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After Corona, India will reach the advantage position but Congress wants to thwart it




कोरोना के बाद में भारत एडवांटेज के पोजीशन में पहुच जाएगा मगर कांग्रस इसे विफल करना चाहती है

कांग्रेस पार्टी अफवाह फैलाने में जुटी है। कल नेशनल हेराल्‍ड में एक लेख छपा है, जिसका शीर्षक है “Suspending labor laws unlikely to prompt non-Chinese companies to rush into India”
नेशनल हेराल्‍ड कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र है। इस लेख में लिखा गया है कि चीन से कोई कंपनी भारत नहीं आ रही है। भारत की स्थिति ऐसी नहीं है कि कोई कम्‍पनी यहां आ सके। इस लेख में लिखा गया है कि लेबर लॉज में बदलाव की वजह से नन चायनिज कंपनीयां भारत नहीं आएंगी। इस लेख को पढकर यह समझना मुश्किल है कि यह इनका विश्‍लेषण है या यह इनकी मंशा है?

हकीकत है कि कंपनियां भारत आ रही हैं
क्‍योंकि हकीकत यह है कि ये कंपनियां भारत आ रही हैं। ऐसी अफवाह कांग्रेस क्‍यों फैला रही है? दो दिन पहले इसी अखबार में एक और आर्टिकल छपा था। उसमें बीजिंग के एक पत्रकार, जिसका नाम डिक कौंग है, के हवालेसे दावा किया गया कि चीनी कंपनियां भारत नहीं आएंगी। उसके ट्विट पर नेशनल हेराल्‍ड ने पूरी कहानी गढ दी। और बिना कोई पड़ताल किए उसे छाप भी दिया। यह कोई बड़ा पत्रकार भी नहीं है। ट्विटर पर इसके फौलोअर की संख्‍या ६ हजार भी नहीं है। इस पत्रकार का कोई वेरीफाइड एकाउंट (ब्‍लू टिक) भी नहीं है। नेशनल हेराल्‍ड का दावा है कि यह एसोसिएटेड प्रेस का पत्रकार है। जो लगता है कि गलत है।

जाहिर है कि चीन में बैठा कोई पत्रकार चीन के विरूद्ध नहीं लिख सकता। कांग्रेस ने धूर्ततापूर्ण तरीके से उसे उधृत किया है। वास्‍तव में कांग्रेस पार्टी और विशेषकर नेहरूगांधी परिवार भारत के विरूद्ध एक प्रोपेगैंडा चला रही है।

उसने लिखा कि भारत का सुपरीम कोर्ट विकास और एनवायरोमेंट फ्रेंडली नहीं है। वह डेवलपमेंट के प्रोसेस को स्‍लो कर देता है। वह इंडस्‍ट्रीयलिस्‍टों के विरुद्ध रहता है और हमेंशा मजदूरों का साथ देता है।  

इस लेख के जरिए उसने कंपनियों को डराने की कोशिश की है कि यदि आप भारत जाओगे तो वहां का कानून, वहां की अदालत आपका साथ नहीं देगी। कांग्रेस पार्टी ने अपने अखबार नेशनल हेराल्‍ड में यह छाप भी दिया।


भारत की सच्‍चाई
पूरी दुनियां के बड़े बड़े अर्थशास्‍त्री यह कह रहे हैं कि कोरोना महामारी के बाद के फेज में भारत एडवांटेज के पोजीशन में पहुच जाएगा। भारत की साख ग्‍लोबल इकोनोमी में और ग्‍लोबल पॉलिटिक्‍स में बढने वाली है। यूरोप और अमेरिका में चीन के खिलाफ पबलिक ओपिनियन बन गया है। उससे भारत को फायदा होगा। यह रिजेक्‍टेड अपोजिशन भारत के लिए गड्ढा खोदने में लगा है। कांग्रेस ने तो बेशर्मी की हद ही पार कर दी है।

कुछ प्रमुख समाचार पत्रों की खबरें

Economic Times लिखता है कि अमेरिका की १००० से ज्‍यादा कंपनियां मोदी सरकार से बात कर रही हैं। ये कंपनियां अबतक चीन से ऑपरेट कर रही थीं । मगर कोरोना महामारी के बाद बदले परिदृष्‍य में वह वहां से सिफ्ट करने वाली हैं। इस बदले परिदृष्‍य में वे कंपनियां भारत आने का मन बना रही हैं।

Mint की एक खबर  है कि मोदी सरकार निवेशकों को लुभाने के लिए कई सारे कदम उठा रही है। इसके लिए नियम कानून और रेगुलेशंस में कई बदलाव किए गये हैं। सरकार ने इसके लिए काफी तैयारी की है। यह प्रक्रिया जारी है।

इन बातों की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दुबई के Al Khaliz में छपा है कि अमेरिकी कंपनियां भारत आने की तैयारी कर रही हैं।

कंपनियों से भारत का नेगोसिएशंस चल रहे

हकीकत यह है कि बहुत सारी ऐसी कंपनियां जो दक्षिण कोरिया की हैं, जापान की हैं, यूरोपियन कंट्रीज की हैं उन कंपनियों से भारत के नेगोसिएशंस चल रहे हैं। ३०० से ज्‍यादा कंपनियों के साथ भारत सरकार की बातचीत फाइनल स्‍टेज में है। उनका भारत में आना लगभग तय है। और ये खबरें पूरी दुनियां में फैल रही हैं।

भारत ने लगजमबर्ग से दुगुने साइज के लैंड पीसेस को चुन लिया है। इसके लिए  ४६१५८९ हेक्‍टेयर जमीन को चिंहित किया जा चुका है। ये जमीनें गुजरात, महाराष्‍ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, और आंध्र प्रदेश में हैं।

प्राथमिकता के आधार पर १० सेक्‍टर्स का चुनाव

प्राथमिकता के आधार पर सरकार ने १० सेक्‍टर्स का चुनाव किया है। वे सेक्‍टर्स हैं, एलेक्ट्रिकल, फारमाक्‍यूटिकल, मेडिकल डिवाइसेस, एलेक्‍ट्रोनिक्‍स, हेवी इंजिनियरिंग, सोलर इक्विपमेंट, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल्‍स, और टेक्‍सटाइल्‍स

३० अप्रैल को प्रधान मंत्री ने जब मुख्‍य मंत्रियों से बात की थी तो उन्‍होंने जब मुख्‍य मंत्रियों को अपने अपने राज्‍यों के लिए योजना बनाने को कहा था। उत्‍तर प्रदेश में योगी जी ने जमीन एलौट करने के लिए औन लाइन सिस्‍टम बना दिया है। यूपी के अधिकारी कई सारी ग्‍लोबल कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं। योगी सरकार डिफेंस और एरोस्‍पेस कं‍पनियों से भी बात कर रहे हैं। कर्नाटक सरकार भी एग्रेसिवली प्रयासरत है।

भारत सरकार और राज्‍य सरकारें कोरोना महामारी से लड़ रही हैं। साथ साथ लॉकडाउन खत्‍म होने के बाद जो चुनौतियां आने वाली है, उससे कैसे पार पाना है, उस पर काम कर रही है।

ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी राष्‍ट्र विरोधी अफवाह फैलाने में मसगूल

ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी राष्‍ट्र विरोधी अफवाह फैलाने में लगी है। नेशनल हेराल्‍ड में वे छाप रहे हैं कि चीन की कोई कम्‍पनी भारत नहीं आने वाली है। एक कहाबत है कि, चोर चोरी से जाय, हेराफेरी से न जाय। यही हाल कांग्रेस का है। ये आचरण शर्मनाक है। राहुल, सानियां, कांग्रेस का पूरा गिरोह यह तय कर चुका है कि वे देश को बरबाद करके ही छोड़ेंगे। भारत की तरक्‍की में वे हर तरह का बाधा पैदा करेंगे। इन्‍होंने प्रण कर लिए है कि चाहे जो भी हो देश का भला नहीं होने देंगे। उसके लिए झूठ, फरेब, फेक न्‍यूज, अफवाह, का सहारा क्‍यों न लेना पड़े। वे पाकिस्‍तान और चीन के माउथ पीस बनने से भी पीछे नहीं हटते हैं। वे जनता में असंतोश पैदा कर रहे हैं। निगेटिव राजनीति करना इनकी राजनीति का एक मात्र सूत्र बन गया है। 

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