Textile Post

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The textile industry is struggling with both problems, health and business: Sajjanraj Kawar


टेक्‍सटाइल जगत दो प्रकार की समस्‍याओं से जूझ रहा है, एक स्‍वास्‍थ्‍य की और दूसरी व्‍यापार की :  सज्‍जनराज कवर

मुंबई: टेक्‍सटाइल जगत मौजूदा समय में दो प्रकार की समस्‍याओं से जूझ रहा है, एक स्‍वास्‍थ्‍य की और दूसरी व्‍यापार की । जब तक इसका इलाज नहीं आएगा तब तक संकट छटने वाला नहीं है। कपड़े के व्‍यापार पर बहुत भयानक असर पड़ने वाला है। आदमी की आवश्‍यकताओं के लिस्‍ट में कपड़ा बहुत बाद में आता है। हर आदमी डरा हुआ है। ऐसे में कपड़े के बारे में तो वह बहुत सारी दूसरी आवश्‍यकताओं के बाद सोचेगा। V-Tex Lifestyle Mills के एक्‍जेक्‍यूटिव डायरक्‍टर श्री सज्‍जनराज कवर ने यह बताया।  


उन्‍होंने ने कहा कि २०२० में मुश्किल से २५ प्रतिशत सेल हो पाएगा। जबतक हालात सामान्‍य नहीं होती है तब तक तो मजदूर लौटने वाले नहीं हैं। पिछले अनुभब से यह तथ्‍य सामने आता कि ऐसी महामारी के समय में मुश्किल से ३० प्रतिशत कामगार जो आस पास के इलाके के रहने वाले हैं, उन्‍हीं से उत्‍पादन करना पड़ता है। ७० प्रतिशत कामगार जो दूसरे राज्‍यों से आकर काम करते है, वे तो काफी समय तक आएंगे ही नहीं। जो ५० किलोमिटर के दायरे के मजदूर हैं, उन्‍हीं से कारोबार चलेगा। ऐसी स्थिति में कल कारखाने फुल फ्लेजेड तो चालू ही नहीं होंगे। इससे टेक्‍सटाइल का चेन पूरा नहीं होगा। व्‍यापार पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। हमे काई अच्‍छा भविष्‍य नजर नहीं आ रहा है।

श्री सज्‍जनराज कवर ने कहा कि जिनका औन लाइन काम है उनका काम चलेगा। जिनका फार्माक्‍यूटिकल का काम है, उनका काम चलेगा। जिनका फूड सपलाइ का काम है, उनका काम चलेगा। कपड़ा व्‍यापार के चलने की कोई उम्‍मीद नहीं है। स्थितियां भयावह होने वाली है।

V-Tex Lifestyle Mills के एक्‍जेक्‍यूटिव डायरेक्‍टर ने कहा कि
जो मजदूर गांव लौट गये वे दीवाली से पहले नहीं आएंगे। दीवाली से पहले काम धाम शुरू होने के कोई लक्षण नहीं नजर आता है।

उन्‍होंने ने कहा कि मजदूरों को उनके परिवार वाले बार बार फोन कर कर के बुला रहे थे। वे कहते थे तुम कैसे भी करके आ जाओ। यद्यपि गांव जाकर उन्‍होंने कोई अच्‍छा काम नहीं किया। उनके लिए भी मुश्किलें बढने वाली हैं। दूसरी तरफ उत्‍पादकों का भी नुकसान होनेवाला है। यह सब भय के कारण हुआ है। जो कुछ हुआ है वह किसी ने सोचा नहीं था। मगर यही होनी थी और यही हो गया।

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