मुंबई:  देश भर में
कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं। राज्य में २४४२७ एक्टिव मामले
सामने आए हैं। इसमें ३५२५ केसेस २४ घंटो में दर्ज किए गये हैं। राज्य में अब तक ९२१
लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे भारत में अब तक कुल ७४२८१ मामले सामने आ चुके हैं। और
देश भर में कुल २४१५ लोगों की की मौत हो चुकी है।
मुंबई शहर अब वुहान बनने जा रहा है
मुंबई शहर अब वुहान बनने जा रहा है। यहां कोरोना के १५००० मामले सामने आ चुके हैं। यहां
मोरटैलीटी रेट ३.८ प्रतिशत है। जो देश भर में सर्वाधिक है।  राज्य भर से प्रति दिन १००० नए मामले दर्ज हो रहे हैं। शुरू के ५३ दिनों में यहां बस
१० हजार मामले थे। यह बढकर २२ हजार हो गये
हैं। सबसे ज्यादा डर धाराबी एरिया से है। यह एशिया का सबसे बड़ा स्लम है। यहां लगभग ६
लाख लोग रहते हैं।  
उद्धव ठाकरे पर प्रशासनिक अनुभवहीनता का आरोप
भाजपा के अलावा कांग्रेस के संजय निरूपम और एनसीपी के छगन भुजबल यह आरोप लगा चुके हैं कि उद्धव ठाकरे के प्रशासनिक अनुभवहीनता के कारण महाराष्ट्र का यह हाल
हुआ है। वे लम्बे लॉक डाउन का भी फायदा नहीं उठा सके। वे राज्य में लॉक डाउन का
सख्ती से पालन नहीं करा सके। सच तो यह है कि उन्हें एनसीपी और कांग्रेस का साथ भी नहीं मिल पा
रहा है। ये पार्टियां एमएलसी चुनाव में व्यस्त है। बांद्रा में मजदूरों को
एकत्रित करने में उन्हीं लोगों का हाथ पाया गया था। पालघर में साधुओं की हत्या
के मामले में भी उन्हीं लोगों के हाथ पाए गये। 
पुलिसकर्मी भी कोरोना से सुरक्षित नहीं 
राज्य में मेडिकल और दूसरी सुविधा की भी कमी है। महाराष्ट्र में
पुलिसकर्मी भी कोरोना से सुरक्षित नहीं हैं। आए दिन पलिसकर्मी कोरोना पौजीटिव पाए
जा रहे हैं। मुख्य मंत्री ने केंद्र से सेंट्रल रिजर्व पुलिस भेजने की मांग की है।
केंद्र ने इसे मान भी लिया है। 
देश के दूसरे हिस्सों का हाल
दिल्ली में ६९२३ मामले सामने आए हैं और ७३ की मौत हो गयी। गुजरात में ८१९४ मामले
सामने आए  और ४९३ की मौत हो गयी। उत्तर
प्रदेश में ३४०० मामले आ चुके हैं और ७४ लोगों की मौत हो चुकी है। राजस्थान में
३४१४ मामले आ चुके हैं और १०७ लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश में ३६१४
मामले अर चुके हैं और २१५ लोगों की मौत हो चुकी है। तमिल नाडु में ७२०४ मामले आ
चुके हैं और ४७ लोगों की मौत हो चुकी है। पश्चिम बंगाल में १९३९ मामले आ चुके हैं
और १८५ लोगों की मौत हो चुकी है। पंजाब
में १८२३ मामले आ चुके हैं और ३१ लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार में ६९६ मामले आ
चुके हैं और ६ लोगों की मौत हो चुकी है।
गाइड लाइंस
हर जिले में प्रतिमाह ८०० टेस्ट होंगे। ये टेस्ट रूटीन जांच से अलग
होंगे। 

 

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