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मुंबई के व्‍यापार की कठिनाइयां........ : शिखरचंद जैन (उपाध्‍यक्ष, हिंदुस्‍तान चैम्‍बर ऑफ कामर्स)


  

Shikhar Jain, Vice President, Hindustan Chamber of Commerce

 

मुंबई: वर्तमान में व्‍यापार लड़खड़ा रहा है। इस समय वही माल बिक रहा है जिसकी जरूरत है। ऐसे में भुगतान प्राप्ति की बिकट समस्‍या है। हिंदुस्‍तान चैम्‍बर ऑफ कामर्स के उपाध्‍यक्ष श्री शिखरचंद जैन ने यह जानकारी दी।

 

श्री जैन ने कहा कि इसके कई कारण हैं। लोकल ट्रेन चालू  नहीं है। स्‍टाफ आ नहीं पा रहे हैं। मेरे ऑफिस में २० लोगों का काम है और मैं ४ लोगों से काम चला रहा हूं। सेल्‍स मैनों का बाहरगांव जाना आना बिलकुल बंद है। न माल जा रहा है न पेमेंट आ रहा है। मुंबई इन दिनों भारी असुविधा से गुजर रहा है। अहमदाबाद, सूरत, भीलवाड़ा आदि जगह ऐसी दिक्‍कत नहीं है जैसी दिक्‍कत मुंबई में हो रही है। पूरा देश चालू है सिवाय मुंबई के।

 

 

 

अभी महाराष्‍ट्र सरकार ने अन्‍य राज्‍यों से हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों का कोरोना टेस्‍ट अनिवार्य कर दिया है। इसका शुल्‍क रुपया ८५० प्रति व्‍यक्ति वसूला जा रहा है, जो कि अन्‍याय है। कोरोना पोजीटिव निकल आने पर कोरेंटाइन भुगतना होगा। ऐसे में कौन मुंबई आना चाहेगा?

 

 

श्री जैन ने बताया कि घरेलू (नेशनल) व्‍यापार उधारी में नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि भुगतान निश्‍चित नहीं है। हां, निर्यात व्‍यापार ठीक चल रहा है। आज जो कपड़े का उत्‍पादन हो रहा है, वह निर्यातोन्‍मुख है। हमे इस अवसर का लाभ उठाकर निर्यात को अधिक ध्‍यान में रखना चाहिए।

 

श्री शिखरचंद जैन ने कहा कि उनकी कम्‍पनी मेसर्स राजेश रेयोन सिल्‍क मिल्‍स लिमिटेड ने अपने विख्‍यात ब्रांड आर आर लीन के अंतर्गत कपड़े के उत्‍तम क्‍वालिटी के मास्‍क बनाकर रुपये ३०० प्रति दर्जन से बेच रहे हैं। इस काम के लिए महिला शक्ति का उपयोग हो रहा है। महिलाओं को प्रति माह १५ से २० हजार की कमाई हो रही है। यह कार्य समाज सेवा का एक भाग है। आज राष्‍ट्र और पूरे विश्‍व को इसकी जरूरत है।

 

मुंबई में लोकल ट्रेन और देश में रेलगाडियां पूरी तरह चालू नहीं होने से न तो स्‍टाफ आ रहा है और न सेल्‍स मैन बाहर देश भर में जा पा रहे हैं। अत: व्‍यापार एवं भुगतान दोनो में बहुत कठिनाई है।

 

कुल मिलाकर मुंबई के व्‍यापार की हालत ठीक नहीं है।

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