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Baba ka Dhaba: The rise and fall

 

 

Baba Kanta Prasad


 

मैं अपनी बात इस शेर से शुरू करता हूं।

 

बड़े कमवख्‍त होते हैं ये गुब्‍बारे

चंद सांसो में फूल जाते हैं।

थोड़ी सी ऊंचाइ पाकर

अपनी औकात भूल जाते हैं।

 

 

पेट और अंहकार यदि बाहर आ जाय तो आपको कोई गले नहीं लगा सकता। बाबा के ढाबा के साथ यही हुआ। अब लोगों को गरीबों की मदद करने की हिम्‍मत टूट जाएगी और उसका विश्‍वास टूट जाएगा ।  

 

दिल्ली के मालवीय नगर में स्थित बाबा का ढाबा अभी भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।  जिस यू ट्यूबर ने बाबा का सारा दुख हर लिया उसी पर बाबा ने धोखाधरी का इलजाम लगाया। बेचारा मददगार रो रहा था। लोगों को और पुलिस को अपना बैंक अकाउंट दिखा रहा था।  

 


7 अक्‍टूबर २०२० की बात है। एक यू-ट्यूबर व फूड ब्लॉगर गौरव वासन ढाबा चलाने वाले बुजुर्ग कांता प्रसाद की बुरी हालत देखकर पसीज जाता है। गौरव वासन स्‍वाद स्‍पेशल नाम से अपना ब्‍लॉग यू ट्यूब पर काफी समय से चलाता है। वह काफी लोकप्रिय ब्‍लॉगरों में सुमार किया जाता है। इससे पहले वह १०० से ज्‍यादा ब्‍लॉग लोड कर चुका है। लाखों लोग उसके प्रोग्राम को देखते हैं और पसंद करते हैं । बतोर एक फूड ब्‍लोगर उसकी अच्‍छी साख है।

 

बाबा की हालत देखकर यू-ट्यूबर व फूड ब्लॉगर गौरव वासन ने यह तय किया कि उसकी मदद की जाय। उसने अपने ब्‍लॉग पर लोगों से बाबा को मदद करने की अपील की। विडियो वायरल हो गया।   लोगों ने उसकी अपील को सर आंखों पर लिया । और उसकी अपील इतनी असरदार थी कि लोगों ने बाबा की दिल खोल कर मदद की। और अब बाबा कहते हैं कि गौरव ने उसका पैसा लूट लिया।

 

बाबा उस यू-ट्यूबर व फूड ब्लॉगर गौरव वासन पर ऐसे इल्‍जाम लगा रहा है कि लगता है कि बाबा ने कमा कर पैसा जमा किया था और उस यू ट्यूबर ने  उसके साथ फ्रॉड कर लिया। उसका रुपया लूट लिया।

 

यह बाबा जिंदगी भर में लाख रुपया नहीं खड़ा कर पाया। जिस गौरब की वजह से उसे ४६ लाख रुपये मिल गये, उसे ही वह बदनाम कर रहा है। उसे रूला रहा है। अब तो पूरे भारत के गरीबों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अमीर लोग ही तो गरीब की मदद करते हैं और कर सकते हैं । वे सभी समाचार देखते हैं, या पढते हैं। उनको यह सामाचार सुनकर धचका लगा है।

 

Food Blogger Gauav Vasan

 

दो दिनो के भीतर ही उसका विडियो वायरल हो गया। ९ अक्‍टूबर से ढाबे पर भीड़ आनी शुरू हो गयी। लोगों ने खाना खाया। इसके बदले किसी ने ५०० रुपये दिए तो किसी ने १००० रूपये दिए। उस दिन ७५००० रुपये इकटठा हो गया। शाम को गौरव ने उनका पैसा बाबा के साथ  बैंक में जाकर जमा कराया। (बाबा का आरोप यह भी है कि उन्‍हें रशीद नहीं दिया। हमे नहीं पता कि गौरव ने पैसा जमा किया या नहीं) मगर बाबा के अकाउंट में वे पैसे जमा दिखते हैं।

 

बाबा ने बताया कि उसके बाद बाबा को रात में कुछ लोगों ने फोन किया कि बाबा तुम हमें अपना अकाउंट नम्‍बर दो। हम तुम्‍हें मदद करना चाहते हैं। बाबा ने सबों को अपना खाता नम्बर दे दिया।

 



१० अक्टूबर को गौरव बाबा के ढाबा पर आए। उसके बाद काई सुशांत (जिसे बाबा ने मैनेजर नियुक्‍त कर रखा था) उसको बाबा ने अपना फोन दे दिया और बाबा के विहाफ में वह उस मामले में लोगों से संपर्क करने लगा।       

७ अक्‍टूबर को गौरव का जो ब्‍लॉग वायरल हुआ, उसमें गौरव के द्वारा इसके लिए जो फंड जमा किए जाने थे, उसके लिए गौरव वासन ने अपना बैंक अकाउंट और अपनी बीवी का पेटीएम एकाउंट शेयर किया था। उसके पास उन अकाउंट पर  ३ लाख ३३ हजार और उसकी पत्‍नी के पेटीएम में ४५ हजार रुपये आए। कुल मिलाकर यह रकम ३ लाख ७८ हजार बनते हैं, जो उसने बाबा को दे भी दिया। गौरव वासन के पास बतौर सबूत वे बैंक स्‍टेटमेंट है, जो वह पुलिस को और मीडिया को वह दिखा चुका है।

 


मगर बाबा  कांता प्रसाद को कुछ दूसरे यू टयूबर्स ने, और नये नियुक्‍त मैनेजर ने कान भरे कि गौरव वासन के अकाउंट में २० लाख से २० करोड़ रुपये आए होंगे, और उसने तो तुम्‍हें बस ३ लाख ७८ हजार रुपये ही दिये

 

 

बाबा के लिए  जो मदद मिली उस रकम में हेरफेर के आरोप में मालवीय नगर थाने में आनन फानन में बाबा ने यू-ट्यूबर गौरव वासन पर दफा ४२० के तहत जालसाजी  का मुकदमा दायर कर दिया। गौरब को आज पुलिस स्‍टेशन का चक्‍कर काटना पड़ रहा है।

 


९ अक्‍टूबर से बाबा का ढाबा देश भर में लोकप्रिय हो गया। बाबा के नम्‍बर पर फोन आने लगे। दुकान पर भीड़ आने लगी। तब बाबा कांता प्रसाद लोगों को अपना बैंक अकाउंट नम्‍बर शेयर करने लगे। जबकि गौरव वासन ने अपने औडिएंस को यह अपील की थी कि अब बाबा को और मदद की आवश्‍यकता नहीं है। अब आप दूसरे गरीबों की मदद करें जिनको मदद की जरूरत है। मगर इस देश में एक भेरिया धसान है। लोग बाबा के अकाउंट में पैसे भेजते रहे और इस तरह सूत्रों के मुताबिक यह बताया जा रहा है कि कांता प्रसाद के पास अभी तक देश-विदेश से करीब 46 लाख रुपये आ चुके हैं।

 

अचानक भारी मात्रा में आए पैसे के कारण तत्‍काल  बाबा का बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया है। मगर अब बाबा उस पैसों का उपभोग कर रहे हैं। बाबा ने कार खरीद लिया, घर खरीद लिया, दुकान खरीद लिया। उसने मैनेजर और वकील हायर कर लिया। अब बाबा मेन स्‍ट्रीम मिडिया को ही इंटरव्‍यू देते हैं । यू ट्यूबर और ब्‍लोगर को खड़ा ही नहीं करते हैं। उनसे बोला जाता है कि पहले अपना आइ कार्ड दिखाओ कि तुम किस मीडिया हाउस के पत्रकार हो।

 


 

दक्षिण जिले के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गौरव वासन ने अपना और अपनी पत्‍नी का सारा बैंक अकाउंट डिटेल ( ७ अक्‍टूबर से २ नवम्‍बर तक) पुलिस को जमा कर दिया है। शुरुआत में उसने  अपने सोशल मीडिया एकाउंट स्वाद ऑफिसल पर अपना और पत्नी का बैंक एकाउंट शेयर किया था। मगर बाद में उसने अपने ब्‍लॉग पर लोगों से यह अपील की थी कि अब इसमें पैसे न जमा करें । बाबा को जितनी मदद चाहिए थी वह हो चुकी है। गौरब और उसकी पत्‍नी  के बैंक खाते में ३७८००० रुपये आए थे। गौरव वासन बाबा को वे पैसे दे चुके हैं।

 

 

अब बाबा यह भी कहते हैं कि गौरव वासन की सबसे बड़ी गलती यह है कि हमने उससे कोई मदद मांगी नहीं थी। न हम उसके पास गये। वह खुद हमारे पास विडियो बनाने चल कर आया। वह फ्रॉड करने के लिए हमारे पास आया था। उसने हमारे लाखों रुपये लूट लिए। यह रकम २० लाख से २० करोड़ तक हो सकती है।  

 

कुछ प्रतिस्‍पधा करने वाले ब्‍लोगर का आरोप है कि गौरव ने अपना अकाउंट सोशल मीडिया पर क्‍यों शेयर किया। इसका जवाब यह है कि इसमें कोई गलती नहीं है। उसके अकाउंट में बाबा की मदद के नाम पर जो भी पैसे आए, उसने बाबा को एक एक पाई दे दी।

आखिर स्‍वाद स्‍पेशल ब्‍लॉग पर जो दर्शक हैं, वह तो गौरव की लोकप्रियता के कारण उसे देखते हैं। लोगों ने गौरव के फेस वैल्‍यू के कारण पैसे दिये। गौरव के गुडविल के कारण ही लोगों ने उसके अकाउंट पर पैसे जमा किए। पैसा देने वालों को गौरव पर भरोसा था, तभी उन्‍होंने उसके अकाउंट में पैसे डाले। इसके अलावा गौरव ने पैसे की कोई हेराफेरी नहीं की, यह दक्षिण जिले के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है। अखवारों में इसका उल्‍लेख है।  

 

बाबा अब प्रेस कांफ्रेंस करके गौरव पर जालसाजी का इलजाम लगा रहे हैं। गौरव पर यह इल्‍जाम लागाता है कि इसने हमारे लाखों रुपये मार दिये हैं। वे यह भी कहते हैं कि हमारे पास आज जो मनेजर है और वकील है वह निस्‍वार्थ होकर हमारा सहयोग करते हैं। वे हमसे कोई पैसा नहीं लेते हैं। यह तो बहुत बड़ा झूठ है। बाबा के झूठ और फरेब का यह सबूत है। क्‍या ऐसा हो सकता है ? जब बाबा गरीबी में थे और भर दिन में ३०० रूपये का व्‍यापार नहीं हो पा रहा था तो वे लोग जो कहते हैं कि निस्‍वार्थ बाबा की मदद कर रहे हैं वे कहां थे? ऐसे निस्‍वार्थ लोगों की तब जरूरत थी।

 

 

इस धटना के बाद सामान्‍य रूप से लोगों में यह धारणा बनी है कि ये गरीब लोग गरीबी में ही अच्‍छे हैं। अचानक अमीरी इनको रास नहीं आती है। सामान्‍यत: लोग गरीबों की जो मदद नहीं करते, उसकी वजह शायद यही है। गरीब प्राय: स्‍वभाव से कृतघ्‍न होते हैं।  उनकी मदद करके साधारणत: आदमी मुश्किल में फस जाता है। उसकी बदनामी अलग से होती है। जो जैसा है उसे वैसा ही रहने दो। भगवान उसकी परवाह कर लेगा। आप अपना ही काम मन से करें।

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