रखा, और आज चीन की इस गलती का खामियाजा पूरी दुनिया  भुगत रही है, और जहां चीन इस महामारी से उबरना प्रारंभ कर रहा है, उसके विपरीत पूरा विश्‍व इस महामारी से  भयंकर रूप से ग्रसित हो रहा है, और ऐसे माहौल में चीन  ने दूसरे देशों की अर्थव्‍यवस्‍था में दखल देना प्रारंभ कर दिया है। वह इस परिस्थिति में भी अपना नफा देख रहा है।
महामारी से ग्रसित देशों की अर्थव्‍यवस्‍था कमजोर हो रही है, क्‍योंकि ग्रसित देशों में लौक डाउन का समय चल रहा है, जिसके चलते सारे कारखाने सारे व्‍यापार सारे कामकाज सभी कुछ बंद है, जिससे सभी देशों की कंपनियों एवं सरकार को  बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, और इसी कमजोर समय का चीन फायदा उठाना चाह रहा है। वह कमजोर पड़ी कं‍पनियों में पूंजी लगाना चाह रहा है। बड़ी कं‍पनियों के शेयर्स में भी अपना रूपया लगा रहा है। कुल मिलाकर चीन सभी देशों की अर्थव्‍यवस्‍था में सेंध लगा रहा है और उन देशों के बाजार पर अपना कब्‍जा जमाना चाह रहा है।
हमारे देश की सरकार चीन की इस चालबाजी को समझ चुकी है, और भारत में चीन की घुसपैठ को रोकने के लिए कदम भी उठा रही है, और इसी के साथ देश भर में भी यह चर्चा चल रही है कि चीनी उत्‍पादों को खरीदना बंद करना चाहिए, और इसी चर्चाओं को असलियत का जामा पहनाने का कार्य लुधियाना (पंजाब) के विभिन्‍न टक्‍सटाइल एसोसियेसंस ने किया है।
इसी लौकडाउन समय के दौरान लुधियाना के विभिन्‍न  टक्‍सटाइल एसोसियेसंस के पदाधिकारियों, जैसे बीकेपीके के प्रेसिडेंट तरून जैन बाबा, लुधियाना निटर्स एसोसिएसन के  प्रेसिडेंट अजीत लाकरा, नीटवेयर क्‍लब के  प्रेसिडेंट दर्शन डावर, लुधियाना वुलंस मैन्‍यूफैक्‍चरर्स एसोसियेसन के चेयरमैन संजू धीर, नीटवेयर क्‍लब के जेनेरल सेकरेटरी सुदर्शन मिगलानी, निटवेयर एंड अपैरेल मैन्‍यूफैक्‍चरर्स ऑफ लुधियाना के प्रेसिडेंट सुदर्शन जैन और जेनेरल सेकरेटरी अरुण अग्रवाल इत्‍यादि ने आपस में चर्चा करते हुए यह निश्‍चय किया कि सरकार से गुजारिस की जाय कि चीन से हमारा देश जो भी उत्‍पाद आयात करता आ रहा है, उस आयात को धीरे धीरे कम किया जाय और सरकार हमारे देश के उद्योगपतियों एवं व्‍यापारियों को पूरा सहयोग दे, और वह सारे उत्‍पाद हम यहां अपने देश में ही उत्‍पादित करें, जिससे हमे चीन पर रिर्भर ना रहना पड़े, और खिलौने, दीपवली के दिए, एलेक्‍ट्रोनिक आइटम्‍स, पतंगें, लाइट्स, कलर्स, स्‍पोर्ट्स के उत्‍पाद के साथ साथ टेक्‍सटाइल की मशीनरी, एक्‍सेसरीज, फैब्रिक्‍स इत्‍यादि हम अपने ही देश में उत्‍पादित करें। 
लुधियाना के इन विभिन्‍न टक्‍सटाइल एसोसियेसंस द्वारा पूरे देश में जिस तरह का अभियान चलाने की प्‍लानिंग की जा रही है, और साथ ही सरकार से भी गुजारिश करने की योजना बनायी जा रही है, जिसके अंतर्गत घरेलू उद्योगपतियों को अनेक तरह की सुविधाए दी जाय, जिससे हमारे देश की इंडस्‍ट्री सशक्‍त हो, आत्‍मनिर्भर हो, और बांकी दुनिया के देश किसी भी तरह के उत्‍पाद एवं फिनिश्‍ड प्रोडक्‍ट खरीदने हेतु  भारत देश का ही रुख करे।

लुधियाना के विभिन्‍न टेक्‍सटाइल एसोसियेसंस के दिलों में जो जजबा पैदा हुआ है और जो पहल उन्‍होंने की है, ऐसा जजबा और ऐसी पहल भारत वर्ष के हर इंसान, हर मारकेट, हर व्‍यापारम में आना जरूरी हो गयी है, क्‍योंकि इसी जजबे से देश बनता है, देश प्रेमी बनता है और देश आगे बढ़ता है। 
हमारे टक्‍सटाइल के क्षेत्र में भी चीन ने पहले से ही काफी घुसपैठ कर ली है, चाहे वो कपड़ा हो, गारमेंट हो, होम टेक्‍सटाइल की फैब्रिक हो, विविंग लूम्‍स हो, मशीनरी के एैक्‍सेसरीज हो, डायज या कलर केमिकल्‍स हो, गारमेंट एक्‍सेसरीज हो इत्‍यादि इत्‍यादि क्षेत्र में चीन घुसपैठ कर ही चुका है और अब तो हालात ऐसे हो चुका है कि हमारी टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री रेट के मामले में पूरी तरह से चाइनिज उत्‍पादों पर ही निर्भर होती जा रही थी, किंतु अब वक्‍त आ गया है आत्‍म निर्भर होने का, चीन को हमारे देश की अर्थव्‍यवस्‍था में सेंधमारी करने से रोकने का और सही मायने में मेक इन इंडिया को दुनिया के सामने पेश करने का ।

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