
बड़े शहरों में लॉकडाउन देर से खुलेगा, उत्पादकों को एहतियात बरत कर काम करना पड़ेगा: एच के एस मलिक
मुंबई: बड़े शहरों में लॉकडाउन देर से खुलेगा। काम काज अब धीरे धीरे चालू
हो जाएगा। स्थिति को संहालने में समय तो लगेगा। अपने को एहतियात बरत कर काम करना
पड़ेगा। नारायण सिंथैटिक्स पा.लि. के डायरेक्टर श्री एच के एस मलिक ने यह
जानकारी दी।
उन्होंने ने कहा कि धीरे धीरे बाजार भी खुलेगा। इंडस्ट्री
को खुलने का परमीशन तो दे ही दिया गया है। शहरों में दफ्तर खोलने की अभी तकलीफ है।
अभी पचीस तीस परसेंट चालू होने की स्थिति बन गयी है। बाकी तो सब ठीक है। आगे काम
चलेगा। गांवों में थोड़ा थोड़ा काम चलना शुरू हो गया है। जो ग्रीन और औरेंज जोंस
हैं वहां सोशल डिस्टैंसिंग रखकर काम आरंभ हो गया है। दुकाने खुलने लगी हैं। फसलें
भी कट रही है। देहातों में काम काज चालू हो जाएगा। 
नारायण सिंथैटिक्स पा.लि. के डायरेक्टर ने कहा कि सबसे बड़ी दुख यह है कि
अन औरगेनाइज्ड लेवर इधर उधर हो गये। सरकार की प्लानिंग थोड़ी चूक गयी। सरकार की
मेगा प्लानिंग तो ठीक थी मगर माइक्रो प्लानिंग में चूक हो गयी। उससे काम थोड़ा
लंबा हो गया। 
उन्होंने ने कहा कि जैसे जैसे गाडियां चलना आरंभ होगी
लोग बाग घर भागेंगे। फिर उनको लौटने में कुछ महीने लग जाएंगे। कुछ तो आएंगे भी
नहीं। यही कुछ महीने पहले होता जब लोग इतने संक्रमित नहीं हुए थे तो हालात बेहतर
होते। लोग अपने घर ठिकाने से पहुच जाते। यह देखकर दुख पहुंचता है। 
श्री एच के एस मलिक ने कहा कि हमारे इंडस्ट्री में ज्यादा तो औरगेनाइज्ड
लेवर हैं। वे तो नब्बे पंचानवे प्रतिशत इधर ही हैं। हमारे औपरेशन तो चालू हो गये।
हमने काम चालू कर दिया है। सबको हमने काम पर लगा दिया है। सबको पेमेंट भी दे दिया
है। काम का तरीका बदल दिया है। जैसे विवरो को जो दो सिफ्टों में ८ लूम चलाते थे
उन्हे एक ही सिफ्ट में चार चार लूम दे दिया है चलाने को। सबको काम पर लगा दिया
है। सबको थोड़ी थोड़ी पगार आनी चाहिए। कोई खाली नहीं रहना चाहिए। सबको पैसे आने
चाहिए। धीरे धीरे सब ठीक होता जा रहा है। छोटे जो जॉब वर्क वाले हैं उन्हें थोड़ा
टाइम लगेगा। 
उन्होंने ने कहा कि सूरत और अहमदाबाद के डाइंग हाउस बंद
पड़े हैं। टेक्सटाइल इंडस्ट्री तो एक चेन में चलती है। जबतक पूरा चेन चालू नहीं
होगा तबतक तो काम स्मूथली नहीं हो सकता। अभी सब कुछ सहज होने में थोड़ा टाइम तो
जाएगा। 
श्री एच के एस मलिक ने कहा कि एक्सपोर्ट में भी बाजार खराब हो चुका है।
नये ऑरडर लाने में अब समय लगेगा। चेन टूट गयी है। टाइम जो जाएगा थोड़ा। स्थिति को
सामान्य होने के लिए दिवाली तक तो कम से कम इंतजार करना ही होगा। तब तक रो रो के
चलता रहेगा। 
उन्होंने ने कहा कि अभी मुख्य बात है कि सब की सेहत
ठीक रहे। हालात कंट्रोल में रहे। मुंबई की स्थिति अभी नाजुक है। देश की इकोनोमी तो
इन्हीं बड़ी मेट्रो शहरों में है। इसको संहाला आसान नहीं है। समय से ही निकलेगा
इसका हल।  
 

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