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Fabric products will have to wait for normalcy to occur: Raman Jindal



फैब्रिक उत्‍पादकों को सामान्‍य स्थिति आने का इंतजार करना ही पड़गा: रमण जिंदल

मुंबई: जनहित सबसे महत्‍वपूर्ण है। जान बचेगा तभी व्‍यापार हो पाएगा। देश, समाज सब ठीक रहता है, तभी व्‍यापार भी ठीक चलता है।  अभी हमें उनलोगों की ज्‍यादा चिंता होनी चाहिए जिनके सहयोग से व्‍यापार चलता है। बजाज सिल्‍क फैब के डायरेक्‍टर श्री रमन जिंदल ने यह यह जानकारी दी।


उन्‍होंने कहा कि व्‍यापार की स्थिति तो खराब हो गयी है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है, मगर वर्तमान समय में हमारे पास कोई विकल्‍प नहीं है  । अभी परिवार, रिश्‍ते नाते, कर्मचारी नौकर चाकर, मजदूर आदि सबों की चिंता करने का वक्‍त है।

बजाज सिल्‍क फैब के डायरेक्‍टर ने कहा कि फरवरी २०२१ से पहले फैब्रिक उत्‍पादकों की स्थिति उबरने वाली नहीं है। अगर हप्‍ता भर एडवांस में फैब्रिक उत्‍पादकों को अंदाजा होता, तो उनका काम अधूरा नहीं रहता। फैब्रिक उत्‍पादकों का काफी कुछ काम अधर में लटक गया है। कुछ फैब्रिक उत्‍पादकों के माल ट्रास्‍पोर्ट मे फंस गया। उनको पहले से अंदाजा नहीं था। यद्यपि मोदी जी ने पूरे देश को सामने रखकर जनहित में यह फैसला लिया। इसके लिए मैं उनको नमन करता हूँ।


उन्‍होंने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक के चक्‍कर में एक विशेष समुदाय को छूट दे रही हैं, इससे स्थिति बिगड़ रही है। उसके कारण सारा मुंबई और राज्‍य के दूसरे शहर, गांव आदि प्रभावित हो रहे हैं, यह दुख की बात है।


श्री रमन जिंदल ने कहा कि देश चलानेवाले लोग,  व्‍यवस्‍था संभालने वाले लोग, अस्‍पताल चलाने वाले लोग, आदि सब फिलहाल कठिनाइयों से गुजर रहें हैं।  ‍ठंव आदि प्रभावित हो रहा दे रहह सबकुछ का रास्‍ते पर आना जरूरी है। तभी व्‍यापार की बात हो पाएगी।
उन्‍होंने कहा कि इस प्रकार हमारी ईद की तैयारियां थी, यदि हमे थोड़ा और वक्‍त मिल जाता या यह मार्च एंडिंग तक का समय मिल जाता, तो हमलोग इतनी मुश्किल में नहीं होते। बीच में कोई चीज  रोकना मुश्किल होता है।

श्री रमन जिंदल ने कहा कि  इसमें किसी भी सरकार का दोष नहीं है। लोगों को घर से नहीं निकलना चाहिए। सरकार को भी उन लोगों के विरुद्ध कठोर कदम उठाना चाहिए जो इन प्रतिबंधों का पालन नहीं करते।

उन्‍होंने कहा कि उत्‍पदन के लिए अभी हर तरह से पतिकूल माहौल बन गया है। मजदूरों और कारीगरों को घर से बुलाबा आ रहा है। यह स्थिति ज्‍यादा खराब है। यहां मजदूरों की वास्तिविक स्थिति उतनी खराब तो नहीं है। हमलोग बतोर उद्योग के मालिकान उनको यथा संभव संहाल रहे हैं। मगर उनके घर से बार बार फोन आता है कि आ जाओ। वे उन्‍हें फोन कर कर के परेशान कर रहे हैं। वो भी एक बहुत बड़ी समस्‍या है।

बजाज सिल्‍क फैब के डायरेक्‍टर ने कहा कि जहां तक भिवंडी औद्योगिक क्षेत्र की बात है, या महाराष्‍ट्र के कपड़े उत्‍पादन का मामला है, जब लॉकडाउन की स्थिति नियत्रण में आ जावे तब जाकर उद्योग बड़ी मुश्किल से १० प्रतिशत की कैपेसिटी से चल पाएगा। फिलहाल उत्‍पादन आरंभ करना काफी मुश्किल लगता है। हमें सामान्‍य स्थिति बनने का इंतजार करना ही पड़गा।  अभी हमें संयम से रहने की जरूरत है। उत्‍पादकों को सरकार के निर्णय का पालन करना चाहिए। इसी में सबका भला है।

उन्‍होंने कहा कि व्‍यवसायियों को लालच में नहीं पड़ना चाहिए। हमे इस आफत की घड़ी में देश समाज सबके बारे में चिंता करनी चाहिए। व्‍यक्तिगत फायदे के चक्‍कर में देश समाज का नुकसान नहीं करना चाहिए।

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